Friday, May 17, 2024

ANK ( JIVAN )

 

                                 अंक 


जिंदगी चल पड़ी है ,अनजान राहों पर ,

वो राहें जो कल तक ,सुनसान थीं मगर ,

आज वही राहें ,चहल - पहल से भरकर ,

खुशियों का संसार ,बसा कर चल रही हैं || 


हर कदम पर इम्तहान हैं ,परीक्षाएँ हैं ,

जिंदगी भी परीक्षा लेती है ,

मगर कोई अंक नहीं देती ,

ओ जिंदगी ! जब तुम परीक्षा लेती हो तो ,

पेपर जाँच कर अंक भी तो दो ,

पास या फेल का रिजल्ट भी तो दो || 


ऐसे ही ना पेपर जाँचो ,अंकों को साथ ले लो ,

दुनिया की हर एक परीक्षा की तरह ,

तुम भी तो परिणाम दे दो || 


  बिना परिणाम के परीक्षा क्या ? 

बिना अंकों के पेपर क्या ? 

आगे ऐसा सब नहीं करना ,

जीवन में फल ( परिणाम  ) भी देना || 


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