नमकीन
नदिया आई उतर - उतर ,दौड़ी सागर से मिलने ,
रस्ते में सारे दोस्त मिले ,खूब ख़ुशी से मिले सभी ||
खेत -खलिहान ,बाग -बगीचे ,सभी ख़ुशी से फूले ,
ताल -तलैया की मुस्कानें ,और बढ़ीं भई और बढ़ीं ||
नदिया छल -छल ,छल -छल करती ,
सागर की ओर बढ़ी ,
सागर की लहरें थीं चंचला ,जान गईं नदिया को ||
उछल -उछल कर ,गुनगुन करती ,
नदिया पहुँची सागर के पास ,
सागर भी खुश होकर दौड़ा ,लहरों को लेकर साथ ||
मिले खुश होकर नदिया -सागर ,मौसम हुआ रंगीन ,
नदिया का पानी भी सागर ,हो गया नमकीन ||
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