खुश कर दो
दोस्तों क्या किसी को ,खुश रहने को कहें ?
तो क्या वह खुश हो सकता है ?
नहीं !कभी नहीं ,ऐसा नहीं हो सकता ,
कहने से कोई खुश नहीं हो सकता ||
उसके लिए हमें उसकी खुशियों की,
वजह बनना होगा ,
कुछ ऐसा करना होगा ,जिससे वह खुश हो जाए ,
उसके होठों पर मीठी सी ,मुस्कान खिल जाए ||
यही तो हमारी इच्छा की जीत होगी ,
अगर उसकी उलझनें कम होकर ,
मन में सुकून और होठों पर मुस्कान नाच उठे ||
किसी को भी खुश करना ही ,
सबसे बड़ी पूजा है ,अर्चना है ,
यही तो सच्ची प्रार्थना है ||
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