Sunday, May 26, 2024

AANKHON MEIN ( JIVAN )

 

                       आँखों में 


झिलमिल तारे ,चमकते हैं गगन  में ,

उन्हीं की परछाईं ,दिखती है सागर में ,

झिलमिल तारे ,चमकते हैं नयन में ,

उन्हीं की परछाईं ,दिखती है अँसुअन में || 


सभी तरह के तारे ,चम - चम करते हैं गगन में ,

मगर सिर्फ रात में ,सिर्फ रात में ,

एक आस का तारा ही ,चमकता रहता है ,

रात और दिन दोनों में ,दोनों में || 


उस आस के ,तारे को देख लो बंधु ,

उसी की चमक को ,

जीवंत रखो अपनी आँखों में ,

उसी की चमक के बल पर ,

अपने जीवन के सपने सजा लो ||

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