Sunday, January 14, 2024

MAHKAYA ( AADYATMIK )

 

                        महकाया 


क्या लेकर आए हम ? क्या लेकर जाएँगे ? 

ईश्वर ने जो जन्म दिया ,कैसे इसे बिताएँगे ? 

भाग्य लेख जब लिखा ईश्वर ने ,हम नहीं जानते ,

उस लेख को हम तो बंधु ,बिल्कुल नहीं पहचानते || 

 

जीवन लगा बीतने अपना ,भाग्य लेख आधार पर ,

रंग आए जिंदगी में ,भाग्य लेख आधार पर ,

हमने जब कुछ कर्म किए ,उनका असर पड़ा ,

भाग्य लेख का काँटा ,कुछ बदलने लगा || 

 

कर्मों से बदला जीवन ,कुछ मुस्काया ,कुछ हर्षाया ,

भाग्य लेख था ईश्वर प्रदत्त ,कर्म को हमने अपनाया ,

ईश्वर ने भी खुश होकर ,हमको सुखी बनाया ,

दोस्तों ,जीवन को महकाया ,हमारे जीवन को महकाया || 

 

 



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