आँचल
तमन्नाओं के घेरे में ,फँसे हैं हम तो ईश्वर आज ,
ना जाने कैसे ये जागीं ? ना जाने कैसे हम फँसे ?
ईश्वर तू ही जाने सब ||
मानव का जन्म दिया तूने ,सोचने के लिए ही तो ,
ये मस्तिष्क दिया तूने ,जिरह करना सिखा करके ,
क्यों ये दिल दिया तूने ??
दिल में प्यार जब जगाया ,हमने रिश्ता बहुत बनाया ,
क्यों दूजों के दिलों में ? तूने प्यार ना जगाया ,
बता तू ही ,ये क्या किया तूने ??
संसार है सुख - दुःख का सागर ,मोती छिपे हैं अंदर ,
मगर लहरें तो हैं अछूती ,ना कोई मोती ,ना कोई रत्न ,
बता तू ही ,लहरों का आँचल ,
क्यों खाली रखा तूने ??
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