Thursday, May 16, 2024

AANCHAL ( JIVAN )

 

                                आँचल 


तमन्नाओं के घेरे में ,फँसे हैं हम तो ईश्वर आज ,

ना जाने कैसे ये जागीं ? ना जाने कैसे हम फँसे ? 

ईश्वर तू ही जाने सब || 


मानव का जन्म दिया तूने ,सोचने के लिए ही तो ,

ये मस्तिष्क दिया तूने ,जिरह करना सिखा करके ,

क्यों ये दिल दिया तूने ??


दिल में प्यार जब जगाया ,हमने रिश्ता बहुत बनाया ,

क्यों दूजों के दिलों में ? तूने प्यार ना जगाया ,

बता तू ही ,ये क्या किया तूने ?? 


संसार है सुख - दुःख का सागर ,मोती छिपे हैं अंदर ,

मगर लहरें तो हैं अछूती ,ना कोई मोती ,ना कोई रत्न ,

बता तू ही ,लहरों का आँचल ,

क्यों खाली रखा तूने ?? 


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