Wednesday, April 10, 2024

MITRA ( JIVAN )

 

                                   मित्र 


सुदामा गए मित्र के घर ,कृष्ण के घर ,

साथ ले गए थोड़े पोहे ,कृष्ण के लिए उपहार ,

कृष्ण ने चरण पखारे उनके ,साथ दिया पत्नी ने ,

कृष्ण ने खाए दो मुट्ठी ,फिर रोका पत्नी ने || 


बरसों बाद दो मित्र मिले ,एक थे राजा और दूसरे रंक ,

क्यों रंक मित्र ही पहुँचा ,राजा मित्र के महल में  ?

राजा मित्र भी तो जा सकता था ,रंक मित्र की झोंपड़ी में  ?


दुनिया का दस्तूर है दोस्तों ,रंक को ही राजा की याद आती है ,

राजा को रंक की याद कहाँ ? वह तो अपनी दुनिया में खोया है ,

अब तो उसके मित्र ,रिश्तेदार भी उसी के स्तर के हैं ,समझे ?? 


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