Monday, January 1, 2024

PHONE KIYAA SAAGAR NE ( RATNAAKAR )

 

                                फ़ोन किया सागर ने 


फोन की घंटी बजी ,फोन जब उठाया तो ,

आवाज आई सागर की ,मेरे दोस्त की ,

क्या करती हो ? क्या समय नहीं मिला मिलने का ?

कल को ही आ जाओ सखि || 


मैंने भी स्नेहातुर हो ,कर दिया वादा ,

आऊँगी मैं कल सागर ,मिलूँगी तुम से ,

तुम अपनी लहरों को ,भेजना किनारे || 


अगले दिन मैं गई ,सागर से मिलने ,

लहरें वहीं किनारे पर थीं ,प्यार जताया मुझसे ,

मैं चली उनका हाथ पकड़ ,और सागर के बीच गई || 


खूब हुईं बातें ,खूब गूँजे ठहाके ,

समय बीतता गया ,और एक पहर बीत गया ,

लौटने का समय हो चला ,

और ख़ुशी में डूबी मैं लौट आई || 


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