Thursday, May 2, 2024

NAMKEEN ( RATNAAKAR )

 

                            नमकीन 


नदिया आई उतर - उतर ,दौड़ी सागर से मिलने ,

रस्ते में सारे दोस्त मिले ,खूब ख़ुशी से मिले सभी || 


खेत -खलिहान ,बाग -बगीचे ,सभी ख़ुशी से फूले ,

ताल -तलैया की मुस्कानें ,और बढ़ीं भई और बढ़ीं || 


नदिया छल -छल ,छल -छल करती , 

सागर की ओर बढ़ी ,

सागर की लहरें थीं चंचला ,जान गईं नदिया को || 


उछल -उछल कर ,गुनगुन करती ,

नदिया पहुँची सागर के पास ,

सागर भी खुश होकर दौड़ा ,लहरों को लेकर साथ || 


मिले खुश होकर नदिया -सागर ,मौसम हुआ रंगीन ,

नदिया का पानी भी सागर ,हो गया नमकीन || 


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