Friday, May 17, 2024

ANK ( JIVAN )

 

                                 अंक 


जिंदगी चल पड़ी है ,अनजान राहों पर ,

वो राहें जो कल तक ,सुनसान थीं मगर ,

आज वही राहें ,चहल - पहल से भरकर ,

खुशियों का संसार ,बसा कर चल रही हैं || 


हर कदम पर इम्तहान हैं ,परीक्षाएँ हैं ,

जिंदगी भी परीक्षा लेती है ,

मगर कोई अंक नहीं देती ,

ओ जिंदगी ! जब तुम परीक्षा लेती हो तो ,

पेपर जाँच कर अंक भी तो दो ,

पास या फेल का रिजल्ट भी तो दो || 


ऐसे ही ना पेपर जाँचो ,अंकों को साथ ले लो ,

दुनिया की हर एक परीक्षा की तरह ,

तुम भी तो परिणाम दे दो || 


  बिना परिणाम के परीक्षा क्या ? 

बिना अंकों के पेपर क्या ? 

आगे ऐसा सब नहीं करना ,

जीवन में फल ( परिणाम  ) भी देना || 


Thursday, May 16, 2024

AANCHAL ( JIVAN )

 

                                आँचल 


तमन्नाओं के घेरे में ,फँसे हैं हम तो ईश्वर आज ,

ना जाने कैसे ये जागीं ? ना जाने कैसे हम फँसे ? 

ईश्वर तू ही जाने सब || 


मानव का जन्म दिया तूने ,सोचने के लिए ही तो ,

ये मस्तिष्क दिया तूने ,जिरह करना सिखा करके ,

क्यों ये दिल दिया तूने ??


दिल में प्यार जब जगाया ,हमने रिश्ता बहुत बनाया ,

क्यों दूजों के दिलों में ? तूने प्यार ना जगाया ,

बता तू ही ,ये क्या किया तूने ?? 


संसार है सुख - दुःख का सागर ,मोती छिपे हैं अंदर ,

मगर लहरें तो हैं अछूती ,ना कोई मोती ,ना कोई रत्न ,

बता तू ही ,लहरों का आँचल ,

क्यों खाली रखा तूने ?? 


Wednesday, May 15, 2024

MUSKAANEN JAGAAO ( JIVAN )

 

                       मुस्कानें जगाओ  


जो भी गलतियाँ ,हुई हैं दोस्तों ,

उनमें से कुछ तुमसे ,और कुछ हमसे ,

चलो उन सबसे ,छुटकारा पा लेते हैं ,

कुछ तुम तो ,कुछ हम || 


शक्ति तो लगेगी ,छुटकारा पाने में ,

शक्ति भी जुटा लो ,कुछ तुम ,कुछ हम ,

गलतियों से ,छुटकारा तो पा लिया ,

मगर मुस्कानें लानीं जरूरी हैं ,

तो लाओ मुस्कानें ,कुछ तुम ,कुछ हम || 


सबक भी सीख लो ,इस सब से ,

गलती फिर से ना हो ,

गलती दोहराना ,बहुत गलत होता है ,

महाशक्ति को अपनाकर ,मुस्कानें जगाओ ,

मुस्कानें बिखराओ ,कुछ तुम ,कुछ हम || 


IISH SE ( AADHYAATMIK )

 

                           ईश  से 


जो ईश्वर साथ है मेरे ,ना दूजे की जरूरत है ,

जो आशीष मिल गया उसका ,ना दूजे की जरूरत है || 


लिखा जो भाग्य में मेरे ,नहीं कोई छीन सकता है ,

नहीं जो भाग्य में मेरे ,नहीं कोई दिला सकता है || 


मिलें जो खुशियाँ ईश से ,अलग  कोई ख़ुशी नहीं ,

बिना मेहनत के कोई ख़ुशी ,मिलती कभी नहीं || 


किसी से कुछ नहीं माँगो ,हाथ फैलाओ ना बंधु ,

एक ईश ही है सबका ,उसी से माँग लो बंधु || 


रंग जीवन में भर जाएगा ,सुंदर रंगों से ,

प्यार से रंग लो ये जीवन ,मीठे से रंगों से || 


KARM ( KSHANIKAA )

 

                           कर्म 


भाग्य का दरवाजा ,ना पीटो मेरे दोस्तों ,

उसने जो देना होगा ,वह दे ही देगा ,

और जो नहीं देना होगा ,वह नहीं देगा ,

उसको गुहार मत लगाओ दोस्तों || 


बंद दरवाजों में ही रहते हुए ,

अपने कर्मों से ,पैदा करो ऐसा तूफ़ान ,

जो खोल दे सभी ,दरवाजों और खिड़कियों को ,

जीवन खुला -खुला हो जाएगा दोस्तों || 


भाग्य जिस दरवाजे को बंद कर देता है ,

कर्म उसे खोल देते हैं ,

जीवन की राहों को मुस्कानों और ,

फूलों की महक से भर देते हैं || 


Sunday, May 12, 2024

KHOL DO GAANTHEN ( KSHANIKAA )

 

                         खोल दो गाँठें 


रोक दो मन को ,किसी भी जिद में पड़ने को ,

रोक दो मन को ,कोई भी गाँठ मढ़ने को ,

गाँठें ये लग जाएँगी ,रिश्तों में ही बंधु ,

जिद नहीं होगी ,तो गाँठें भी नहीं होंगी || 


खोल दो गर ,गाँठ कोई ऐसी जो पड़ जाए ,

रिश्ते सभी सुलझेंगे ,गाँठों के यूँ खुलने से ,

जो बढ़ी हैं उलझनें ,गाँठों के पड़ने से ,

जिंदगी की उलझनें ,सुलझ जाएँगी आसानी से || 


तो क्या फैसला है आपका ,सोच लो बंधु ? 

क्या चाहिए आपको ,गाँठें या सुलझनें ? 

मत सोचो ज्यादा तुम ,अभी कुछ और ,

आ जाओ मेरे पाले में ,और खोल दो गाँठें || 


Saturday, May 11, 2024

DEEP JALA DO ( JIVAN )

 

                            दीप जला दो 


नन्हा सा एक दीप जला दो ,किसी की अँधेरी राहों में ,

नन्हीं सी किरणें जगमगा देंगी ,

किसी की अँधेरी राहों को ,

तुम्हारी आँखों में भी ,चमक बढ़ जाएगी दोस्तों ||  


तुम्हारा चेहरा भी चमक उठेगा ,उस दीप के प्रकाश में ,

होठों की मुस्कान दमक उठेगी ,

उस दीप के प्रकाश में ,

अपने होठों की मुस्कानों को ,और बढ़ा दो दोस्तों || 


जिसकी रहें जगमगाएँगी ,वो दुआ देगा तुम्हें,

अपनी ख़ुशी भी वह ,देना चाहेगा तुम्हें ,

अपना अपनत्व उस पर ,लुटा दो तुम दोस्तों || 

 




Friday, May 10, 2024

SANCHAY ( DOHA )

 

                                संचय 


संचय करि - करि जुग भया ,ना बना खजांची कोय ,

अपने जोग जो संचय करे ,तो काफी संचय होय || 


सारा धन ना जोड़िए ,खर्चा भी कछु कर लेय ,

मन को मार जो धन जुड़ा ,तो फायदा काहू का होय || 


मन का खाय और पहन के ,जोड़ लेय तू संतोष ,

मन को मारा तो क्या ? पाएगा तू संतोष || 


जीवन एक बार मिले ,बार -बार नहीं पाय ,

यह जीवन तो किसी भी ,हाट में नहीं बिकाय || 


जीवन में रस बहुत हैं ,पी ले तू भरपूर ,

नहीं पिये तो पछताएगा ,अंत समय भरपूर || 


Thursday, May 9, 2024

MITHAAS ( JIVAN )

 

                                     मिठास 


ना बोलो ,बोलो ,बोलो बुरा ,

ना देखो ,देखो, देखो बुरा ,

ना बोल सको अच्छा ,ना देख सको अच्छा ,

तो तुम चुप रहो दोस्तों ,चुप रहो दोस्तों || 


जीवन हर रंग दिखाता है ,उन्हीं से रंग लो अपना जीवन ,

जीवन को सुंदर बना लो दोस्तों ,

खुशियों को बढ़ा लो दोस्तों || 


अगर आशीर्वाद किसी को ना दे सको ,

तो अपने शब्दों को तोल लो ,

किसी को बुरा तो नहीं कहना ,

जीवन को सजा लो दोस्तों ,

हर किसी को, अपना बना लो दोस्तों ,

मिठास को अपने ,शब्दों में मिला लो दोस्तों ||

Wednesday, May 8, 2024

LAUT KAR ( JIVAN )

 

                           लौट कर 


जिंदगी में चलते रहो ,दौड़ो मत ,

जिंदगी में मुस्कुराते रहो ,उदास रहो मत ,

जिंदगी के हर पल को ,यादों में बसा लो ,

क्योंकि ये पल ,लौट कर नहींआएँगे || 


जिंदगी के हर रिश्ते को ,बनाए रखो ,

मुस्कानों से उसे ,सजाए रखो ,

उन रिश्तों की ,डोर को जोड़े रखो ,

जिंदगी के बाद ये रिश्ते ,लौट कर नहीं आएँगे || 


सभी दोस्त जो कभी ,एक साथ थे ,

सभी दोस्त जो ,मिल कर मुस्कुराते थे ,

आज सभी ,दूर - दूर शहरों में बसे हैं ,

जिंदगी के बाद वही दोस्त ,

दुनिया से अलग पहुँच जाएँगे ,और हम भी || 


Tuesday, May 7, 2024

PAATHSHALAA ( JIVAN )

 

                                  पाठशाला 


जीवन की पाठशाला है ये ,जीवन की पाठशाला ,

प्यार और स्नेह से ,हर पाठ पढ़ाया जाता ,

सभी कुछ सिखाया जाता ,ऐसी है ये पाठशाला || 


सीखने की चाह रखने वाला ,सभी कुछ सीख जाता ,

जो सिर्फ नाम के लिए इसमें जाता ,कुछ ना सीख पाता ,

सभी कुछसिखाया जाता ,ऐसी है ये पाठशाला || 


सखा ,सहेली सभी यहाँ पर ,साथ - साथ हैं पढ़ते ,

ज्ञान ,खेल सभी तो बंधु ,हँस - हँस के ही सीखते ,

हर क्षेत्र का ज्ञान यहाँ पर ,सब में ही बाँटा जाता ,

सभी कुछ सिखाया जाता ,ऐसी है ये पाठशाला || 


Monday, May 6, 2024

CHAANDNI ( CHANDRAMA )

 

                          चाँदनी 


हर दिन का सूरज जगाने आता है ,

कहता है जागो और कार्यों में जुट जाओ ,

कुछ नया और सुंदर करो ,

मुस्कुराओ और दूजों को मुस्कानें बाँटो || 


झोंका हवा का ,शुद्धता लाता है ,

मीठी बयार सा सहलाता है ,

दिल , दिमाग को खुश कर जाता है ,

इस झोंके को साँसों में बसा लो || 


साँझ को डूबता सूरज ,

छोड़ जाता है ,साँझ की लाली ,

और साँझ का तारा ,जो झिलमिलाता है ,

बच्चे सा मुस्कुराता है || 


रात को चाँद चमचमाता है ,चाँदनी बिखराता है ,

धरा चाँदी सी चमक जाती है ,

और तारों की ,

झिलमिलाती चूनर ओढ़कर इतराती है || 


Sunday, May 5, 2024

SEEKH JAAOGE ( KSHANIKAA )

 

                                 सीख जाओगे  


 प्यार है एक दवा ,मुस्कान है एक दुआ ,

कोई दोस्त गर ,बीमार है दोस्तों ,

दे दो उसे दवा और ,अपनी दुआ दोस्तों || 


मीठे बोलों में ,घोल कर दवा को ,

पिला दो अपने दोस्त को ,

मर्ज दूर होगा ,और दर्द मिट जाएगा दोस्तों || 


मुस्कानों की ,गोलियाँ खिला दो उनको ,

ताकि दर्द कम हो जाए दोस्तों ,

और उनकी मुस्कानें भी ,थोड़ी खिल सकें || 


जरा देखो तो ,कैसा असर होता है ? 

मीठे बोलों ,प्यार और मुस्कानों का ,

हमारी दी हुई सीख से तुम ,

बहुत कुछ सीख जाओगे ,सीख जाओगे || 


GUPSHUPI CHAAY ( JALAD AA )

 

                        गपशपी चाय 


आसमां पर उड़े ,जा रहे जो बदरा ,

जब थके ,पर्वतों के ऊपर से गुजरे ,

तो पर्वतों ने रोका ,कहा ,आओ दोस्त !

आराम कर लो ,पल दो पल ,

बदरा  रुके आराम करने || 


पर्वतों ने मुझको आवाज दी ,

सखि !आओ जरा चाय तो पिलाओ ,

मैं दौड़ी ,पहुँच के ,बरखा को बुलाया ,

बरखा आओ ,चाय के लिए जल लाओ ,

बरखा ने जल बरसाया || 


चाय बनी कड़क - कड़क सी ,

भीनी - भीनी सुगंधित चाय ,

बदरा ,पर्वत ,बरखा रानी और मैंने ,

खूब चाय पी ,खूब गपशप की || 


Friday, May 3, 2024

PUNARJANM ( KSHANIKAA )

 

                                    पुनर्जन्म 


चाँदनी रात में ,बिना किसी डर के ,

मैं ,तुम और हमारा प्यार ,निकल पड़े ,

जीवन के सफर में ,अनजान सफर में ,

समय के साथ ,जा पहुँचे हम ,

परियों के देश में || 


वहाँ देखा ,सपनों का सच ,

दोस्ती और प्यार में डूबी ,खोयी हवाएँ ,

मिल गई हमें प्रेम की खुश्बु ,

देखा जीवन साथी ,जिसने थामा हुआ था हाथ ,

नियति के मोड़ पर ,पागल दिल ,

भर रहा था ऊँची उड़ान || 


मन के विचारों में ,मिलन की थी आस ,

अजनबी रिश्तों से ,आखिर कब तक ?

हँसी -हँसी में ओढ़ी ,जिम्मेदारियाँ पूरी करते ,

तभी मिला गुमशुदा मन ,यादों की किताब में खोया ,

दिल की गहराई में डूबा || 


तभी एक नया विश्वास उगा ,

एक बार जिंदगी में रंग भर लें  ,

कश्मीर की यात्रा करें ,सुरमई शाम का आनंद लें ,

बारिश के बाद नील गगन में ,इंद्रधनुष देखकर ,

खोयी यादों को फिर से जी लें ,और सोचें ,

यही तो हमारा पुनर्जन्म है ,पुनर्जन्म है || 


Thursday, May 2, 2024

NAMKEEN ( RATNAAKAR )

 

                            नमकीन 


नदिया आई उतर - उतर ,दौड़ी सागर से मिलने ,

रस्ते में सारे दोस्त मिले ,खूब ख़ुशी से मिले सभी || 


खेत -खलिहान ,बाग -बगीचे ,सभी ख़ुशी से फूले ,

ताल -तलैया की मुस्कानें ,और बढ़ीं भई और बढ़ीं || 


नदिया छल -छल ,छल -छल करती , 

सागर की ओर बढ़ी ,

सागर की लहरें थीं चंचला ,जान गईं नदिया को || 


उछल -उछल कर ,गुनगुन करती ,

नदिया पहुँची सागर के पास ,

सागर भी खुश होकर दौड़ा ,लहरों को लेकर साथ || 


मिले खुश होकर नदिया -सागर ,मौसम हुआ रंगीन ,

नदिया का पानी भी सागर ,हो गया नमकीन ||