Sunday, May 5, 2024

SEEKH JAAOGE ( KSHANIKAA )

 

                                 सीख जाओगे  


 प्यार है एक दवा ,मुस्कान है एक दुआ ,

कोई दोस्त गर ,बीमार है दोस्तों ,

दे दो उसे दवा और ,अपनी दुआ दोस्तों || 


मीठे बोलों में ,घोल कर दवा को ,

पिला दो अपने दोस्त को ,

मर्ज दूर होगा ,और दर्द मिट जाएगा दोस्तों || 


मुस्कानों की ,गोलियाँ खिला दो उनको ,

ताकि दर्द कम हो जाए दोस्तों ,

और उनकी मुस्कानें भी ,थोड़ी खिल सकें || 


जरा देखो तो ,कैसा असर होता है ? 

मीठे बोलों ,प्यार और मुस्कानों का ,

हमारी दी हुई सीख से तुम ,

बहुत कुछ सीख जाओगे ,सीख जाओगे || 


GUPSHUPI CHAAY ( JALAD AA )

 

                        गपशपी चाय 


आसमां पर उड़े ,जा रहे जो बदरा ,

जब थके ,पर्वतों के ऊपर से गुजरे ,

तो पर्वतों ने रोका ,कहा ,आओ दोस्त !

आराम कर लो ,पल दो पल ,

बदरा  रुके आराम करने || 


पर्वतों ने मुझको आवाज दी ,

सखि !आओ जरा चाय तो पिलाओ ,

मैं दौड़ी ,पहुँच के ,बरखा को बुलाया ,

बरखा आओ ,चाय के लिए जल लाओ ,

बरखा ने जल बरसाया || 


चाय बनी कड़क - कड़क सी ,

भीनी - भीनी सुगंधित चाय ,

बदरा ,पर्वत ,बरखा रानी और मैंने ,

खूब चाय पी ,खूब गपशप की || 


Friday, May 3, 2024

PUNARJANM ( KSHANIKAA )

 

                                    पुनर्जन्म 


चाँदनी रात में ,बिना किसी डर के ,

मैं ,तुम और हमारा प्यार ,निकल पड़े ,

जीवन के सफर में ,अनजान सफर में ,

समय के साथ ,जा पहुँचे हम ,

परियों के देश में || 


वहाँ देखा ,सपनों का सच ,

दोस्ती और प्यार में डूबी ,खोयी हवाएँ ,

मिल गई हमें प्रेम की खुश्बु ,

देखा जीवन साथी ,जिसने थामा हुआ था हाथ ,

नियति के मोड़ पर ,पागल दिल ,

भर रहा था ऊँची उड़ान || 


मन के विचारों में ,मिलन की थी आस ,

अजनबी रिश्तों से ,आखिर कब तक ?

हँसी -हँसी में ओढ़ी ,जिम्मेदारियाँ पूरी करते ,

तभी मिला गुमशुदा मन ,यादों की किताब में खोया ,

दिल की गहराई में डूबा || 


तभी एक नया विश्वास उगा ,

एक बार जिंदगी में रंग भर लें  ,

कश्मीर की यात्रा करें ,सुरमई शाम का आनंद लें ,

बारिश के बाद नील गगन में ,इंद्रधनुष देखकर ,

खोयी यादों को फिर से जी लें ,और सोचें ,

यही तो हमारा पुनर्जन्म है ,पुनर्जन्म है || 


Thursday, May 2, 2024

NAMKEEN ( RATNAAKAR )

 

                            नमकीन 


नदिया आई उतर - उतर ,दौड़ी सागर से मिलने ,

रस्ते में सारे दोस्त मिले ,खूब ख़ुशी से मिले सभी || 


खेत -खलिहान ,बाग -बगीचे ,सभी ख़ुशी से फूले ,

ताल -तलैया की मुस्कानें ,और बढ़ीं भई और बढ़ीं || 


नदिया छल -छल ,छल -छल करती , 

सागर की ओर बढ़ी ,

सागर की लहरें थीं चंचला ,जान गईं नदिया को || 


उछल -उछल कर ,गुनगुन करती ,

नदिया पहुँची सागर के पास ,

सागर भी खुश होकर दौड़ा ,लहरों को लेकर साथ || 


मिले खुश होकर नदिया -सागर ,मौसम हुआ रंगीन ,

नदिया का पानी भी सागर ,हो गया नमकीन || 


Tuesday, April 30, 2024

SAPANE PALENGE ( JIVAN )

 

                       सपने पलेंगे 


कदम ना रुके तेरे ,कदम ना रुके मेरे ,

चलते हीगए ,दोनों के कदम ,साथ ही साथ ,

जीवन भी दोनों का ही ,चलता गया साथ ही साथ || 


रोकना नहीं तुम ,अपने इन कदमों को ,

सुला नहीं देना तुम ,अपनी आँखों के सपनों को ,

कदमों और सपनों को ,पूरा कर लेना ,तुम साथ -साथ || 


मंजिल मिलेगी वहीं ,जहाँ तुम्हारे सपने पलेंगे ,

जीवन में फूल खिलेंगे वहीं ,जहाँ सपने पूरे होंगे ,

जीवन महक जाएगा ,तुम्हारा और मेरा साथ - साथ || 


मंजिलों के निशान ,हमेशा पता देते हैं अपना ,

क्योंकि उन्हें पता होता है ,हमारा हर सपना ,

हमारे सपनों में ही छिपा होता है ,

मंजिल की राह और पता साथ - साथ || 


Monday, April 29, 2024

ASAMBHAV ( KSHANIKAA )

 

                       असंभव 


          असंभव -- जो किया नहीं जा सकता ,

                   या - जो करना संभव नहीं है ,

IN ENGLISH - I   M   POSSIBLE ,

                        WHICH IS NOT POSSIBLE . 

          OR --  I  M  POSSIBLE , 

               I  - मैं ,  M - हूँ , POSSIBLE - संभव ,

तो दोस्तों  IMPOSSIBLE  MEANS -- मैं संभव हूँ  || 

 

जब मैं संभव हूँ ,तो हर काम संभव है ,

समझो इस कथन को ,मेरा हर काम संभव है || 

 

जो मैं करना चाहूँ ,वह सभी कुछ संभव है ,

जो मैं ना करना चाहूँ ,वह तो सभी असंभव है || 

 

अब आप क्या करना ,या ना करना चाहेंगे ?

आप स्वयं ही ,इस बात का फैसला करेंगे || 

    

Sunday, April 28, 2024

MAANG JARAA HAT KE ( KSHANIKAA )

 

                    माँग जरा हट के 


खाना खाते वक्त शुक्र करो ,हम जिंदा हैं ,

खाना खाते वक्त शुक्र करो। हमें भूख लगती है ,

खाना खाते वक्त शुक्र करो ,हम स्वस्थ हैं || 


ईश्वर से उस समय ,अपने लिए कुछ मत माँगो ,

माँगो उसके लिए ,जिसके खेत का अन्न हम खा रहे हैं ,

उस खेत से जुड़ा हर व्यक्ति ,हर परिवार का कोई सदस्य ,

भूखा ना रहे ,किसी समस्या से  जूझे || 


उस खेत से जुड़ा ,हर सदस्य प्रसन्न रहे ,

स्वस्थ रहे ,मस्त रहे ,माँग कर देखो यह सब ,

तो बंधु ,ईश्वर तुम्हारा खुद ख्याल रखेंगे ,

तुम्हें प्रसन्न ,स्वस्थ और मस्त रखेंगे || 


BEVAJAH MUSKANEN ( JIVAN )

 

                        बेवजह  मुस्कानें


वजह ना ढूँढो खुश रहने की ,बेवजह ही खुश रहा करो ,

वजह जो ढूँढोगे तुम जग में ,कमाई सारी खर्च करोगे ,

वजह बहुत मँहगी होगी ,सारी पूँजी गँवाओगे ,

मगर -ए -दोस्त ,फिर भी तो ,खुश ना तुम हो पाओगे || 


हर समय तुम मुस्कानें ओढ़ो,दूजों को भी खुश कर दो ,

दूजे जो मुस्काए तो ,तुम भी मुस्कानें पाओगे ,

जीवन भी मुस्काए तुम्हारा ,बाँटो मुस्कानें सब को ,

ऐसे ही तो तुम ऐ -दोस्त ,अच्छे कर्म कमाओगे || 

 

समय हमेशा बहता है ,तेज वेग से उड़ता है ,

तुम भी बह जाओ और ,उड़ जाओ समय के साथ दोस्तों ,

जीवन की इस बगिया में तुम ,खुशियों के फूल खिलाओगे ,

होठों पे मुस्कानें लाओगे ,होठों पे मुस्कानें लाओगे || 

 

Friday, April 26, 2024

SAHEE YAA GALAT ( JIVAN )

 

                           सही या गलत 


दिल जानता है ,आत्मा जानती है ,सही या गलत ,

दिलों की तो बंधु ,धड़कन जानती है ,सही या गलत ,

उसी से तुम भी समझ जाओ ,सही या गलत || 


जीवन को भर लो ,तुम कहकहों से ,

मुस्कानों को समेट लो ,अपने लबों से ,

राही तो तुम हो ,राहें तुम्हारी हैं क्या ? सही या गलत || 


रंगों से भर लो ,जीवन तुम अपना ,

सच होगा तब तो ,तुम्हारा हर सपना ,

सपनों का हर पहलू होगा क्या ? सही या गलत || 


Thursday, April 25, 2024

MUSKAANON KE FOOL ( KSHANIKAA )

 

                    मुस्कानों  के  फूल 


जो रिश्ते आज हैं ,उन्हें तुम संभालो ,

अगर रिश्तों में दरारें आईं ,तो वो नहीं संभलेंगे ,

मीठा बोलो तो ,रिश्ता पक्का होगा || 


रिश्ते जो कमजोर हुए ,सूखे पेड़ से चरमराए ,

फिर क्या होगा ? 

क्या मुस्कानें उसे हरा कर पाएँगी ?

क्या मधुर उन्हें बनाएँगी ,तेरी और मेरी मुस्कानें ?

सूखा पेड़ कभी हरा नहीं होता दोस्तों ?

 

 समय   रहते संभालो उन्हें ,

प्यार के पानी से हरा कर लो उन्हें ,

जीवन सुंदर हो जाएगा ,

मुस्कानों का गुलशन बन जाएगा ,

मुस्कानों के फूल खिलाओ ,

रिश्तों का बगीचा महक जाएगा || 


KYON KOI ? ( KSHANIKAA )

 

                        क्यों कोई  ? 


क्यों कोई लड़की चाहे ,पति रूप में राम ?

जीवन बीतेगा अकेले ,बनेगा वन में धाम || 


आज तो ना कोई वाल्मीकि ,ना ही कोई आश्रम ,

वन में तो खूंखार जानवर ,नहीं कोई उनका नाम || 


ना पंचवटी की कुटिया ,ना लक्ष्मण जैसा भाई ,

फिर कैसे जीवन बीते ,बच्चों के संग - संग माई  ??


सीता थी त्रेता युग में ,फिर भी अग्नि - परीक्षा ,

फिर भी वनवास मिला उसको ,देकर भी अग्नि - परीक्षा || 


अब तो कलयुग है बंधु ,क्या ये सीता का युग है ? 

क्यों राम को चुन ले सीता ,जो वन में छोड़े सीता ?? 


Tuesday, April 23, 2024

AATMSAAT ( DOHAA )

 

                             आत्मसात


गुरु से ज्ञान जो चाहिए ,खुद ही गुरुकुल में जाय ,

भाव - भक्ति से उनके ,चरणं  में शीश नवाय || 


एक - एक शब्द पे उनके ,जो तू ध्यान लगाय ,

तभी तो बंधु तुमको ,ज्ञान मिलेगा आय || 


जो कुछ ज्ञान मिले ,आत्मसात करो ,

साथ में तुम गुरु का ,शुक्रिया तुम करो || 


आत्मसात उस ज्ञान को , जीवन में तुम उतारो ,

और उससे अपना ,जीवन तुम सँवारो ||  


Monday, April 22, 2024

NIRNAY ( JIVAN )

 

                             निर्णय 


जिंदगी जो रास्ते ,हमें देती है चलने के लिए ,

उन्हें हमें इस्तेमाल ,करना होता है चलने के लिए  || 


प्रथम कौन सा रास्ता ,चुनें हम चलने के लिए  ?

द्वितीय किस रास्ते पर ,चलें हम चलने के लिए  ??


बार - बार चुनाव हमारा ही है ,रास्ते का चलने के लिए ,

किस रास्ते पर हम ,आराम से चल पाएँगे ?? 


किस रास्ते पर हमें ,परेशानी आएगी हरदम ? 

किस रास्ते पर ,फूल मिलेंगे पता नहीं ?

किस रास्ते पर ,काँटे ही काँटे हैं  ?? 


ऐसे में ,दिल की सुनो दोस्तों ,

जिस राह को , दिल चुने ,चल दो उसी पर ,

यही तो सुंदर निर्णय है ,यही तो उत्तम निर्णय है  || 


Sunday, April 21, 2024

EHSAAS ( KSHANIKAA )

 

                              एहसास 


एहसास ना हो तो ,ना कोई ख्याल है ,ना कोई जज्बात है ,

एहसास ना हो तो ,ना  कोई रिश्ता बनता ,ना कोई दोस्त बनता || 


एहसास बहुत जरूरी है दोस्तों ,उसी से हम जीवित हैं ,

तभी तो हम ,हर भाव को महसूस करते हैं ,

हर ख़ुशी ,एहसास से जुड़ी है ,मुस्कानें भी खिली हैं || 


दूसरों  की परेशानियाँ ,हम तभी समझ पाते हैं ,

जब हमारे दिल में ,एहसास पनप जाता है ,

तभी हम दूसरों की ,परेशानियों को दूर करने की ,

कोशिश करते हैं और ,कुछ को तो दूर भी कर देते हैं || 


इसलिए एहसासों को जगाए रखो दोस्तों ,

वही तो हमारी जिंदगी है ,वही हमें बताते हैं ,

कि हम जीवित हैं ,और मुस्कानों को वही जगाते हैं || 


Saturday, April 20, 2024

KARO SHUKRIYAA ( KSHANIKAA )

 

                            करो शुक्रिया 

 

मुट्ठी बाँधे आए जग में ,हाथ पसारे जाएँगे ,

मुट्ठी में थी भाग्य की रेखा ,जो लिखा था ईश्वर ने ,

कर्म किए जो जग में हमने ,उनसे बदला भाग्य हमने ,

अच्छा था या बुरा ,ये कर्मों का फल था बंधु  || 


ईश्वर ने जो दिया था हमको ,सुंदर ही दिया होगा ,

हमने जो कर्म किए जग में ,उसका लेखा - जोखा परखो ,

अच्छे कर्म करेंगे तो ,अच्छा ही उसका फल होगा ,

जो दिल दुखाया किसी का हमने तो , हमारा भी दुखेगा बंधु  ||


क्यों मेरा - तेरा करें हम ? सब कुछ तो ईश्वर का ही है ,

जो दिया है उसने हमने लिया ,शुक्रिया उस ईश्वर को ही है ,

कर्मों का फल भी देता वही ,भाग्य लेख भी लिखता है ,

करो शुक्रिया ,करो शुक्रिया ,करो शुक्रिया तुम बंधु  || 


AAJ KAA LEKHAN ( JIVAN )

 

                       आज का लेखन 


आपके ख्यालों से ,मिल गए हैं मेरे ख्याल ,

आपके विचारों में ,डूब गए हैं मेरे विचार ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


आप सब दोस्त हैं मेरे ,सोच सबकी एक है ,

तभी तो विचार सभी के ,हो गए एक हैं ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


सभी दोस्तों की ,खुशियाँ हो गई एक हैं ,

सभी दोस्तों के ,रास्ते हो गए एक हैं ,

 ये सब आज का लेखन है मेरा || 


तो चलो दोस्तों ,आज हम एक काम करते हैं ,

मिल बैठकर हम ,जीवन मुस्कानों के नाम करते हैं ,

ये सब आज का लेखन है मेरा || 


Thursday, April 18, 2024

KHAJAANAA ( KSHANIKAA )

 

                                   खजाना 


एक सुरमई शाम में ,चाँदनी हुई अनबनी ,

खजाना जो यादों में था ,खो गया हवाओं में ,

कैसे ढूँढे कोई उसे ? असंभव सा ये काम था || 


उसे ढूँढेंगे हम ,अपने अंतर्मन में ,

मिलेगा खजाना हमें ,अपने ही अंतर्मन में ,

और अनबनी चाँदनी भर जाएगी ,अपने अंतर्मन में || 


राहें अजनबी हों ,या जानी - पहचानी ,

सभी तो चलती जाती हैं ,अपने ही आस -पास ,

उन्हीं राहों में ढूँढ लेते हैं ,अपना खजाना ,

यादों का खजाना ,यादों का खजाना || 


PREM ( JIVAN )

  

                      प्रेम 


नफरतों को आगे मत बढ़ाओ ,

अहमियत दूसरों की मत बढ़ाओ ,

  क्षमा करके शर्मिंदा करो उनका,और फिर उनको भूल जाओ || 


नफ़रतें बढ़ गईं अगर ,प्रेम किधर जाएगा ?

इसलिए प्रेम की थाती को दोस्त ,चारों ओर फैलाओ || 


प्रेम सबसे बड़ी दौलत है दोस्त ,

उसी से सभी धनवान बनते हैं ,

जीवन की सुंदरता बढ़ाने को ,प्रेम के नए पौधे लगाओ || 


प्रेम जब दुनिया में फैलेगा दोस्त ,दुनिया जगमगाएगी ,

महक जब प्रेम के फूलों की ,दुनिया को महकाएगी || 


Tuesday, April 16, 2024

MEET MAN KAA ( DOHAA )

 

                        मीत मन का 


वाणी ऐसी बोलिए ,मीठी - मीठी और रसीली ,

दूजों का मन खुश करे ,ना हो तीखी - तीखी || 


प्रेम के शब्द जो बोले तो ,प्रेम - प्यार फैलाय ,

सारा जग ही दोस्त मेरे ,प्रेम में डूबा जाय || 


प्रेम - प्यार फैलाओगे ,तुम भी प्रेम ही पाओगे ,

प्रेम - प्यार से ही तुम ,अपना जीवन भर जाओगे || 


कलम हमारी लिखती ,प्रेम - प्यार के गीत ,

जिनको पढ़कर हमें मिले ,अपने मन का मीत || 


Monday, April 15, 2024

SEETEE BAJAAO ( KSHANIKAA )

 

                   सीटी बजाओ 


सफलता मिले ना मिले ,कोशिश करते रहिए ,

मंजिल मिले ना मिले ,कदम बढ़ाते रहिए ,

आसमान छुओ ,ना छुओ ,सीढ़ियाँ चढ़ते रहिए ,

ये जिंदगी है दोस्त ,कोशिशें चढ़ते रहिए || 


कोई दूसरा नहीं आएगा ,सफलता परोसने ,

कोई दूसरा नहीं लाएगा ,आसमान को नीचे ,

कोई दूसरा नहीं आएगा ,सही राह दिखाने ,

इसलिए - ए -दोस्त ,कदमों को गति देते रहिए || 


दिल की उदासी को ,अश्रुरूप में नहीं बहाओ ,

भुला के उदासी को ,होठों पे मुस्कानें जगाओ ,

अश्रु को छिपा कर ,नयनों में चमक लाओ ,

और होठों को गोल कर ,सिटी तुम बजाओ ,

जोर से ,सीटी तुम बजाओ || 


Sunday, April 14, 2024

JAAO ( JIVAN )

 

                         जाओ 

 

जीवन है सुख - दुःख की नदिया ,

कर्मों की खेते जाओ , 

ढंग से पतवार चलाते जाओ ,

ढंग से पतवार चलाते जाओ || 


समय -समय का फेर है बंधु ,

हाथों से पतवार चलाओ ,

होठों पर मुस्कान सजा कर ,

सुंदर सा गीत तुम गाते जाओ || 


दिल खुश हो कर नाच उठेगा ,

अँखियाँ चमक उठेंगी बंधु ,

ऐसे में ही तुम बंधु ,

लहरों से प्यार जताते जाओ || 


सुख -दुःख आएँ जब जीवन में ,

दोनों को अपनाते जाओ ,

एक बिना दूजा है अधूरा ,

बिल्कुल ना तुम घबराओ || 


Saturday, April 13, 2024

KAUN ? ( JIVAN )

 

                          कौन  ?


कौन अपना ? कौन पराया ? जाने ना भेद ये कोई ,

अपना समझें हम जिसको ,क्या वाकई वो अपना है ??

 

जरूरत के वक्त ,वही अपना ,हाथ छोड़ देता है दोस्त ,

किसी भी काम के वक्त ,वही अपना ,मार देता है ताना ,

नहीं पूरा करने देता है ,वह हमें अपना बाना ,

ऐसा कोई क्या अपना है दोस्त ?? 

 

मन अपना रखो मजबूत ,हिल पाए ना किसी के तानों से ,

ना छिंदित हो पाए ,अपना कहने वालों के बानों से ,

अपना धैर्य बनाए रखो ,व्यवहार कुशल बन तुम ,

उसे शांति से दर्पण जरूर दिखाओ || 


Thursday, April 11, 2024

TABHII TO ( KSHANIKAA )

 

                                तभी तो 


हे जीभ तुम ,स्वाद को छोड़ दो ,

तभी तो ,मेरा स्वास्थ्य उत्तम होगा ,

हे जीभ तुम ,मीठे शब्दों को चुन लो ,

तभी तो ,मेरे रिश्ते स्वस्थ होंगे || 


ऐ मेरे दिल , दोस्तों पर भरोसा करो ,

तभी तो ,दोस्तों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ मेरे दिल ,रिश्तों पर विश्वास करो ,

तभी तो , रिश्ते मजबूत बनेंगे || 


ऐ दिमाग ,मुस्कानों की संख्या को गुणा करो ,

तभी तो , खुशियों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ दिमाग ,उदासियों को भूल जाओ ,

तभी तो , ग़मों  संख्या कम होगी || 


ऐ मेरे हाथ ,अपनों के लिए अच्छा कर्म करो ,

तभी तो , अपनों  को ख़ुशी मिलेगी ,

ऐ मेरे हाथ ,मदद करने में सबसे आगे रहो ,

तभी तो ,मदद वालों की ,शुभेच्छा आपको मिलेगी || 


ऐ मेरे पैरों , चलते रहो ,जहाँ तुम्हारी जरूरत हो ,

तभी तो , दूसरों की जरूरतें पूरी होंगी ,

ऐ मेरे पैरों ,चलते जाओ ,चलते जाओ ,ले के प्रभु का नाम ,

तभी तो , चलते -चलते ,पहुँचोगे ,प्रभु के धाम || 


Wednesday, April 10, 2024

MITRA ( JIVAN )

 

                                   मित्र 


सुदामा गए मित्र के घर ,कृष्ण के घर ,

साथ ले गए थोड़े पोहे ,कृष्ण के लिए उपहार ,

कृष्ण ने चरण पखारे उनके ,साथ दिया पत्नी ने ,

कृष्ण ने खाए दो मुट्ठी ,फिर रोका पत्नी ने || 


बरसों बाद दो मित्र मिले ,एक थे राजा और दूसरे रंक ,

क्यों रंक मित्र ही पहुँचा ,राजा मित्र के महल में  ?

राजा मित्र भी तो जा सकता था ,रंक मित्र की झोंपड़ी में  ?


दुनिया का दस्तूर है दोस्तों ,रंक को ही राजा की याद आती है ,

राजा को रंक की याद कहाँ ? वह तो अपनी दुनिया में खोया है ,

अब तो उसके मित्र ,रिश्तेदार भी उसी के स्तर के हैं ,समझे ?? 


Sunday, April 7, 2024

AASHAA ( KSHANIKAA )

 

                                 आशा 


तारे नहीं चमकते हैं दिन में ,सूरज ही चमकता है ,

चाँद रात में उगता नभ में ,सूरज नहीं चमकता है ,

मगर एक तारा आशा का दोस्तों ,हरदम ही चमकता है || 


रात और दिन सब ही बराबर ,आशा के उस तारे को ,

मन में जगा लो आशा का तारा ,रात और दिन चमकेगा ,

मन के अँधियारे में भी ,उसका उजियारा चमकेगा || 


करो दोस्ती उस तारे से ,दिल भी ख़ुशी से फूलेगा ,

तारा भी बस के मन में ,पल - पल ख़ुशी में डूबेगा ,

तुम भी दोस्तों हाथ पकड़ आशा का ,

भवसागर पार कर जाओ || 


Saturday, April 6, 2024

MAHKAAO ( KSHANIKAA )

                   

                         महकाओ 

 

मत रोको कदम अपने ,राहों में आगे बढ़ते जाओ ,

कदमों पर लगाम मत लगाओ ,

राहों को पार करते जाओ || 

 

राहें पार करने पर ही तो ,मंजिलें मिलेंगी ,

कलियों के चटखने पर ही तो ,मुस्कानें खिलेंगी ,

मुस्कानों को बिखराकर ,

तुम चमन को महकाते जाओ || 

 

महकते चमन ही तो , जग को महकाएँगे ,

जग के साथ ही तो ,ब्रह्मांड महकेगा ,

पूरे ब्रह्मांड को महकाकर ,खुशियाँ बरसाते जाओ ,

 मन को महकाते जाओ ,आँखों को चमकाते जाओ || 



Friday, April 5, 2024

JII CHAAHTA HAI ( JALAD AA )

 

                             जी चाहता है 


जी चाहता है मेरा ,सावन की बदरी बन जाऊँ ,

ऊपर नीले आसमान में ,जाकर पवन संग खेल दिखाऊँ ,

रिमझिम -- रिमझिम जल बरसाऊँ || 


सब को मुस्कानें बाँट  दोस्तों ,मैं भी खूब - खूब मुस्काऊँ ,

संग दामिनी के खेलूँ , सभी के दिल जब ,

दामिनी की कड़क से डर के ,

छिप जाएँ तो मैं उनको धड़काऊँ || 


बरखा रुके जब रवि झाँके ,तब आसमान में रंग -बिरंगा ,

इंद्रधनुष बन मैं छा जाऊँ ,इंद्रधनुष बन मैं  छा जाऊँ ,

बड़ों और बच्चों ,सभी को मैं खुश कर जाऊँ ,

बस यही मेरा जी चाहता है ,जी चाहता है || 

 

OUR SOLAR SYSTEM ( BY ALPANA ARORA )

 

                 OUR   SOLAR  SYSTEM 

This story is written by my grand daughter 

ALPANA  ARORA  ( 8 yrs old ).


Name of our Galaxy is THE 

MILKY WAY GALAXY .

The solar system is made of 

SUN , PLANETS and MOON .

SUN is nearest star of us .Planets rotates 

around SUN . Planets are MERCURY ,

VENUS ,EARTH ,MARS, JUPITER, SATURN,

URANUS, NEPTUNE and  PLUTO .


How to remember planets in order ---

1,   my -------- MERCURY,  

nearest to sun , smallest  planet ,

 2,   very ------ VENUS ,

beautiful  planet ,

 3,  excited ---  EARTH ,

our planet , blue planet ,I have life on me .

4,  mouse ---- MARS ,

red planet ,

5,  just -------- JUPITER ,

largest planet ,

6,  sat --------- SATURN ,

ring around planet ,

7,  upon ------ URANUS ,

8,  nine ------- NEPTUNE ,

9,  planets --- PLUTO , 

 a  dwarf  planet,

 

 QUESTIONS --

1, There is a dwarf planet ,write the name .

2, Write the names of planets .

3, How to remember the planets in order ?

4, What is our Galaxy's name ?

5, I have a big ring around me . Who am I ?

6, I am the 3rd planet in solar system .

     I have life on me ,who am I ? 

7, Which is your favorite planet ?   


Wednesday, April 3, 2024

RUNJHUN TAARON KII ( CHANDRAMA )

 

                   रुनझुन तारों की 


रात के सफर में ,तारों की रुनझुन गूँजी ,

जिंदगी की राहों में ,पायल की छन - छन गूँजी ,

होठों की मुस्कुराहटों में ,कंगना की खन - खन गूँजी || 


सफर बना है सुंदर और मीठा ,

कदम चलते रहे हौले - हौले ,

ऐसी पगडंडियों में ही तो ,झूमर की झंकारें गूँजी || 


तारों की झिलमिलाहट से , सजी  है मेरी चुनरी ,

कल्पनाओं के झरोखों से ,झाँक गई है मानो चाँदनी ,

ऐसे ही तो दिल में ,बीना की तान गूँजे || 


इस रात के सफर में ,छिप गई हूँ मैं,

चंदा भी छिप गया है साथ मेरे ,

तारे ही झिलमिल करते हैं बस गगन में ,

उन्हीं की तो नन्हीं - नन्हीं मुस्कानें ही तो ,

सारे जग में गूँजें  ,सारे जग में गूँजें  ||  


Tuesday, April 2, 2024

JAANII - PAHACHAANII ( JIVAN )

 

                   जानी - पहचानी 


जग  में हैं अनगिनत सी राहें ,

सब ही हैं अनजानी  सी राहें ,

कैसे कोई चले उन पर ? राहों का रास्ता कौन बताए ? 


आशीषों के दीये जलाओ ,

सबको ही  तुम राह दिखाओ ,

राहें सबकी होंगी पार , सब ही जाएँगे उस पार || 


प्यारा साथी साथ में हो तो ,

आसान सी राहें   हो जाएँगी ,

साथी ढूँढ लो पहले दोस्त ,तभी तो राहें जगमगाएँगी || 

 

फिर तो राहें हो जाएँगी ,जानी -  पहचानी सी ,

जीवन सुगम हो जाएगा , राहें भी सुंदर हो जाएँगी || 

  

JANM DATA SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

 

                 जन्म दाता  सागर 


सागर में जब उपजा जीवन ,तभी तो हम सब आए यहाँ ,

ये सागर है ,जन्म दाता हमारा ,इसने ही तो सब कुछ हमें दिया || 


सागर के ही गर्भ में छिपे ,अनमोल खजाने ,बहुमूल्य रत्न ,

मगर हमने उसे कुछ नहीं दिया ,हमने उसे कुछ नहीं दिया || 


हमने सब कुछ मैला कर दिया ,सागर की स्वर्णिम छवि  को ,

हमने प्रदूषित किया उसे ,उसकी छवि को धूमिल किया || 


आखिर थक कर सागर ने भी ,बदला लेना शुरू किया ,

आया तूफानों को लेकर ,लहरों को भी रौद्र रूप किया || 


हरहराता सागर उछला और ,अनगिनत प्राणों को लील गया ,

तब मानव चिल्लाया - जानलेवा समुद्र ,क्या सच में सागर जानलेवा है ? 


उसी ने तो जन्म दिया हमको ,हमने उसका रूप बिगाड़ा ,

आज अगर वह क्रोधित है ,तो यह सब हमारा ही कर्म है ,

वह तो बदला लेगा ही ,वह तो बदला लेगा ही || 


Sunday, March 31, 2024

APRIL FOOL ( GEET )

 

                    ऐप्रिल  फूल 


ऐप्रिल फूल  बनाया ,तो सबको गुस्सा आया ,

मेरा क्या कुसूर ? उसका कुसूर ,जिसने दस्तूर बनाया || 


मजाक सब करते ,  तो हम हँसते रहते ,

हमारे ही मजाक पे ,क्यों सबको गुस्सा आया ?? 


मजाक तो जरूरी है ,दुनिया में दोस्तों ,

मुस्कान और हँसी , तभी आती है दोस्तों ,

तो आज के मजाक पे ही ,क्यों सबको गुस्सा आया ??

CHAAHO TUM ( KSHANIKAA )

 

                             चाहो तुम 


मत चाहो सोना - चाँदी ,मत चाहो हीरा - मोती ,

क्या करोगे ,इन सब को पा के ? 

चाहो तुम प्यार को ,चाहो तुम दोस्ती को ,

जीवन अपना सुखी करोगे ,इन सब को पा के || 


इनसे सुंदर होगा ,पावन जीवन होगा ,

रिश्ता जब दिल से होगा ,प्यार मन से होगा ,

दोस्तों के कहकहे होंगे ,मुस्काया हर मन होगा || 


दूर - पास के अंतर क्या हैं ? जब अंतर में दोस्त बसे हों ,

कहकहों  से अंतर होगा भरपूर ,

और होठों पर मुस्कानें सजी हों ,

ऐसा जीवन चाहो तुम ,ऐसा हर पल चाहो तुम || 


Friday, March 29, 2024

PYAAR AUR TAKRAAR ( JIVAN )

 

                  प्यार और तकरार 


जिंदगी में अनेक रिश्ते ,

कुछ प्यार के ,कुछ तकरार के ,

रिश्ते प्यार के दिल से ,

रिश्ते तकरार के दिमाग से ,

बंधे रहें ,चलते रहें || 


पकड़े रहो ,थामे रहो ,हर रिश्ते को ,

मुस्कानों को बाँटते रहो ,तकरारों को छोड़ते रहो ,

ऐसे ही चलते रहें ,चलते रहें || 


जीवन की नैया को ,खेते रहो ,खेते रहो ,

भवसागर को पार करते रहो ,

छोटी और बड़ी मुस्कानों का ,

उपहार बाँटते रहो ,

और रिश्तों की गाँठ को ,

मजबूती से बाँधते रहो ,मुस्काते रहो || 


Thursday, March 28, 2024

SAMAJH GAE NAA ? ( JIVAN )

 

                                समझ  गए  ना ?


प्यार कियाआपने बहुतों से ,उन्हें आपने है परखा ,

प्यार किया आपने बहुतों ने ,ये आपकी है पहचान ,

समझ गए ना आप दोस्तों || 


आपने इस प्यार को संजोए रखना ,

अपनों को अपने पास रखना ,

ना दूर करना कभी ,किसी अपने को ,

अपनों को अपना बनाए रखना ,

समझ गए ना आप दोस्तों || 


मिल जुल के रहने से प्यार बढ़ता है ,उसे बढ़ाए जाओ ,

तो मिलजुल के रहे जाओ ,और प्यार को बढ़ाए जाओ ,

समझ गए ना आप दोस्तों || 


Tuesday, March 26, 2024

MY FAVOURITE THINGS ( BY ALPANA )

 

              MY   FAVOURITE  THINGS 

This poem  written  by my grand daughter 

ALPANA  ARORA  ( 8 yrs old ).


Butterflies on sun flowers ,

And horses on streets ,

Bright shining pots ,

And warm woolen mittens ,

These are a few of my favourite things .


Mango flavoured cakes with cherries on top ,

Door bells ringing like car horns on roads ,

And horn beeping cars making noise ,

These are a few of my favourite things .


When the bee sting ,

When the cat bites ,

When I'm feeling sad ,

I  simply remember my favourite things .

And then I don't feel so bad .


Saturday, March 23, 2024

KEEMAT UPLABDHI KII ( JIVAN )

 

                               कीमत उपलब्धि की 


उपलब्धि हुई कुछ जो आपको,आलोचना तो होगी ही ,

उपलब्धियाँ अगर बड़ी हैं ,

तो आलोचनाएँ भी बड़ी होंगी ही || 


सब चीजों की कीमतें तो ,चुकानी पड़ती ही हैं ,

तो उपलब्धि की कीमत तो , संघर्ष ही है || 


चुकाओ कीमत हर एक उपलब्धि की ,करो संघर्ष ,

छोटा हो या बड़ा हो संघर्ष ,चुकाना तो है ही || 


फिर भी भरी जाएगी ,झोली आलोचनाओं से ही ,

बड़ी कर लो झोली अपनी ,आलोचनाओं को समेट लो ,

ख़ुशी - ख़ुशी ले लो ढेर ,आलोचनाओं का संघर्षों का || 


Friday, March 22, 2024

SITAARE SANGHARSHON KE ( JIVAN )

 

                          सितारे संघर्षों के 


परेशानियों की चुनरी में ,

संघर्षों के सितारे टाँक दिए तो ,

चुनरी की चमक बढ़ जाएगी || 


उसी चमक की रोशनी में ,

मंजिल करीब आ जाएगी ,

सफलता पाने की उम्मीद बढ़ जाएगी || 


मंजिल पाने का ये रास्ता ,

हाथ से जाने  ना दो दोस्तों ,

चुनरी की चमक और बढ़ जाएगी || 


बिना सफलताओं का शीर्षक लिखे ,

संघर्षों की कहानी ,कोई नहीं पढ़ता दोस्तों ,

तो फिर उचित शीर्षक लिख डालो ,

और कहानी की , पाठक संख्या बढ़ जाएगी || 


Thursday, March 21, 2024

UTTAR AUR PRASHN ( JIVAN )

 

                           उत्तर और प्रश्न 


जीवन के प्रश्नों के उत्तर ,खोज लो दोस्तों ,

मेहनत तो लगेगी ,मगर करना तो तुम्हीं को है || 


प्रश्नों के उत्तर ,खोज लिए जो तुम सब ने ,

तो जिंदगी का रंग ही ,बदल जाएगा दोस्तों || 


जिसके पास सिर्फ उत्तर हैं, उसे खोजने हैं प्रश्न ,

ये काम जरा टेढ़ा है ,मगर जरूरी तो है दोस्तों || 


खोजो , खोजो , जल्दी खोजो ,

प्रश्न और उत्तर सभी , साथ आ गए हैं दोस्तों || 


Wednesday, March 20, 2024

HAAN , JII HAAN ! ( KSHANIKAA )

 

                          हाँ , जी हाँ ! 


यादें कभी मिटती नहीं ,यादें कभी खोती नहीं ,

दिमाग के कम्प्यूटर में ,बसी रहतीं ,सोती रहतीं || 


कभी जब हम खाली होते हैं ,

जाग जाती हैं और याद आती हैं ,

चलचित्र के समान दौड़ने लग जाती हैं ,

मगर यादें कभी खोती नहीं || 


जीवन की हर राह में बनती रहतीं ,

हर अवसर का चित्र बनाती रहतीं ,

उदासी के पल हों या मुस्कानों के ,

सभी का चित्र रंगीन कर लेतीं ,

मगर यादें कभी खोती नहीं || 


हर याद को मुस्कुरा के जियो ,

जब भी याद करो ,होठों  मुस्कान लाओ ,

उन अवसरों की ,अब यादें ही तो बाकि हैं ,

उन अपनों की ,अब यादें ही तो बाकि हैं ,

क्योंकि यादें कभी खोती नहीं ,

हाँ ,जी हाँ ! कभी खोती नहीं || 


SAPANE PYAAR KE ( JIVAN )

 

                   सपने प्यार के 

 

जीवन साथी का हाथ ,हाथों में लिए 

चल पड़े हम ,सपनों की राहों में ,

जो सपने हमने देखे ,वो दिल की ,

गहराइयों में बसे ,प्यार के दीयों को रोशन किए  ||  


सपने जो हमने ,सोते और जागते ,

हर वक्त ही देखे ,

सपने जो हमने ,जीवन की खुशियों में ,

डूब कर ही देखे || 


सूरज की पहली किरण ,सुनहली किरण ,

जब जगमगाई ,आसमान में ,

तो सपनों की राहों से हम ,

आ गए वास्तविकता के माहौल में ,

और प्यार के  सागर में ही डूब गए  || 


Tuesday, March 19, 2024

FARJ JIE JAA ( JIVAN )

 

                               फर्ज  जिए जा 


सम्मान मिले है कुर्सी को ,सम्मान हमेशा पदवी को ,

इंसान तू क्या समझा है ? ये सम्मान मिला है तुझको ? ?


मत कर तू अहसान ,मदद करनी है तो तू कर ,

प्यार का रस्ता कभी ना छोड़ ,रस्ता पार ही करा कर || 


तू नहीं है सबसे ऊँचा ,मत समझ कि ऊँचा हूँ ,

आसमां बहुत ही ऊँचा है ,ईश्वर सबसे ऊँचा है || 


हार - जीत का तू मत सोच ,अच्छे कर्म किए जा ,

ईश्वर तुझको अच्छा फल देगा ,तू अपने फर्ज जिए जा || 


Monday, March 18, 2024

POLL - KHOLL ( JIVAN )

 

                          पोल -खोल 


उलझनों के समय में ,हर कोई सुझाव देता है ,

माँगो ना माँगो ,हर कोई सलाह देता है ,

शब्द एक ही होते हैं सभी के ,

संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ,

पूछो जरा उनसे ,अगर तुम सब साथ थे ,

तो ये सब उलझनें आईं ही क्यों ? 


अपनापन तुम्हारा ,पहले कहाँ खो गया था ?

अपनापन तुम्हारा ,पहले कहाँ सो गया था ?

क्या इंतजार कर रहे थे ,इन उलझनों के आने की ?

यदि हाँ ,तो क्या, इन उलझनों का कारण तुम हो ?

 

झूठे अपनेपन की ,पोल - खोल जाता है ,

झूठी सहानुभूति की ,पोल - खोल जाता है ,

जीवन की सच्चाइयों से ,अवगत  करा जाता है ,

अवगत करा जाता है || 


Friday, March 15, 2024

MUSKAAN ULJHANON KII ( JIVAN )

 

                          मुस्कान उलझनों की 


किसी का काटे नहीं कटे ,यह वक्त है बंधु ,

किसी के पास नहीं है ,यह वक्त है बंधु ,

कभी भी दिखाई ना दे ,यह वक्त है बंधु ,

मगर दौड़ता जाता है ,यह वक्त है बंधु || 


खुद दिखाई दे या ना दे ,बहुत कुछ दिखा जाता है ,

अपनापन दिखाने वालों की ,असलियत दिखा जाता है ,

दूसरों के खोखले अपनेपन की ,पोल -खोल जाता है || 


वक्त बीत रहा है बंधु ,खुश होकर वक्त बिता लो ,

ये जिंदगी है बंधु ,मुस्कानों में उलझा लो ,

जिंदगी की मुस्कानों की उलझनों को ,

वक्त ही सुलझा जाता है ,वक्त ही सुलझा जाता है || 


Thursday, March 14, 2024

BHAROSAA ( AADHYATMIK )

 

                        भरोसा 


नहीं निर्भर किसी पर हो ,नहीं विश्वास इतना कर ,

जरा सी निर्भरता अच्छी ,जरा सा तू भरोसा कर || 


अगर शक में ही डूबा रहा ,रिश्ता टूट जाएगा ,

इसलिए ही तो बंधु ,जरा सा तू भरोसा कर || 


जग में मुस्कानें बाँटता चल ,चाल को धीमा ही तू रख ,

जब सारा जग मुस्काएगा ,जरा सा तू भरोसा कर || 


बनाया जग को ईश्वर ने ,सजा ले तू इसे भरपूर ,

सजावट को ही देख कर ,ईश्वर करेगा भरोसा तुझ पर || 


सत्कर्मों को करता चल ,बुराई से हो जा दूर ,

तभी ईश्वर मुस्काएगा ,कमा ले उसका भरोसा भरपूर || 


NIBHAE JAA ( JIVAN )

 

                            निभाए  जा 


कदम - कदम बढ़ाए जा ,करम अपने निभाए जा ,

जिंदगी की राह में ,ख़ुशी के गीत गाए जा || 


रात की चाँदनी हो ,या दिन की धूप हो ,

सभी में तू ठंडी ,छाँव को सजाए जा || 


जिंदगी मुस्काएगी तो ,तू भी मुस्काएगा ,

ऐसे ही मुस्कानों में ,तू खिलखिलाए जा || 


साथ दोस्तों का मिले ,खूब ही ठहाके खिलें ,

ऐसे ही ठहाकों में ,दोस्त तू बनाए जा || 


दोस्ती की उम्र भी ,लंबी होगी मेरे दोस्त ,

उसी में ए - दोस्त तू ,दोस्ती निभाए जा || 


Tuesday, March 12, 2024

TASVEER 0R TAKDEER ( JIVAN )

 

                    तस्वीर  और  तकदीर 

 

तस्वीर है हमारी  जिंदगी , तकदीर है हमारी  जिंदगी ,

रंगों का अंतर ,है मगर दोनों में ,

मन चाहे रंग भर दें ,तो बनती तस्वीर है ,

ईश्वर के चाहे रंग  भर जाएँ ,तो बनती तकदीर है || 

 

तस्वीर के रंगों को देखकर ,हम मुस्काते हैं ,

तकदीर के रंगों को देख कर ,ईश्वर मुस्काते हैं ,

ईश हमें वही देते हैं , जो हमारे लिए सुंदर हो || 

 

इसलिए सब कुछ ,छोड़ दो ईश पर ,

ईश मुस्काएँगे ,तो मुस्काएगी हमारी जिंदगी || 

 

Monday, March 11, 2024

KYAA PAYAA ? ( JIVAN )

 

                                    क्या पाया  ?


पढ़ - लिख कर क्या कमाया हमने ?

एक मोटी सी फाईल ,जिसमें बहुत सी डिग्रियाँ थीं ,

क्या एक सच्चा और प्यारा दोस्त पा सके हम ??


जो खड़ा हो हमारे साथ में ,

हमारी जीत में ,और हमारी हार में ,

हमारे साथ ही खुश हो ,और हमारे साथ ही दुःखी || 


क्या एक कृष्ण पा सके हम ? 

जिसके साथ रहने से ही ,हमारी जीत है ,

क्या एक कर्ण पा सके हम ?

जो हमारी हार होते हुए भी ,

हमारे साथ रहे ,हमारे साथ रहे ,

जो हमारी जीत पक्की करे ,और हमारी हार ख़त्म || 


Sunday, March 10, 2024

WAQT ( KSHANIKAA )

 

                             वक्त 


वक्त सदा बहता जाए ,नदिया जैसा ,

वक्त कहाँ रुके रुकाए ? नदिया जैसा ?

वक्त की सदा ,सुन लो पुकार ,

वक्त की सुन लो पुकार ,धड़कन जैसी || 


वक्त कैसा भी  हो ? अच्छा या बुरा ,

बीतता चला जाता है ,अच्छा या बुरा ,

कोशिश ना करो ,वक्त को रोकने की ,

बीतने दो ,चलने दो ,बहने दो ,उड़ने दो || 


क्या कहा आपने ? घड़ी को बंद कर दो ,

इससे वक्त की नाप ,पता नहीं चलेगी ,

पर बंधु वक्त तो ,अपनी चाल से चलेगा ,

रुकेगा नहीं ,रुकेगा नहीं , रुकेगा नहीं || 


वक्त तो तेजी से ,चलता जाता है ,

आज बदल कर ,कल बन जाता है ,

कभी ना सोचो ,वक्त की चाल के बारे में ,

वक्त भी बहते हुए ,अपना हर रंग दिखाएगा || 


Saturday, March 9, 2024

THREE STORIES ( WRITTEN BY ALPANA )

 

 THREE STORIES  BY  ALPANA   ( 8 YRS  OLD )


           1 ) SNAKE  


Snake is a long animal . Snake has no legs .

Snake has a long tongue .Snake makes hsssss.

sound . Snakes are found in different colours .

Snake bites on people . Snakes eat rat . Snakes 

live in jungle .Snakes are poisonus .


    2)        BIRD ON A TREE 


Once there lived a bird on the tree . The tree 

was very happy ,because bird comes on him 

is make a nest and the tree likes it . But one 

day bird said ,'' What a dirty tree ?'' 

The tree was feeling bad ,'' So he said ,'' You

are also dirty .''

Now bird told ,'' You are more dirty than me.''

Then the fight happened . But at last  they 

think and both are became friends again .


         3)   RAINY   SEASON  


Rainy season is about water falling from 

the clouds . If there is no rainy season ,

then we will not get water . In rainy season 

people use raincoat or umbrellas . After the 

rain stops, if the sun comes out ,we can see 

a rainbow in the sky . A rainbow has seven

colours . Which are red ,orange,yellow ,

green ,blue ( light ) , blue ( dark ) and purple . 


In rainy season ,if there is a flood then school

gives us a holiday . If there is a some water

 is filled in any place then children make paper 

boats and put them in the water and they enjoy .


Friday, March 8, 2024

KANGAROO ( BAAL SAHITYA )WRITTEN BY ALPANA

             KANGAROO   


This  story is written  by my 

grand daughter  ALPANA  ( 8 YRS OLD ).


Rashmi was reading her book ,when her 

father walked into her room .'' Looks life 

you are reading up on Australia ,Rashmi ,''

said her . '' Yes, Dad , and their babies are 

called Joeys . There are 5 different species 

of the Kangaroo . I have also read about 

Wallabies . But what is the difference 

between a Kangaroo and a Wallaby ? ''

asked Rashmi .

''Wallabies are really just small Kangaroos

and popular .''

'' Dad ,I have also read that a Kangaroo used 

its tail to keep its balance ,when hopping and 

to support itself standing ,'' added Rashmi .

'' Yes ,and the large Kangaroo can hop fast 

a 64 kilometres per hour for short distances,''

informed her father . '' I would love to visit 

Australia , Dad .''


 



Wednesday, March 6, 2024

TRAFFIC ( BAAL SAHITYA )

 

                         TRAFFIC

 

Maya and her father stepped out of the house 

to take walk one evening . They walked on the 

street ,and then they decided to cross the road .

The road was noisy with the blaring of horns .

         

Maya 's father held her hand and stood .

' Hold my hand ,Maya ,look to your right .

We will cross the road ,only when all traffic 

comes to stop . Now that we have crossed 

the first half . We need to look left before 

proceed ,' said Maya's father . 'Always 

remember to walk on the pavement ,Maya .'

 

Tuesday, March 5, 2024

CHAMKAAR ( JALAD AA )

 

                            चमकार 


बदरा नभ में उड़त हैं ,पवन को संग लिवाय ,

चम -चम चमकत दामिनी ,दोस्ती खूब निभाय || 


बदरा बरखा लाय तो ,रिमझिम जल बरसाय ,

बरखा जब हो बंद तो , इंद्रधनुष छा जाय || 


दामिनी की चमकार ने , बदरा दिये चमकाय ,

उसी दामिनी ने तो ,बदरा खूब गरजाय || 


बदरा की बरखा से , धरा तृप्त हो जाय ,

तभी तो मानव करे प्रार्थना , बदरा को बुलाय || 


Monday, March 4, 2024

UMMEED OR VISHWAS ( JIVAN )

 

                उम्मीद और विश्वास 


उम्मीद और आशा  ,एक ही सिक्के के दो पहलू ,

विश्वास और भरोसा ,एक ही भाव के दो नाम ,

जान लो बंधु ,इन्हीं से जीवन मजबूत होगा ,

इन्हीं भावों से तो ,रिश्ते मजबूत होंगे || 


रेशम की डोर भी ,बहुत मजबूत हो जाती है ,

जब कि रेशम का धागा ,बहुत कमजोर होता है ,

मगर बहुत से धागे मिलकर ,मजबूत डोर बनाते हैं ,

वैसे ही उम्मीद और विश्वास के ,

नाजुक भावों से रिश्ते मजबूत बनते हैं || 


जगा लो बंधु ,अपने इन्हीं भावों को ,

बना लो बंधु ,मजबूत अपने रिश्तों को ,

समेट लो अपनी खुशियों  को ,जाने ना दो ,

दूर अपने ,अपनों को ,तभी तो प्यार ,

शांति  और सुखों को ,अपने जीवन में उतार पाओगे || 


 

Sunday, March 3, 2024

CHAMATKAAR ( CHANDRAMA )

 

                          चमत्कार  


चाँद तू चहुँ ओर घूमे ,चाँदनी के साथ -साथझूमें ,

रात के अँधियारे में ,

तुम दोनों की मुस्कानें ही झूमें || 


धरा पे उजियारा तुम से छाए ,जीवन उसमें ही रंग जाए ,

अंतर्मन भी उसमें गुनगुनाए ,

मानो कोई मीठा संगीत गूँजे || 


रातके अँधियारे में परछाइयाँ ,नहीं मिलती हैं दोस्तों ,

मगर चाँदनी के उजियारे में ,

परछाइयाँ उजागर होती हैं दोस्तों || 


ये सब चाँद और ,चाँदनी का ही ,

चमत्कार है दोस्तों ,चमत्कार है दोस्तों ,

उनका प्यार है दोस्तों || 


Saturday, March 2, 2024

BANDHAAY LEY ( KSHANIKAA )

 

                   बँधाय ले 


रखिए सब को अपना बनाय के ,गीत प्रीत के गाय के ,

मुस्कानों का जहां बसाय के ,तेरा मेरा सभी भुलाय के || 


तेरे पास जो आया है ,उसको गले लगाय ले ,

सत्कर्म से जीवन नैया को ,नदिया पार लगाय ले || 


कल को किसने देखा है ? आज तो तू मुस्काय ले ,

भावी जीवन भूल कर ,आज को तू बिताय ले || 


बीत गया सो बीत गया ,उसको तू भुलाय दे ,

कर्मों  बाड़ी में तू ,अच्छे फूल  खिलाय ले  || 


आया था तू खाली हाथ ,भाग्य अपना लिखाय के ,

जाते समय के लिए तू ,सत्कर्म की गठरी बँधाय ले || 


KHEL LAHARON KE ( RATNAAKAR )

 

                       खेल लहरों के 


चलते -चलते रेत पर ,एक सुरीली सी आवाज आई ,

मुड़ के देखा ," रुको सखि  ,रुक जाओ सखि ,"

कहते - कहते लहरें दौड़ीं आईं ,

प्यार भरी गुहार सुन ,रुक गए कदम मेरे भाई || 


" आओ ,आओ तुम ,खेलो साथ हमारे ,"

" तुम्हारे इंतजार में ,दिल हैं हमारे ,"

लहरों की बात सुन ,खेल शुरु हुआ ,

खेलों में डूबी मैं ,और समय बीतता गया || 


सागर भी चल कर आया ,मुस्काता ,मुस्काता ,

लहरों के खेलों में डूबा ,इठलाता ,इतराता ,

सभी तो उसके खेल देख कर ,

मन में खुश हो जाते ,

लाड़ -प्यार में डूबे -डूबे ,दिल भी खुश हो जाता || 


Thursday, February 29, 2024

AMEER ( KSHANIKA )

 

                                अमीर 


प्रेम ,प्यार की दौलत है ,तो आप अमीर हैं ,

रिश्तों में मिठास है ,तो आप अमीर हैं ,

आप के दोस्तों की लिस्ट लंबी है ,तो आप अमीर हैं || 


संगीत का सबसे बड़ा , गुण है ये दोस्तों ,

वह सबके दिल को ,ख़ुशी से भर देता है ,

साथ  ही सबके जीवन को ,सुखमय बनाता है ,

अगर आप संगीत में डूबे हैं ,तो आप अमीर हैं || 


सात सुरों की सरगम ,मीठी - मीठी सरगम ,

लय ,सुर और ताल ,सभी मिल जाते हैं तो ,

कर देते हैं दोस्तों मालामाल ,और आप अमीर हैं ,

हाँ ,हाँ ,आप अमीर हैं ,आप अमीर हैं || 


Wednesday, February 28, 2024

APNON KE LIE ( PREM )

 

                              अपनों के लिए 


जिंदगी खुशहाल ही बीते तुम्हारी ,

छन - छन छनकती जाए मुस्कान तुम्हारी ,

फूलों से भरें सभी राहें तुम्हारी || 


हर भोर का सूरज हो सुनहरा ,

हर रात हो चाँदनी सी उजाली ,

पूरा चाँद मुस्काए ,खिड़की पे तुम्हारी || 


कदमों के नीचे सफलताएँ बिछी हों ,

मंजिलें तुम्हारे द्वारे पर रुकी हों ,

दुनिया की हर ख़ुशी हो ,झोली में तुम्हारी || 


Tuesday, February 27, 2024

SAMMAAN ( AADHYAATMIK )

 

                         सम्मान 


सम्मान किसी से मिले या ना मिले ,

मत रखो कोई उम्मीद किसी से ,

ईश्वर ने जो सम्मान दिया है ,

भर लो अपनी झोली उसी से || 


मानव का जन्म दिया उसी ने ,

इंसान हमें ही बनना है ,

धन्यवाद दें उस ईश्वर को ,

मानव तो बनाया है उसी ने || 


दिल और दिमाग दिए उसी ने ,

सोच ,समझ भी दी है उसी ने ,

सारी शक्ति दी है उसी ने ,

शक्ति के लिए भी शक्ति दी उसी ने || 


उसी शक्ति से बढे चलो तुम ,

सम्मान सजाए झोली में ,

ईश्वर भी मुस्काएगा देख कर ,

तुम्हारा आत्म सम्मान झोली में || 


देखा तुमने सम्मान अपना ,जो बख्शा उसी ने ,

अपनाए रखो सम्मान अपना ,जो बख्शा उसी ने || 


Monday, February 26, 2024

KAMAR KAS LO ( KSHANIKA )

 

                           कमर कस लो 


 जिंदगी का हर इम्तिहान ,पास कर  लो ,

सभी रिश्तों की डोर को ,बाँध ही लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस लो  ||

 

जिंदगी की हर राह को ,पार कर लो ,

मुस्कानों की डोर को ,बाँध ही लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस लो || 

 

रंगों की चमक को ,इंद्रधनुष कर लो ,

गगन के आँगन में ,सब रंग भर लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस लो || 

 

रूप जिंदगी का ,संवार ही लो ,

हर आँगन में ,तुलसी बीज लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस लो || 

 

प्यार ,प्रेम से ,रंगोली सजा लो ,

रीतों के रंग ,अपनी झोली में भर लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस   लो || 

 

क्षण भर में ,मुस्कुराहटों में मन को डुबा लो ,

सभी के साथ मिलकर ,जीवन सजा लो ,

इन सब के लिए ,कमर कस लो || 

 

Sunday, February 25, 2024

VESH MEIN ( JIVAN )

 

                       वेश में 


मन को साफ़ रखना तुम बंधु ,

किसी के दिल में बसना है तो ,

गाँठ लगा धागा कभी नहीं ,जा सकता सुईं के छेद में || 


प्यार बसा लेना मन में अपने ,

बस जाओगे दिल में तुम ,

नन्हां प्यार सरक जाएगा ,सुईं के छेद  में || 


ओढ़नी प्यार की लिपटी होगी ,

काँधे पर जो तेरे ,

सुंदर सबसे तुम्हीं लगोगे ,प्यार के उस वेश में || 


होठों पर मुस्कान लिए जब , 

तुम बोलोगे मीठे बोल ,

तोल -मोल का भाव ही ऊँचा ,हो जाएगा देश में || 


Wednesday, February 21, 2024

SAMAY KII YAATRA ( JIVAN )

 

                      समय की यात्रा 


मन के विचार बहते रहते हैं ,समय की यात्रा करते रहते हैं ,

सभी काल में मन और विचार ,ही तो घूमते रहते हैं || 


 ये ही तो हमें सारी दुनिया घुमाते हैं ,और नए -नए सपने दिखाते हैं ,

जिंदगी  आगे बढ़ने का हौसला देते हैं ,

हमें उड़ने के लिए पंख देते हैं || 


सागर में बहने का बहाव देते हैं ,

हर परिस्थिति में हिम्मत देते हैं ,

इन्हीं के सहारे हम आगे बढ़ते रहते हैं ,जीवन जीते रहते हैं || 


होठों पर मुस्कान लिए स्वागत करो इनका ,

बह जाओ इनके साथ - साथ ,

पकड़ लो कसकर इनका हाथ ,पकड़ लो कसकर इनका हाथ || 


Saturday, February 17, 2024

JIVANT (JIVAN )

 

                        जीवंत 


भरोसा खुद पर करो दोस्तों ,ना राह देखो दूसरों की ,

तभी तो मंजिल पाओगे ,जब खुद ही दौड़े जाओगे || 


भरोसा रखो ईश्वर पर ,और अपने कर्मों पर ,

दोनों ही भरोसे मजबूती से ,तुम्हारा हाथ थामेंगे || 


रुको ना चलते - चलते तुम ,मंजिल पा ही जाओगे ,

अपने अथक परिश्रम से ,जीवन  सुखमय बनाओगे || 


रंगों भरी इस दुनिया में ,भरोसा ही तो जीवन है ,

परिश्रम ही तो जीवन है ,सुकर्म ही तो जीवन है ,

परिश्रम और सुकर्म ही ,जीवन को जीवंत बनाते हैं || 


Wednesday, February 14, 2024

LEKHNEE NEY ( CHHOTI KAVITAAEN )

 

                       लेखनी ने 


लेखनी ने मेरी ,ना जाने क्या लिखा ?

तुमने ना जाने ,उसको क्या पढ़ा ? 

पढ़ने के बाद ,उसका अर्थ क्या समझा ? 

समझ कर अर्थ ,क्या उसका अनर्थ बनाया ? 


भाव मेरे थे प्यार के ,मगर तुमने उसे नहीं समझा ,

गुस्से और नफरत में बदल दिया ,

काश तुम समझ पाते ,मेरे सही भावों को || 


भावों को मेरे ,तुमने पानी में बहा दिया ,

कागज की कश्ती जैसे ,भाव ना तैरे पानी में ,

वो तो सभी मानो ,डूब गए पानी में ,

काश कोई तो समझता ,कोई तो बूझता ,

क्या कहना चाहा है ? मेरी लेखनी ने ,मेरी लेखनी ने || 


Tuesday, February 13, 2024

SHAARDE MAAN ( AADHYAATMIK )

 

                         शारदे माँ 

 

हे शारदे माँ ,हे शारदे माँ ,ज्ञान दे ,वरदान दे ,

मेरी लेखनी में तू ,प्राण भर दे || 

 

सागर को बना के स्याही ,लेखनी में भर दे ,

लेखनी  चलती ही जाए  ,कभी ना निष्प्राण हो || 


मन के विचारों में ,नए - नए शब्द तो दे ,

कभी तो अपनी वीणा की ,माँ झंकार सुनवा दे || 


जीवन की अंतिम साँस तक ,चलती रहे मेरी लेखनी ,

मुझको ये शक्ति ,ऐसा ही आशीर्वाद ,ऐसा ही वरदान दे || 


मेरे शब्द हों सीमा रहित ,

मेरे शब्द हों डूबे हों डूबे ,प्यार की चाशनी में ,

मेरे शब्द मददगार हों ,

उनके लिए जो ,जिंदगी से बेजार हों ,

ऐसी ही प्रेरणा मुझको दे ,

कभी तो वीणा की झंकार सुनवा दे || 


Monday, February 12, 2024

SULJHAA LO ( JIVAN )

 

                           सुलझा लो 


जिंदगी में मुश्किलें आएँ अगर ,ना कतराना ,

ना घबराना उनसे ,परिश्रम खूब करो ,

वही नैया को पार लगाएगा ,

सोच को भी सकारात्मक ही रखो ,

जिससे जिंदगी सही राह पर चलती जाए || 


जिंदगी के धागों की उलझनों को ,

बढ़ाओ मत ,धैर्य से सुलझा लो उन्हें ,

जब सभी धागे सुलझ जाएँगे ,

जिंदगी आसान ही बन जाएगी || 


सकारात्मकता ही जीवन को ,सुंदर बनाती है ,

सुखमय बनाकर ,रंगों से भर जाती है ,

उन्हीं रंगों से बना ,इंद्रधनुष ही ,

जिंदगी के गगन में छा जाता है || 


Sunday, February 11, 2024

SAVAAL ? ( JIVAN )

 

                      सवाल  ?


जिंदगी एक आस है ,जिंदगी विश्वास है ,

जिंदगी अहसास है ,जिंदगी एक साँस है || 


जिंदगी एक लय और ताल है ,

जिसमें अनेक स्वर हैं ,मगर एक जाल है ,

फँसने पर इसमें ,निकल पाना मुहाल है || 


हर रंग है इस जिंदगी में ,

कदम इसमें रखने पर ,रंगीन हर कदम है ,

जिंदगी रंगीन हो जाती है ,

पार पाना इससे ,बहुत बड़ा सवाल है || 


जिंदगी  की राहें भी अजीब हैं ,

हर मोड़ आता जब है ,नयी राह वह दिखाता है ,

हर अहसास नया होता है ,हर आस का पता नहीं ,

पूरी होती है या अधूरी रहती है ,

ये कौन जानता है दोस्तों ?

यही तो एक संगीन सा सवाल है ||

Friday, February 9, 2024

YAHII JIVAN HAI ( JIVAN )

 

                           यही जीवन है 


जीवन है एक वार ,समय का इंतजार ,

जिसके चार ,अलग - अलग पहर हैं ,

समय बीतता जाता है ,कदम ना रुकने पाता है || 


जीवन एक गुलशन है ,तरह -तरह के फूल हैं खिलते ,

जैसे तरह -तरह ,के रिश्ते हैं मिलते ,

उन सभी को निभाना ,और खुश रहना ही जीवन है || 


जीवन एक समंदर है ,अनेक रत्नों का भंडार है ,

जिस तरह अनेक योग्यताओं का ,एक संसार है ,

और इसी जीवन में ,एक सुनहरा परिवार है || 


रोको ना जीवन को ,चलते रहो दोस्तों ,

जीवन की डगर चाहे ,समतल हो या ऊबड़ -खाबड़ ,

यही तो जीवन है ,यही तो जीवन है || 


Thursday, February 8, 2024

JINDAADILII ( JIVAN )

 

                      जिंदादिली 


जिंदगी को जिंदादिली से बिताइए ,

बचपन को संजो लीजिए ,

तभी तो जीवन मुस्कुराएगा ,

बचपन जब खिलखिलाएगा || 


हर राह में फूल महक जाएँगे ,

और तितलियाँ फड़फड़ाएँगी ,

जब गुलशन में बहार आएगी ,

और कलियाँ खिल जाएँगी || 


बचपन के खिलखिलाने से ,

जिंदगी आसानी से बीतती जाएगी ,

और बढ़ती उम्र भी सिर्फ ,

एक नंबर मात्र रह जाएगी || 


नंबर के बढ़ने से कोई भी ,

फर्क नहीं पड़ेगा बंधु ,

जिंदगी सारी की सारी ,

सुकून से कट जाएगी || 


Wednesday, February 7, 2024

BADHAAI - BADHAAI ( KSHANIKA )

 

                            बधाई - बधाई 


तारक मेहता ने लिखा था ,उल्टा चश्मा तब ,

असित मोदी ने बनाया ,उल्टा चश्मा तब ,

हम देखते हैं ,इस शो को बंधु अब || 


जेठा लाल की भाषा ,होती है बहुत अनोखी ,

टेढ़े - मेढ़े शब्दों को बोलने की ,उनकी अदा अनोखी ,

चंपक चाचा का ,उच्चारण भी है बंधु अलग ,

चाहे वह जेठिया हो ,टपूड़ा हो या फिर डिब्बे || 


तारक मेहता के नाम का ,किरदार भी है मजेदार ,

अंजलि तारक मेहता (ATM ),का बनाया डाईट खाना ,

करेले का सलाद और जूस ,पी कर भी कायम है मिठास || 


ईमानदार शिक्षक भिड़े ,अचार -पापड़ क्वीन माधवी भाभी ,

कम से कम दवाई देकर ,इलाज करने वाले हाथी भाई ,

वैज्ञानिक अय्यर भाई और बबीता जी ,पार्टी शार्टी वाले सोढ़ी भाई ,

नट्टू काका ,बाघा भाई ,बावरी जी (गलती से मिस्टेक ही गई ),

और अब्दुल भाई ,सभी हैं अनोखे किरदार ,उन से भी अनोखे हैं ,

पत्रकार पोपट लाल और हमारी प्यारी टप्पू सेना || 


कुछ किरदार शो से अलग हो गए हैं ,

दया भाभी जाने के बाद आई ही नहीं ,

पता नहीं आएँगी या नहीं वह गरबा क्वीन ? 

सभी किरदारों को हमारा सलाम ,

4000 एपिसोड पूरे होने पर बधाई - बधाई - बधाई || 


Tuesday, February 6, 2024

MAN UPVAN ( KSHANIKA )

 

                        मन उपवन 


मन उपवन में फिरे घूमता,

 ऊँचे से गगना को चूमता ,

फूलों की खुश्बु को सूँघता ,

मानो हो नशे में झूमता | 

 

तितलियों   के रंगों  से खुश हो कर ,

जीवन प्यार में डूबता ,

रंग - बिरंगी तितलियों की दुनिया में ,

जीवन खुश हो कर झूलता || 

 

परिंदों की मीठी आवाजें ,

जब - जब कानों में आतीं ,

उपवन की खुश्बु में घुल कर ,

मन को जगमग कर जातीं || 

 

भोर की लाली जगमग - जगमग ,

संसार को रोशन कर जातीं ,

सूरज की किरनें भी तब ही ,

धरा को सुनहरा कर जातीं || 

 

Monday, February 5, 2024

SAPANE MEIN BADARA ( JALAD AA )

 

                            सपने में बदरा 


सपने में आया था बदरा ,वो तो मेरा है दोस्त ,

खिड़की को खटकाया उसने ,बोला ,"जल्दी बाहर आ ,

गगन में छाया हूँ मैं तो ,पवन के संग -संग डोल रहा ,

आ तू भी आजा सखि मेरी ,खेल ये कैसा खेल रहा "??


"रिमझिम बरखा भेजूँगा ,तुझे भिगो ही जाऊँगा ,

तेरे संग में ही सखि मेरी ,धरा पे बरखा बरसाऊँगा "|| 


"बरखा में जब धरा भीगेगी ,हरियाली छा जाएगी ,

हरियाली की उस चूनर को ,ओढ़ धरा मुस्काएगी ,

फसलों की लहर चलेगी ,और फूलों का हार पहन ,

धरा अपनी इतराएगी ,धरा अपनी इतराएगी "|| 


Sunday, February 4, 2024

VAHII DIN ( DESH )

 

                       वही दिन 


वही दिन फिर से है आया ,

देश के वीरों ने देश को ,आज़ाद था करवाया ,

परतंत्रता की बेड़ियों को काट ,

देश को मुक्त था करवाया || 


खुली हवा में साँसें भर लीं ,सभी देशवासियों ने ,

अपनी मिट्टी की सौंधी खुश्बु ली। 

सभी देशवासियों ने || 


कुछ सपूतों ने मिलकर ,देश के वास्ते कानून नया बनाया ,

और देश के मन - मस्तिष्क को ,

उसी कानून से चमकाया || 


जब वह लागू हुआ कानून ,तो देश गणतंत्र कहलाया ,

और उस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में ,

26 जनवरी को मनाया ,वही दिन फिर से है आया ||


Saturday, February 3, 2024

SAPANE MEIN CHAAND ( CHANDRAMA )

 

                  सपने में चाँद 


सपने में आया था चाँद ,वो तो मेरा है दोस्त ,

खिड़की पे आहट हुई ,उसने पुकारा मुझे || 


"उठ के तू आजा सखि ,देख तो जरा ,

कितना सुंदर नजारा है ? मैं भी गगन से उतरा ,

देख तो जरा ,कितनी चंदनिया है ? 

आजा ! तू आजा सखि ,मेरी चाँदनी में तू नहा ||"


खिली हुई चाँदनी है ,तू भी चमक जाएगी ,"

सुनकर मैं उठी ,खिड़की से बाहर फैली थी चाँदनी ,

चंद्रमा गगन में चमकते हुए ,मुस्कुरा रहा था ,

मेरे सपने को ,सच कर रहा था || 


Thursday, February 1, 2024

SAPANE MEIN SAAGAR ( RATNAAKAR )

 

                          सपने में सागर 


सपने में आया था सागर ,वो तो मेरा है दोस्त ,

" द्वार खोल दे ओ -सखि मेरी ,अंदर मुझे बुला ले तू ",

" अगर डर रही है सखि मेरी ,बाहर को ही आ जा तू ",

" अंदर सब पानी होगा ,इसी बात से तू डरती ",

  जल्दी बाहर आ ,देर तू ही है क्यों करती "??


" मुझ में छिपे रत्नों को देख ,जो पसंद हों ले ले तू ",

तू तो है सखि मेरी ,रत्नों का भंडार समेट ले तू ",

" रत्नाकर है दोस्त तेरा ,मेरी दौलत भी तेरी है "| | 


" जीवन में बँटवारा ना हो ,दोस्तों की दुनियाहै ये ",

" चल आ लहरों के संग खेल ",

" प्यार तुझे करती हैं सब ,जीवन में तो प्यार की दौलत ",

" प्यार ही  दुनिया ,प्यार की दुनिया ,प्यार में दुनिया "||   

 

Wednesday, January 24, 2024

KHILKHILAATE RANG ( JIVAN )

 

                खिलखिलाते रंग 


जीवन की भूल - भुलैयाँ में ,

राह हम भूल गए हैं दोस्तों ,

बचपन के सभी खेल भी ,

मानो भूल ही गए हैं दोस्तों || 


आज के जीवन की हलचलों में ,

हम फँस भी गए हैं दोस्तों ,

उन बंधनों से हम को ,

निकाल तो लो दोस्तों || 


साथ जब दोस्तों का ,

मिल जाता है   तो ,

मुस्कानें भी तो ,

खिलखिला जातीं हैं दोस्तों || 


रंग खिलखिला जाते हैं ,

और मौसम में बिखर जाते हैं ,

तो जीवन मानो ,

इंद्रधनुष ही बन जाता है दोस्तों || 


Tuesday, January 23, 2024

AASHEESH ( AADHYAATMIK )

 

                    आशीष 


सुन ऊपर वाले तेरी दुनिया में ,

तेरी रचना परेशां है ,

जिंदगी दर्द में डूबी है ,

हर इंसान परेशां है ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ||


दर्द को तू खत्म कर दे ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ,

अपनी रचना को दे राहत ,

दुःखों को दूर कर दे तू ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ||


आशीष जब तेरा आएगा ,

तभी आराम आएगा ,

तू भी तो ए - मालिक ,

तभी तो मुस्कुराएगा,

तभी तो तुझसे विनती है ,

आशीष भिजवा दे धरती पर || 



Monday, January 22, 2024

JAY SIYAA RAM ( AADHYAATMIK )

 

                      जय सिया राम 

 

श्री राम जय राम ,जय - जय राम ,

बन जाएँ सबके ,बिगड़े काम ,

ऐसा है ये सुंदर काम || 

 

राम -राम जी ,राम - राम ,

जपोगे जब ये नाम ,पूर्ण होंगे सारे काम || 

 

सीता राम बोलो बंधु ,सीता - राम ,

जपने पर ही ,मन होगा शुद्ध ,

और सुंदर होगी ,जीवन की शाम || 

 

जय - जय राम ,जय - जय राम ,

मन में ही जप लो तो ,

हर राह मिलेगी , सुंदर और आसान || 

 

सिया राम ,सिया राम ,सिया राम ,सिया राम ,

जाप जो हो जाए ,इस नाम का ,

पहुँचेंगे राम के धाम || 

 

Sunday, January 21, 2024

BADHAAI BAAJE ( GEET )

 

                          बधाई बाजे 


आज तो बधाई बाजे ,अपने देश में ,

अपने देश में ,अपने देश में ,अपने देश में || 


पहली बधाई अपने संतों ने दी ,गुरुओं ने दी ,

एक बधाई हमें ,मुर्मु जी ने दी ,

एक बधाई हमें ,मोदी जी ने दी ,

साथ में उनके ,योगी जी भी आए ,

अपने देश में ,अपने देश में ,अपने देश में || 


एक बधाई सभी मंत्रियों ने दी ,

एक बधाई सभी पूर्वजों ने दी ,

साथ में अपने ,पुण्यात्माओं को लाए ,

भारत देश में ,भारत देश में ,भारत देश में || 


देखो तो सभी पुण्यात्माएं,

राम जी की आत्मा को लाएँ ,

राम लला की मूर्ति में उन्होंने ,प्राण जगाए ,

तभी तो बधाई बाजे ,भारत देश में ,

भारत देश में ,भारत देश में ,भारत देश में || 


Saturday, January 20, 2024

INTJAAR SHUBH GHADII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                         इंतजार शुभ घड़ी का 


राम नाम ही गूँज रहा ,घर - घर ,गली - गली ,

लगता है ऐसा बंधु ,इस नाम की हवा चली || 


सिया -राम की लहर में ,खुश्बु खूब महकी ,

ये लहर तो बंधु ,सभी के दिल में है बसी || 


दीप जल रहे घर -घर में ,अयोध्या धाम सजा ,

हर घर का कोना -कोना ,राम नाम से गूँजा || 


आगम है सुंदर बंधु ,इंतजार है शुभ घड़ी का सबको ,

इसी इंतजार ने तो बंधु ,डुबा लिया है राम नाम में सबको || 



Friday, January 19, 2024

YAADON KII YAAD ( JIVAN )

 

                  यादों की याद 


बीत चला जो पल - क्षण बंधु ,यादें अपनी छोड़ता ,

उन्हीं क्षणों में जीवन बंधु ,यादों में बंध जाता ,

प्यार के धागे में बँधकर ,यादों को वह जोड़ता || 


हर आने - जाने पल को ,धागे में वह पिरोता ,

ऐसे ही तो जीवन बंधु ,दिल में प्यार समोता ,

उसी प्यार के सागर में ,जीवन सुंदर होता || 


जीवन के हर पल को बंधु ,बाँधो प्यार के धागे में ,

कर लो अपना जीवन सुंदर ,डूब प्यार के सागर में ,

तभी तो जीवन सुंदर होगा ,यादों की याद पिरोता || 


Sunday, January 14, 2024

MAHKAYA ( AADYATMIK )

 

                        महकाया 


क्या लेकर आए हम ? क्या लेकर जाएँगे ? 

ईश्वर ने जो जन्म दिया ,कैसे इसे बिताएँगे ? 

भाग्य लेख जब लिखा ईश्वर ने ,हम नहीं जानते ,

उस लेख को हम तो बंधु ,बिल्कुल नहीं पहचानते || 

 

जीवन लगा बीतने अपना ,भाग्य लेख आधार पर ,

रंग आए जिंदगी में ,भाग्य लेख आधार पर ,

हमने जब कुछ कर्म किए ,उनका असर पड़ा ,

भाग्य लेख का काँटा ,कुछ बदलने लगा || 

 

कर्मों से बदला जीवन ,कुछ मुस्काया ,कुछ हर्षाया ,

भाग्य लेख था ईश्वर प्रदत्त ,कर्म को हमने अपनाया ,

ईश्वर ने भी खुश होकर ,हमको सुखी बनाया ,

दोस्तों ,जीवन को महकाया ,हमारे जीवन को महकाया || 

 

 



Saturday, January 13, 2024

MEETHE SHABD ( PREM )

 

                         मीठे शब्द 


शिकायतों का पिटारा ,बड़ा मत करो दोस्तों ,

जीवन एक सुंदर उपहार ,मिला है हमें ,

शिकायतें करके उसकी ,सुंदरता कम मत करो ,

जिसकी शिकायतें कम होती हैं ,वही सुखी होता है दोस्तों || 



अपने शब्दों को मीठा बना लो ,धारदार नहीं ,

धारदार शब्द दूसरों की भावनाओं को ,

ठेस पहुँचाते हैं ,दुःखी कर देते हैं ,

मीठे शब्द दोस्तों की ,संख्या को बढ़ा देते हैं || 

 

मीठे शब्द सभी के ,दिल को छू लेते हैं ,

प्यार करने वालों की ,संख्या बढ़ा देते हैं ,

तो प्यार को समेट कर ,अपने दिल में ,

दोस्तों की संख्या को ,बढ़ा लो दोस्तों || 

 



Friday, January 12, 2024

SACH CHITTHI KAA ( JIVAN )

 

                       सच  चिट्ठी का       


आज समय आया है बंधु ,एस. एम. एस. का ,

आज कोई क्या समझे बंधु ? क्या है मजा एक चिट्ठी का ?

प्रेम -पत्र जो हो तो बंधु ,लिखने वाले के भाव छलकते ,

खुश्बु  भी उनसे आती थी ,जो दिल को भाती  थी || 

 

चिट्ठी लिखी जब हमने किसी को ,हफ्ता भर इंतजार किया ,

उसी के बाद जब मिली थी चिट्ठी ,पहले  निहार लिया || 

 

खोल के चिट्ठी पढ़ी जब हमने ,लगा उसका दीदार किया ,

लिखने वाले के भाव समझ कर ,उनको हमने स्वीकार किया || 

 

आज बदल गया है समय वह ,कोई नहीं समझे बंधु ,

इंतजार का मजा है क्या ?   फिर पाने का मजा  है  क्या ?

यही तो चिट्ठी का सच है ,यही तो चिट्ठी का सच है ||



NAHIN DHALENGE ( JIVAN )

 

                     नहीं  ढलेंगे 


पग - पग चलता जाए जीवन ,अपनी उम्र बढ़ाए जीवन ,

बचपन से बढ़कर जीवन ,आया यौवन की दहलीज पर || 


जिम्मेदारियाँ आयीं जब ,जीवन तेजी से भागता गया ,

ऐसे में हम दौड़ लगा ,उम्र के पड़ाव पार करते गए || 


बच्चों का संसार बसा ,समय बीतता गया उनकी खुशियों में ,

अब आया समय उम्र के ढलने का ,गति दौड़ की हुई कम || 


उम्र तो बढ़ती ,ढलती है ,ना ढलें वो मान ,सम्मान ही हैं ,

उन्हीं की चादर ओढ़ लो बंधु ,

वह कभी नहीं ढलेंगे ,कभी नहीं ढलेंगे || 


Tuesday, January 9, 2024

RAAJ DOSTII KAA ( JIVAN )

 

                     राज दोस्ती का 


बहुत समय बीता ,दोस्त सभी साथ थे ,

आज का आलम ये है ,दोस्त सभी दूर -दूर हो गए ,

मगर क्या वो दिल से दूर हैं आज ? ?


नहीं ! सभी तो ,

 दिल के आंगन में बसे हैं ,

दिल ही दिल में ,बातें होती रहती हैं ,

बातों का सिलसिला ,रुकता नहीं  है दोस्तों || 

 

जब दिल के तार जुड़े हों ,तो दूरी के क्या मायने ?

लगता है सब कुछ ,पहले जैसा ही है ,

सवाल - जवाब सभी ,मानो सुनाई देते हैं || 

 

मुलाकातें ना भी हों ,क्या फर्क पड़ता है ? 

दिल से दिल तक का ,पुल तो मजबूत है ,

उसी से तो दोस्ती जुड़ी है ,

यही तो दोस्ती का ,राज है दोस्तों || 

 

Saturday, January 6, 2024

AAYA PHONE BADARAA KAA ( JALAD AA )

 

                  आया फोन बदरा का 


बदरा की रिमझिम के साथ ही ,फोन आया बदरा का ,

रिमझिम बूँदें बोलीं ,आओ ,चलो हमारे साथ ,

बदरा की कंदरा में || 


ठंडी ,शीतल जगह है वह ,बदरा ने तुम्हें बुलाया है ,

राह देखता है वह तुम्हारी ,बीते बहुत से दिन यूँ ही ,

आज तो जरूरी है मिलना ,

बदरा से कंदरा में || 


साथ चली मैं रिमझिम बूँदों के ,

पहुँच गई क्षण भर में ,कंदरा थी रुई जैसी ,

कोमल और हल्की ,उड़े पवन के साथ इधर -उधर ,

लगा पैरों के नीचे ,कोमलता खुद ही बिछ गई है ,

बदरा की कंदरा में || 


समय बिताया मैंने सुंदर ,रिमझिम बूँदों से भरी ,

कंदरा में,बदरा के साथ में ,

मानो स्वर्ग में आ गई हूँ मैं ,बीत गया जब समय काफी ,

आई लौट मैं अपने घर ,

बदरा की कंदरा से || 



Thursday, January 4, 2024

KHUSH KAR DO ( JIVAN )

 

                          खुश कर दो 


दोस्तों क्या किसी को ,खुश रहने को कहें ?

तो क्या वह खुश हो सकता है ? 

नहीं !कभी नहीं ,ऐसा नहीं हो सकता ,

कहने से कोई खुश नहीं हो सकता || 


उसके लिए हमें उसकी खुशियों की,

 वजह बनना होगा ,

कुछ ऐसा करना होगा ,जिससे वह खुश हो जाए ,

 उसके होठों पर मीठी सी ,मुस्कान खिल जाए || 


यही तो हमारी इच्छा की जीत होगी ,

अगर उसकी उलझनें कम होकर ,

मन में सुकून और होठों पर मुस्कान नाच उठे ||

 

किसी को भी खुश करना ही ,

सबसे बड़ी पूजा है ,अर्चना है ,

यही तो सच्ची प्रार्थना है  || 

 


Wednesday, January 3, 2024

PHONE CHAAND KAA ( CHANDRAMA )

 

                       फोन चाँद का 


आया फोन मेरे चाँद का ,कैसी हो सखि मेरी ?

प्यार में डूबी हूँ तुम्हारे ,बात कहो तुम अपनी सखा ,

रोज -रोज मैं आता हूँ ,तुम सोती मिलती हो ,

कभी तो जागकर ,मिला करो सखि मेरी || 


तुम जब खिलते गगन में ,रात होती है मेरी ,

तभी तो डूबी नींद में ,मैं हूँ तुमको मिलती ,

कभी -कभी जब रात में ,मिल जाते हो मुझको ,

तभी बातें हो पाती हैं ,तुम्हारी और मेरी || 


भारत माँ भीचाहती ,बातें तुमसे करना ,

तभी तो भेजा चंद्रयान ,तुम्हारी खैर - खबर लेने ,

अपनर बारे में मेरे चाँद ,बता दो तुम सारे ही राज ,

तभी तो दुनिया में ,होगा भारत माँ का नाम || 


अब की बार मिलेंगे चंदा ,तब मिलेंगे तीनों ,

भारत माँ ,मैं और चाँद ,बतियाएँगे तीनों ,

जब तुम आओगे तो ,साथ में लाना चंदनिया ,

भारत माँ भी चाँदी जैसी ,चूनर ओढ़ आएगी || 


Tuesday, January 2, 2024

INTJAAR ( KSHANIKA )

 

                                  इंतजार  


इंतजार -- एक शब्द है ऐसा ,जो धैर्य की परीक्षा लेता है ,

छोटे समय का इंतजार ,एक ख़ुशी देता है ,मजा देता है ,   

मगर लंबे समय का इंतजार तो ,दिल ,दिमाग दोनों को ,

व्याकुलता ,दुःख और बेचैनी ही देता है || 


दुनिया में हर कोई, किसी ना किसी का इंतजार करता है ,

रात सुबह का ,सुबह भी रात के जाने का ,इंतजार करती है ,

खुश्बुएँ खुद ही फैलती हैं ,मौसम का इंतजार नहीं करतीं ,

खुशियाँ मन में ही बसी हैं ,उनको बाहर निकालो ,

उनके बाहर  से आने का ,इंतजार नहीं करो || 


जिंदगी ,जीवन का नहीं ,मौत का इंतजार करती है ,

जिससे आत्मा ,परमात्मा से मिल सके ,

परमात्मा से एकाकार ही ,उसके इंतजार को पूरा करता है || 


Monday, January 1, 2024

PHONE KIYAA SAAGAR NE ( RATNAAKAR )

 

                                फ़ोन किया सागर ने 


फोन की घंटी बजी ,फोन जब उठाया तो ,

आवाज आई सागर की ,मेरे दोस्त की ,

क्या करती हो ? क्या समय नहीं मिला मिलने का ?

कल को ही आ जाओ सखि || 


मैंने भी स्नेहातुर हो ,कर दिया वादा ,

आऊँगी मैं कल सागर ,मिलूँगी तुम से ,

तुम अपनी लहरों को ,भेजना किनारे || 


अगले दिन मैं गई ,सागर से मिलने ,

लहरें वहीं किनारे पर थीं ,प्यार जताया मुझसे ,

मैं चली उनका हाथ पकड़ ,और सागर के बीच गई || 


खूब हुईं बातें ,खूब गूँजे ठहाके ,

समय बीतता गया ,और एक पहर बीत गया ,

लौटने का समय हो चला ,

और ख़ुशी में डूबी मैं लौट आई ||