Wednesday, January 3, 2024

PHONE CHAAND KAA ( CHANDRAMA )

 

                       फोन चाँद का 


आया फोन मेरे चाँद का ,कैसी हो सखि मेरी ?

प्यार में डूबी हूँ तुम्हारे ,बात कहो तुम अपनी सखा ,

रोज -रोज मैं आता हूँ ,तुम सोती मिलती हो ,

कभी तो जागकर ,मिला करो सखि मेरी || 


तुम जब खिलते गगन में ,रात होती है मेरी ,

तभी तो डूबी नींद में ,मैं हूँ तुमको मिलती ,

कभी -कभी जब रात में ,मिल जाते हो मुझको ,

तभी बातें हो पाती हैं ,तुम्हारी और मेरी || 


भारत माँ भीचाहती ,बातें तुमसे करना ,

तभी तो भेजा चंद्रयान ,तुम्हारी खैर - खबर लेने ,

अपनर बारे में मेरे चाँद ,बता दो तुम सारे ही राज ,

तभी तो दुनिया में ,होगा भारत माँ का नाम || 


अब की बार मिलेंगे चंदा ,तब मिलेंगे तीनों ,

भारत माँ ,मैं और चाँद ,बतियाएँगे तीनों ,

जब तुम आओगे तो ,साथ में लाना चंदनिया ,

भारत माँ भी चाँदी जैसी ,चूनर ओढ़ आएगी || 


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