Friday, December 31, 2021

SAATH BANAAE RAKHANA ( AADHYATMIK )

 

                       साथ बनाए रखना 

 

ईश्वर कृपा बनाए रखना ,अपनी दया बनाए रखना ,

पूरी दुनिया के दुःख हर लेना,मुझको भी सुखी बनाए रखना | 


तू ही दुनिया बनाने वाला ,तू ही उसे चलाने वाला ,

खुशियों का अंबार लगाता ,मगर कभी दुःख भी लाता ,

उन दुःखों को थोड़ा कम करदे ,

दर्दों को थोड़ा कम करदे ,अपना साथ बनाए रखना | 


जीवन के ओ देने वाले ,और उसे चलाने वाले ,

लंबी परीक्षा मत ले ईश्वर ,

राहों को सुखमय कर दे ,अपना साथ बनाए रखना | 


आने वाली राह सुगम हो ,कोई नहीं राह निर्गम हो ,

तेरा सिर पर हाथ रहे तो ,कोई नहीं राह कठिन हो ,

कठिनाई को तू हर ले ,अपना साथ बनाए रखना | 


पूरा जीवन साथ दिया है ,खुशियों का सामान दिया है ,

आगे भी ऐसा ही जीवन दे ,खुशियों से जीवन भर दे ,

आशीष अपना बनाए रखना ,अपना साथ बनाए रखना | 


अधिक नहीं तू परीक्षा ले ,बहुत परीक्षा ले ली तूने ,

अब तो हमें उत्तीर्ण कर दे ,अब तो हमें उत्तीर्ण कर दे ,

अपना साथ बनाए रखना ,अपना साथ बनाए रखना | 


Wednesday, December 29, 2021

RAAHI ( JIVAN )

 

                 राही 

 

पूरब दिशा से एक राही आया ,

जग को अपनी रोशनी से चमकाया ,

पूरे जग में जीवन उपजाया ,

धूप ,हवा ,पानी पूरे जग में फैलाया | 

 

जीवन जो धरती पे फैला ,

उसने जग में मुस्कान को मुस्काया ,

उन्हीं मुस्कानों के जरिए ,

जीवन भी खिलखिलाया | 

 

कहीं बने समंदर गहरे ,

कहीं बने ऊँचे - ऊँचे पर्वत ,

गहराईयों में उपजा जीवन ,

ऊँचाईयों पर पहुँचाया | 

 

कहीं रेतीली धरा थी ,

रेतीली धरा तो रेगिस्तान बन गई थी ,

मगर धरा पर ही बंधु ,

जंगल घना बनाया | 

 

सभी जीव - जंतुओं ने ,

सुखमय और सुरक्षित रहने के लिए ,

जरूरतों के मुताबिक ही ,

अपना नीड़ बनाया | 

 

ऐसा जग देखकर ,

राही भी मुस्कुराया ,

अपने फलते -फूलते जग में ,

प्यार अपना फैलाया , 

प्यार अपना फैलाया | 


Sunday, December 26, 2021

SISKIYAAN ( JIVAN )

 

                   सिसकियाँ 

 

एकांतवास मिलता है बंधु दिल के अंदर ,

दिमाग में तो शोर है ज्यादा ,

जिंदगी चाहती क्या है ? 

शोर या एकांतवास की शांति | 

 

ऊँचाई पर पहुँचा है मानव ,

मगर क्या सफलता है पाई ? 

हर ओर के रस्ते हैं बंद ,

कहीं कोई ख़ुशी ना भाई | 

 

बंद है मानव अपने बनाए किले में ,

दीवारें ऊँची उसकी हैं भाई ,

खाईयाँ खोद रखीं मानव ने ,

जीवन में ये कैसी घड़ी आई ? 

 

मानव ने ये बीज कैसे बोए ? 

जिसका फल आज भोग रहा भाई ,

अब काटने हैं वही फल तो ,

जो वटवृक्ष लगाया है भाई | 

 

अपने ही चेहरे को छुपाना पड़ा है ,

साँस लेना भी अब दूभर हुआ है ,

जिंदगी बन गई एक सजा है ,

मगर ये सब किस कारण हुआ है भाई ? 

 

प्रकृति से ना की होती छेड़खानी ,

ऐसी जिंदगी ना पड़ती बितानी ,

किया अपना गुनाह ,खुद ही भुगत रहा है ,

मानव आज खुद ही सिसक रहा है | 

 

ये सिसकियाँ तो बंधु कोई ना सुनने वाला ,

तभी तो लगा है दुनिया में ताला ,

मानव की निद्रा जब पूरी तरह खुलेगी ,

तभी तो बंधु ये ताला बंदी खुलेगी | 

 

Wednesday, December 22, 2021

LUTAAO YAARON ( JIVAN )

 

                   लुटाओ यारों 

 

जिंदगी की राह में कभी ,हार ना मानो यारों ,

हर परेशानी को दूर और ,दूर भगाओ यारों | 

 

कोरोना जो दुनिया में ,चारों तरफ है फैला हुआ ,

मास्क से इसको दूर ,भगाओ यारों | 

 

ना गले मिलो किसी से ,मिलाओ ना हाथ यारों ,

नमन करने को ,तुम शीश झुकाओ यारों | 


इस महामारी के वक्त में ,तुम खुद को बचाओ ,

दूसरों को भी इस महामारी ,से दूर हटाओ यारों | 


जिंदगी नमन करेगी ,उन सभी वारियर्स को ,

जो भी हँसते -हँसते ,मदद फैलाएँगे यारों | 


कल इतिहास उन्हीं को ,याद करेगा यारों ,

आज जो वर्तमान को ,जिलाएगा यारों | 


अपने लिए तो सभी ,जीते हैं इस जहाँ में यारों ,

आज तो दूजों के लिए ,हँस के जान लुटाओ यारों | 


Monday, December 20, 2021

SEEKH NADIYA SE ( RATNAKAR )

 

               सीख नदिया से 

 

नदिया निकले परबत से ,

लहर -लहर लहराती जाए ,

टेढ़ी -मेढ़ी राहें लेकर ,

जाय  समंदर में मिल जाए | 

 

ठंडा -ठंडा पानी लेकर ,

राहें नई बनाती जाए ,

राहों को उपजाऊ करके ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

बीच राह में जो मिल जाए ,

उसकी प्यास बुझाती जाए ,

जरूरतें सबकी पूरी कर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

नदिया की राहों के बीच में ,

हरियाली फैलाती जाए ,

परिंदों के पंखों से उड़ कर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

निर्मल ,शीतल ,मीठा जल ,

नदिया लेकर बहती जाए ,

प्यास बुझा मुस्कान बाँटती ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

लहर -बहर करती नदिया ,

प्यार से सबको पास बुलाए ,

जीवन सबका सुखी बनाकर ,

जाय समंदर में मिल जाए | 

 

हम भी इस नदिया से सीख कर ,

अपना जीवन मधुर बनाएँ ,

प्यार बाँट ,मुस्कानें फैला कर ,

जाएँ ,समंदर में मिल जाएँ |

Saturday, December 18, 2021

HAM DONON ( PREM )

 

            हम दोनों 

 

किसको पता था कि एक दिन ,

साजन का हाथ पकड़ ,

चलेंगे नए रास्ते पर ,

गाँव की ओर जाएँगे हम दोनों | 

 

सड़कें थीं टूटी फूटी ,

पगडंडियाँ थीं कच्ची ,

मगर मस्ती में डूबे ,

उसी पर चलते गए हम दोनों | 

 

पहुँचे हम गाँव में ,

वक्त था शाम का ,

झुटपुटा था ,संध्या रानी सब ओर थी ,

समय की सुंदरता में डूब गए हम दोनों | 

 

तभी साइकिल की घंटी सुनाई दी ,

देखा डाकिया आया था ,

थैले में पत्र थे ,अनेक रंग - बिरंगे पत्र थे ,

अनेक हस्तलिखित पत्र ,अनेक लिखावट के पत्र ,

  मोबाइल के ज़माने में ये पत्र ,

प्यार का इज़हार थे ,

उन पत्रों की प्यार भरी खुश्बु ,

में डूब गए हम दोनों | 


तभी बूँदें टपकीं ,घने से बादलों से ,

सूखी ,तपती धरा की मिट्टी थी बहुत प्यासी ,

बूँदों ने जो मौसम बदला ,

धरा की प्यास कम हुई ,

उड़ी सोंधी सी खुश्बु ,

पत्रों की खुश्बु संग मिली ,

दोनों ने हवा को खुश्बुओं से महकाया ,

ख़ुश्बुओं से तरबतर हुए हम दोनों | 

ख़ुश्बुओं से तरबतर हुए हम दोनों | 


Wednesday, December 15, 2021

PYAAR PANAPA ( PREM )

 

                प्यार पनपा 

 

जिंदगी के उन सुनहरे दिनों में ,

जिंदगी के उन सुनहरे पलों में ,

बहार आई जब बगिया में ,

फूल महक उठे हमारी साँसों में | 


उन सुनहरे दिनों में ,

तारों की उस जगमग छावों में ,

बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलना ,

हाथों में हाथ लेके एक राह पे चलना | 


प्यार पनप गया दिलों में ,

तभी मेरे साजना दिन बीतते गए ,

और प्यार बढ़ता गया ,दिलों में ,

बसा वो प्यार ,आया सभी की निगाहों में | 


फूल और खिल उठे ,बहार भी चहक गई ,

तारों की वो छाँव भी ,और भी चमक गई ,

मुस्कुरा कर खिल गई ,खुशियों में बदल गई | 


पानी की फुहारें भी ,जिंदगी को तर गईं ,

तन मन जो भीगा तो ,खुशियाँ और बढ़ गईं ,

ऐसे मौसम में ,ऐसी ऋतु में ,

हम दोनों ही जाने कहाँ खो गए ? 

जाने कहाँ खो गए ? 


Friday, December 10, 2021

RAISTORENT ( HASYA )

 

                रैस्टोरेंट 

 

ये प्लेटों की खड़खड़ाहट ,

ये चम्मचों की छनछनाहट ,

स्वादों की खुश्बुओं से भरी हवाएँ ,

वेटरों को बुलातीं हैं ये सदाएँ | 


कोई ढोकले का स्वाद है लेता ,

कोई इडलियों को उदरस्थ करता ,

कोई समोसे संग चटनियाँ चखता ,

कोई कचौड़ियों को कुरकुर है करता | 


कोई मीठी लस्सी संग रसगुल्ला खाता ,

कोई केक ,पेस्ट्री के मजे है उड़ाता ,

किसी को स्वाद आता वड़ा पाव में ,

कोई डूब जाता मिसल के स्वाद में | 


ये तो रैस्टोरेंट है ,बुलाता है सबको ,

मजेदार स्नैक्स खिलाता है सबको ,

चाय ,कॉफी का मजा दिलाता है सबको ,

जीवन के रंग दिखाता है सबको | 


सभी बड़े चाव से सब हैं खाते ,

मीठे और नमकीन के मजे हैं उड़ाते ,

खाते और साथ में कहकहे हैं लगाते ,

जीवन को अपने खुशनुमा हैं बनाते | 


Thursday, December 9, 2021

JIVAN NAIYYAA ( PREM )

 

                              जीवन नैया

 

दुनिया की भूल -भुलैया में ,खो गए हैं हम सखे ,

ढूँढेंगे हम किसी को क्या ? हम ही खो गए हैं सखे | 

 

जीवन की नैया तैर रही ,हिचकोले है खाती सखे ,

हिलते-हिलते वो जीवन के,छिपे से राज बताती सखे|  


आगे रास्ता कौन बताए ? समझ में बात ना आती सखे ,

इतने बड़े से जहान में ,दिशा समझ ना आती सखे | 


हर ओर को रास्ते मुड़ जाते ,हम किधर मुड़ें ये जानें ना सखे ,

अपनी मंजिल है किधर को दोस्त ? हम राह कोई पहचाने ना सखे | 


जीवन की नैया खेते जाओ ,लग जाओगे पार सखे ,

यही सुनी है हमने दोस्तों ,दूजों के मुख से बात सखे | 


 ये भूल -भुलैया हमने तो ,कर ली है लंबी पार सखे ,

जो थोड़ी राह बची है वो ,आगे करनी है पार सखे | 


चलते -चलते ही आगे भी ,लग जाएगी नैया पार सखे ,

कुछ हँसते -हँसते ,कुछ गाते -गाते और मुस्काते सखे | 


हाथ पकड़ हम चलते जाएँ ,साथ में हम मुस्काएँ सखे ,

जीवन पार लगेगा यूँ ही ,हम लग जाएँगे पार सखे | 


प्यार में बीत गया जीवन ,चाहे राहें ऊँची -नीची हों ,

प्यार में हम डूबें सिर तक ,प्यार लबालब मिले हमें सखे | 


तन -मन भीगे प्यार की फुहारों में ,कभी ना हो बयारों में ,

कलियाँ खिल जाएँ दिल की ,महके खुश्बु गुलजारों में सखे | 


Tuesday, December 7, 2021

VISHVASNEEY ( KSHANIKA )

 

             विश्वसनीय

 

रंगीन दरवाजे के पीछे ,फैली अविश्वसनीयता ,

ऊँचे पहाड़ों ,गहरे सागरों की ,ऊँची गहराइयों ,

में फैली अविश्वसनीयता ,

तेरी मेरी सोचों में फैली है दोस्त ,

गहरी विश्वसनीयता | 

 

बीता हुआ कल तो बीत गया ,

मानो इंद्रधनुष के रंगों को बिखरा गया ,

आने वाला कल अनजाना है ,

फैली हुई है आज विश्वसनीयता | 

 

आने वाला कल,कल को आज बन जाएगा ,

और आज ,कल को इतिहास बन जाएगा ,

हम ,तुम भी दोस्त आने वाले समय में ,

इतिहास बन जाएँगे ,

यही है विश्वसनीयता | 

 

बीते समय की ,अपने इतिहास की गलतियों से ,

सीख लो कुछ दोस्त ,उन्हें दोहराओ मत ,

करो विश्वास कि ,रहेगी सदा विश्वसनीयता | 

 

फिर से जीवन बनेगा सोन चिरैया ,

फिर से देश बनेगा सोन चिरैया ,

सभी सुखी ,सभी जीवंत होंगे ,

मुस्कुराहटों भरी आएगी विश्वसनीयता |

 

Sunday, December 5, 2021

LAKEEREN BHAAGYA KI ( JIVAN )

 

           लकीरें भाग्य की 

 

लकीरें भाग्य की हैं चमकतीं , 

लकीरें भाग्य की हैं दमकतीं ,

मगर उनसे ज्यादा चमकती हैं ,

मगर उनसे ज्यादा दमकती हैं ,

मेहनत की लकीरें ,परिश्रम की लकीरें | 


तो सोच ले ऐ - मानव ,तुझे क्या चाहिए ? 

तुझे कैसे चाहिए ? मेहनत से या भाग्य से ? 

जब मेहनत होगी ,जब परिश्रम होगा ,

तभी तो भाग्य देगा ,तभी किस्मत जागेगी | 


नहीं खाली बैठ ,करे जा तू मेहनत ,

नहीं खाली सोच ,करे जा तू परिश्रम ,

बदल दे अपने हाथों की लकीरें ,

बदल दे तू अपनी तकदीरें | 


खुशहाली आएगी ,ये काली सी ऋतु जाएगी ,

मगर अब आगे तू ,

मेहनत से ना रुकना ,परिश्रम से ना झुकना | 


चलना प्रकृति के बनाए कायदों पर ,

निभाना प्रकृति के बनाए नियमों को ,

ये जीवन तभी बनेगा सुंदर ,

ये जीवन तभी बनेगा मजबूत | 


वरना ये काली सी ऋतु ,हर लेगी जीवन को ,

मिटा देगी इंसान के नामों - निशान को ,

बचा ले अपने अस्तित्व को ,

मिटा दे इस काली सी ऋतु को ,

बन दोस्त प्रकृति का ,कर मेहनत ,

कर परिश्रम और सजा अपना आशियाना |

Sunday, November 28, 2021

VAHIIN TAK ( PREM )

           

          वहीं तक

 

आसमां से परे ,गहरे नीले क्षितिज में,

दूर - दूर तक फैला ,प्यार का मौसम ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

वहाँ ,जहाँ फूल नहीं उगते ,

वहां ,जहाँ सूरज नहीं छिपता ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

खुश्बुएँ प्यार की फैली वहाँ ,

जिंदगियों में खुश्बुएँ लिपटी वहाँ ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

कोई साया ना वहाँ दिखाई दे ,

कोई गूँज भी ना वहाँ सुनाई दे ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

मुस्कुराहटें भरी रहें जिंदगी में ,

चहचहाहटें भरी रहें जिंदगी में ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक 

 

 सफर जिंदगी का चलता रहे यूँ ही ,

जिंदगी ख्वाब बुनती रहे यूँ ही ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

ख्वाब कुछ मीठे से ,तो कुछ खट्टे से ,

ख्वाब कुछ बुने से ,तो कुछ अधबुने से ,

चलो साजना ,चलें हम वहीं तक | 

 

Tuesday, November 23, 2021

PAALANHAAR ( AADHYATMIK )

 

                     पालनहार 

 

उतर आ ईश धरती पर ,तेरी धरती परेशां है ,

धरा तो काँपती डर से ,हरेक मानव परेशां है ,

बचा ले अपनी रचना को,दुःखों को दूर करदे तू ,

मिटेगी अगर धरती तो,कौन मानेगा तुझको ईश? 


जिंदगी दे दे मानव को ,मिटा दे मौत के साए ,

नहीं कहते अमर हों हम ,मगर जीवन तो पूरा हो ,

नहीं छोड़ें अधूरे काम ,काम सारे ही पूरे हों ,

नहीं बिलखें दुधमुँहें ,नहीं कोई गोद सूनी हो | 

 

खिलखिलाहटें मत मिटा ,मुस्कानें जगने दे ,

कोई रोए ना रातों को,सभी के ख्वाब जगने दे,

तू है शक्तिशाली ,दिखा दे अपनी शक्ति को ,

कर दे जिंदगी आसां ,भर दे आशियानों को | 

 

ये सारी तेरी रचना हैं ,और हम तेरे बच्चे हैं ,

तू तो पालनहार है सबका,ये हमारे बोल सच्चे हैं, 

प्रार्थना है यही तुझसे ,सभी का ध्यान रख ले तू ,

सभी की साँसों को हे ईश्वर ,परिपूर्ण कर दे तू | 


भूल जा कोईब कैसा है ?सभी तो तेरी रचना हैं ,

बुराई को मिटा कर दे ,उन्हें अच्छा बना दे तू ,

कलम तेरी तो हे ईश ,कुछ लिखती मिटाती है ,

तू जो चाहे वो लिख दे ,तुझे तो पूरी आज़ादी है | 


तुझसे हर बात है कहदी ,नहीं नाराज होना तू ,

मेरा तो दोस्त है तू ईश,ये रिश्ता बहुत गहरा है,

मैं ना जानती पूजा ,मैं ना  जानती अर्चना ,

मगर मैं जानूँ हूँ ऐ ईश ,

तू है मेरा पावना ,तू है मेरा पावना | 


KHEL ANOKHA

खेल अनोखा

छाए बदरा, पवन संग खेलें गगना में,
डोलें इधर-उधर, खेलें गगना में,
कभी-कभार भास्कर भी खेले,आँख-मिचौली,
धरा भी खुश हो कर खेले, भास्कर के साथ,
खेल अनोखा देख के,बच्चे मुस्काएँ,
उन्हें खुशी है, ये सब खेलें उन के जैसा खेल।

Monday, November 22, 2021

SANGEET ( GEET )

         

                 संगीत 

 

रीतों की रिवाजों की ,

ये दुनिया है समाजों की | 


हर समाज की रीत अलग है ,

हर दिल का गीत अलग है ,

मगर प्यार सब में ही बसता ,

हर दिल में संगीत धड़कता | 


सभी समाजों में मधुर संगीत धड़कता ,

वह है मानवता का गीत ,

वह है मानवता का संगीत ,

चलो सब ही गाएँ ,गुनगुनाएँ ,

दुनिया को ,समाजों को सुंदर बनाएँ | 


HAM SAATH CHALE

 

हम साथ चले

 दुनिया में आने के बाद, मैं और तुम साथ चले,
अपनी सरजमीं पर कदम बढ़ाते,हम साथ चले,
हँसते _ मुस्कुराते हुए, हम दोनों साथ चले,
ऊपर के आसमान को बाँहों में भर,हम साथ चले ।

प्यार की सीढ़ी पर चढ़ते _ चढ़ाते, हम साथ चले,
सीढ़ी थी बहुत ऊँची मगर, हम साथ चले ,
सीढ़ी ने बुलंदियों पर हमें पहुँचाया, हम साथ चले,
लगे आसमां को छूने हम, जब हम साथ चले ।

रंगीन इंद्रधनुष को सीढ़ी पे चढ़के छूलें,
रंगों में रंग ही डालें, हम अपनी जिंदगी को,
सपनों को और खुशी को,और साथ हम चले,
हाथों में हाथ डाले, एक _ दूजे को संभाले,
हम साथ ही चले,हम साथ ही चले ।

PAL PAL DIL KE PAAS

पल पल दिल के पास

 वो कौन है,जो रहता है दिल के पास ?
वो कौन है,जो करता है दिल में वास?

वो कौन है,जो करता है हरदम प्यार?
वो कौन है, जो करता भी है तकरार?

वो कौन है ,बताओ तो दोस्तों?
जरा नाम और पता तो बताओ दोस्तों।

JUANGLE

जंगल 

 ये जंगल कंकरीट का,पत्थर और ईंट का,
सीमेंट ने जोड़ा उन्हें,मकानों का रूप दिया उन्हें,
मानव ने बस के, घर बनाया उन में,
सपनों को उन में ढाल कर, घर बसाया उन में।

किलकारियाँ गूँज गईं, बच्चों की उन में,
खेल अनोखे खेले गए, अंदर उन में,
कहकहे लगाए गए, अनगिनत उन में,
गीत गुनगुनाए गए, मधुर से उन में।

आने वाला कल, खिलखिलाएगा उन में,
कदम बढ़ना सीख के, दौड़ लगाएँगे उन में,
बुजुर्ग भी मुस्कुराएँगे,लगातार उन में,
प्यार के फूल, अपनी महक फैलाएँगे उन में।

Sunday, November 21, 2021

DEEPAVALI

दीपावलि 

 दीपों की जगमग लड़ियाँ, आई दिवाली रे,
मन में फूट रहीं फुलझड़ियाँ, आई दिवाली रे ।

मन सबके हैं उजले उजले,आई दिवाली रे,
बाहर छूट रहीं चकरियाँ, आई दिवाली रे।

आओ हम भी करें मस्तियाँ, आई दिवाली रे ,
खुशियों भरी है आई आज, ये दिवाली रे।

RAAT

रात 

 सूरज डूबा,आई रात,
निकला चाँद, आई रात,
सोए हम, सोई रात,
जागे हम, जागी रात।

सुन्दर सपने, दिखाए रात,
दुनियाभर में, घुमाए रात,
आराम करना, सिखाए रात,
अनदेखी जगह, दिखाए रात।

DAVAA DE ( AADHYATMIK )

दवा दे

 सुन ऊपर वाले तेरी दुनिया में,तेरी रचना परेशां है,
जिंदगी दर्द में डूबी है,हर इंसान परेशां है,
दर्द को तू खत्म कर दे,दवा भिजवा दे धरती पर,
अपनी रचना को दे राहत, दुःखों को दूर कर दे तू।

 

दवा जब तेरी आएगी ,तभी आराम आएगा ,

तू भी तो - ए - मालिक ,तभी तो मुस्कुराएगा ,

तभी तो तुझसे विनती है ,दवा भिजवा दे धरती पर ,

दवा भिजवा दे धरती पर |  

CHHUAA AASMAN

छुआ आसमां

 हमने छुआ आसमां दोस्तों,
जब चढ़े हम प्यार की सीढ़ियाँ,
हमने छुआ आसमां दोस्तों,
जब झूले हम प्यार की पींगियाँ ।

बदरा से हाथ मिलाया हम ने,
जब आसमां तक पहुंचे हम,
चंदा से आँख मिलाई हम ने,
जब आसमां तक पहुंचे हम।

KANAHIYAA

कन्हैया 

मैया री मैया,मैं तेरा कन्हैया,
मैं जाता हूँ ग्वालों संग,चराने को गैया,
दूध, दही में से, तू माखन निकाल मैया,
नीचे ही रखना,ना छीके लटकैया।

खाएँगे हम सब, ना क्रोध करना मैया,
हँस-हँस के हम सब को,खिलाना तू मैया,
क्योंकि मैं हूँ तेरा, प्यारा सा कन्हैया,
और तू तो है मेरी, भोली सी मैया,
मेरी यशोदा मैया,मेरी यशोदा मैया।

ABHILAASHAA

अभिलाषा 

रंग- रंग के फूल यहाँ,खुश्बुओं से भरपूर यहाँ,
तितलियों का राज यहाँ, तुम भी और हम भी यहाँ।

हमारी अभिलाषा,दुनिया भरी रहे फूलों से,
हमारी अभिलाषा,दुनिया भरी रहे खुश्बु से ।

मगर फूल की अभिलाषा होती,
"मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि हित शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक। "(पुष्प की अभिलाषा से)

GHOONGHAT ( KSHANIKA )

घूँघट 

घुँघटे में मुस्काए गोरिया छिप छिप के,
कोई ना देखे मुस्कान उस की छिप छिप के,
जादू फिर भी चल जाए उस का छिप छिप के,
हम भी सीख जाएँ ये जादू छिप छिप के।

GAAYAB ( KSHANIKA )

गायब 

 हो गया है कोई, नौ दो ग्यारह,
कहाँ गया वो, हो कर गायब ,
नहीं दिखाई, हम को देता,
कैसे ढूँढें हम,उसको दोस्तों ।

कौन है वो,कैसा है वो,
जाना है या,अनजाना है,
आज तो, गायब हो गया है वो,
अनजाना प्यारा सा, मगर गायब है वो ।

MAN - MAUJII

मन - मौजी

 मन मौजी चला गीत गाता हुआ,
कदमों को अपने नचाता हुआ,
दुनियाभर को बोल सुनाता हुआ।

मन मौजी तो डूबा हुआ सपनों में,
मन मौजी तो चलता हुआ सपनों में,
अलग से दुनिया बसाता हुआ।

हम भी बन जाएँ ऐसे ही अगर,
भूल जाएँ ये दुनिया अगर,
तो हम भी बसा लेंगे अपना स्वप्न नगर।

DIL BACHCHA ( JIVAN )

  दिल बच्चा

 छोटा सा एक बच्चा,धक-धक-धक है करता,
कभी-कभी खुश होकर, कभी-कभी दुःख में ।



प्यार में डूबा रहता, प्यार सभी से करता,
कभी नहीं ये किसी से,नफरत करता। 



ऐसा सुन्दर बच्चा, कोई और ना होगा,
दोस्तों इसको हमेशा, ही खुश-खुश रखना।

 

जान गए क्या ? पहचान गए क्या ? 

वो बच्चा कौन है ? 

नहीं समझे ?     

वो दिल है  दोस्तों ,छोटा सा दिल ,

जो धड़कता है लगातार ,

जीवन भर ,देता है जीवन हमें ,धड़कन हमें | 

 

VIKAAS ( SAAMAAJIK )

  विकास 

कभी थीं जरूरतें मानव की, रोटी, कपड़ा और मकान,
आज बदलीं हैं सब, पिज्जा, फैशन और बंगला,
पिज्जा खा कर पेट भरें,प्यास बुझाएँ कोला से,
कपड़े ऐसे तन ढाँपें कम,उघाड़ें ज्यादा,
बंगले के दस कमरों में,रहे अकेला आदमी ।

क्या यही तरक्की है हमारी ? क्या यही विकास है?
क्या यही रूप रंग है जिंदगी का ?
क्या यही अपना आवास - विकास है?
जुड़ जाओ प्रकृति से,जुड़ जाओ मानवता से,
मिलाओ हाथ आपस में,मिलाओ दिल आपस में ।

AANGAN (JALAD AA )

आँगन 

बदरा का आईना है सागर, चेहरा अपना देखता,
बदरा का आँगन है आसमां, हर घड़ी उसमें डोलता।

खेलें आँख- मिचौली छोटे- बड़े बदरा,
आँगन में दौड़ते और शोर मचाते,
दामिनी भी उनके साथ खेलती, शोर मचाती,
उसके शोर से तो सबका दिल दहलता।

रिमझिम मेघ बरसते, हरियाली फैलाते,
धरती हरी चूनर को ओढ़े, मंद-मंद मुस्काती,
कोयल, पपीहा रिमझिम में, मस्त हो गीत सुनाते,
ऐसे में हम भी मग्न हो, गीत बहुत लिख जाते,
लिखते जाते और गुनगुनाते जाते।

PYAAR HAI TUMSE

प्यार है तुमसे

 मुझे प्यार है तुम से,इकरार है हमारा,
ये सारी दुनिया, और संसार है हमारा।

तुम मेरी जिंदगी हो,जीवन है ये तुम्हारा,
कभी तुम जुदा ना होना,वादा करो अभी से,
जीवन में हम ना बिछड़ें, हर पल,संग रहे हमारा।

तुम खुश रहो हमेशा,ये दुआ है सदा मेरी,
हर ऋतु हो वसंत तुम्हारी, मौसम सदा सुहाना,
संगीत गुनगुनाए, हर बोल बने तराना।

RAILGADI ME ( JIVAN )

रेलगाड़ी में

 रेल गाड़ी में चले हम, रेल गाड़ी में,
बहुत सा शोर है इस, रेल गाड़ी में ।

कुछ हैं बैठने के कोच, रेल गाड़ी में,
कुछ हैं सोने वाले कोच, रेल गाड़ी में।

हमलोग तो चले हैं सोने वाले में,
क्योंकि रास्ता है लंबा,रेल गाड़ी में।

स्टेशन कोई आने पर, आते हैं बेचने वाले,
चाय, ठंडा, मीठा, नमकीन, रेल गाड़ी में।

खाते, पीते, सोते, बातें करते चले,रेल गाड़ी में,
बहुत मजा आया दोस्तों हमें,रेल गाड़ी में।

KHATON VAALI DUNIYA ( PREM )

खतों वाली दुनिया

 ये है संदेसों की दुनिया ,
दिल के गुबारों की दुनिया,
पहले तो खत घूमते थे इस में,
अपनों का दामन चूमते थे इस में,
आज तो एस एम एस, भेजती है ये दुनिया ।

वो खुश्बु भरे खत, आज भी याद हमको,
प्यार में डूबे वो खत, आज भी याद आते,
आज तो ई-मेल, भेजती है ये दुनिया ।

कलम से गढ़े शब्दों में, प्यार था तब झलकता,
अक्षरों की बनावट में,लिखने वाला ही दिखता,
मगर आज तो मोबाइल से संदेस,
भेजती है ये दुनिया ।

लौटा दो फिर वही, खतों का जमाना,
लौटा दो फिर प्यार और आशीर्वाद,
लिखने वालों का जमाना,
मेरे सामने कोई एस एम एस ना लाओ,
मेरे सामने से ई-मेल हटाओ,
मोबाइल को तुम कहीं छिपा आओ,
हमें तो चाहिए वही खतों वाली दुनिया ।

SAFAR ( PREM )

 

 

 

 

सफ़र 

 हमसफ़र, मेरे हमसफ़र,
सुन्दर रहा हमारा सफर,
आगे भी चलेगा ,यूँ ही सफर।

जिंदगी के रास्ते थे ऊबड़- खाबड़,
हर रूप रंग में रंगे हुए,
हर रंग में रंगे हुए हमसफ़र।

चलेंगे साथ हम दोनों इन्हीं राहों में,
हँसते और गाते हुए,
हाथ एक दूजे का पकड़कर ।

प्यार में डूबे हुए हम,
प्यार भरी राहों में हम,
चलते रहेंगे जीवन भर।

SHABDON KA GHERA

शब्दों का घेरा

 कलम हमारी चलती जाए, बात ये मेरे दिल की बताए,
शब्द ये खुद ही गढ़ लेती, मुस्का के सबको ही बताती,
कलम भी खुश और हम भी खुश, शब्दों के इस घेरे में ।

कलम की स्याही शब्द बताती, जिव्हा उसकी लिखती जाती,
शब्द जो पन्ने पर उभरे तो, हाल हमारे दिल का बताती,
स्याही, जिव्हा दोनों खुश हैं, शब्दों के इस घेरे में ।

पन्ने पर जो उभरे शब्द, कविता का वो लेते रूप,
लय आती जाती है उनमें, गीत का वो ले लेते रूप,
दिल हमारा गुनगुनाता है,शब्दों के इस घेरे में ।

TEENON DOST

तीनों दोस्त

 बदरा, पवन जरा जल्दी आओ,
मिल बैठेंगे तीनों दोस्त,
अपने दिल का गम कम कर दो,
बात करेंगे तीनों दोस्त,
बातों में गम बँट जाता है,
ध्यान बहुत ही छँट जाता है,
आज इस बात की सच्चाई को,
जानेंगे हम तीनों दोस्त,
एक दूसरे को दे तसल्ली,
राहत देंगे तीनों दोस्त,
तुम दोनों हो दोस्त मेरे,
मैं भी रहूँगी तुम्हारी दोस्त।

BOONDEN ( JIVAN )

 बूँदें 

 वर्षा की पहली बूँद ,
मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुश्बु,
तपती धरा पर, गीली सी बूँद,
गर्म धरा पर, ठंडी सी बूँद।

बदरा से टपकी, नन्हीं सी बूँद,
सीपी में टपकी, मोती सी बूँद,
आँख में आई, नन्हीं सी बूँद,
आँसू कहलाई, नन्हीं सी बूँद।

TERAA NAAM ( PREM )

तेरा नाम

कोरे कागज पे लिखा है,मैंने तेरा नाम,
तेरी फोटो से तो मेरा,घर बन गया धाम,
तेरे प्यार में ही तो मेरी, बीते सुबह- ओ-शाम।

पहुँच गए हम उस जहान में,पता नहीं जिस का आम,
नहीं पहुँच पाते वहाँ पर, हर खास- ओ- आम,
हाथ पकड़कर हम तो तेरा,पाए अपना मकाम।

तू भी पढ़ ले मेरी पाती,आजा मेरे धाम,
हर जगह तू पाएगा लिखा, अपना ही तो नाम,
शायद तू भी पा जाए, यहाँ अपना मकाम।

OOPAR WAALE ( AADHYATMIK )

ऊपर वाले

 मेरी दुनिया की सीमा के बाद, तेरी दुनिया है ऊपर वाले,
तू तो सारी दुनिया का है रचेता,सारी दुनिया तेरी है ऊपर वाले ।

सभी हैं तेरी रचना, तू है सबका पालनहार,
तेरे आशीर्वाद से तो, हर दम चलता ये संसार।

जीवन तूने दिया सभी को, प्यार सभी को बाँटा,
जीवन में दुःख-सुख आए, उनको दूर किया तूने,
आज सभी का जीवन चलता, तुझसे ऊपर वाले।

DHOONDHON MERAA ? ( JIVAN )

ढूँढों मेरा ?

 खो गया है दिल हमारा,पता नहीं जिसको तुम्हारा,
कैसे पहुँचेगा ये तुम्हारे पास, बता दो जरा ?

दिल में मेरे याद है तुम्हारी, तस्वीर है तुम्हारी,
दिल में मेरे ख्वाब हैं तुम्हारे,देखो तो जरा।

ढूँढों- ढूँढों दिल को मेरे, लाओ पकड़ कर ,
मुझे मिलाओ दिल से मेरे,समझो तो जरा।

Saturday, November 20, 2021

JHILMIL SITAARE ( KSHANIKA )


झिलमिल  सितारे

रात का अंधकार, काला आसमान,
मगर उसी रात में, झिलमिलाते सितारे,
मानो किसी दुल्हन के आँचल में ,
सुन्दर से मनभावन सितारे।

चमचमाते सितारे,जगमगाते सितारे,
कहते हैं अंधकार से मत डरो,
हमारी ओर ध्यान अपना धरो,
अपनी आँखों में उजाले भरो ।

रात का अंधकार खुद डर जाएगा,
चेहरा छिपाकर खुद चला जाएगा,
तारों की जगमगाहट छोड़ जाएगा,
तभी तो नया सवेरा आएगा।

PARCHHAIN ( JIVAN )

परछाईं 


 कहावत सुनते आए, दीया तले अंधेरा,
काली रात के बाद सवेरा।



सच है दोस्तों,जुड़े हैं इसी तरह,
जीवन के साथ मृत्यु, दिन के बाद रात। 



दीया है प्रकाश, उस के नीचे आएगी,
दीए के नीचे आएगी, उसी की परछाईं ।



उजाले के साथ अंधेरे जुड़े हैं,
हमलोग भी तो, इन्हीं सब से जुड़े हैं। 



परछाईं सभी की होती है,
बिना परछाईं कुछ नहीं,हम नहीं, तुम नहीं।

 

 

MAYA NAGARI

 माया नगरी

 बीत चला है अपना जीवन, माया की इस नगरी में,
लहराता है घना समंदर, माया की इस नगरी में,
बदरा घन-घन खूब बरसते,माया की इस नगरी में,
सभी जन दिन-रात खूब सरसते, माया की इस नगरी में,
हर दिन कुछ-कुछ त्योहार हैं सजते, माया की इस नगरी में,
आओ हम भी ताल मिला लें,माया की इस नगरी में।

AAI YAAD ( JIVAN )

             आई याद 


याद शब्द है ऐसा, जिस का ओर ना छोर,
याद बिना है जीवन, ज्यों सूखे में मोर।

याद बचपन की आते ही, नाचे मन का मोर,
लगता तपते रेत में, छाई घटा घनघोर।

याद किसी की आने पर, उठने लगे तरंग,
मन मयूर करने लगे, नृत्य,गान बन मलंग।

AILIYAN

एलियन 

 अनगिनत ग्रह हैं इस दुनिया में,
उनपर बसते अनेक प्रकार के प्राणी,
वो सब एलियन हमारे लिए,
और हम हैं एलियन उनके लिए,
हम ना जानें उनको दोस्तों,
ना जानें वो हमको दोस्तों।

SWAR LAHARI ( JIVAN )

 

                          स्वर लहरी 

 

 जीवन मंत्र है अपना बंधु, चहुँ ओर हरियाली हो,
 शुद्ध पवन हर ओर, घटा घिरे मतवाली हो।


सबकी साँसों में महके ,खुश्बु सुंदर फूलों की,
प्रातः की बेला में चहकें,चिड़ियों की मीठी स्वर-लहरी।


मीठी तान घुले कानों में,दिल की खिल जाएँ कलियाँ,
खेतों में भी लहरा जाएँ, गेहूँ और धान की बालियाँ।

 

JADUI NAJAR

जादुई नजर

 जादू तेरी नज़र, ले गई मेरा जिगर,
चोरी दिल ना किया,डाका डाला पिया।

दुनिया मेरी लुटी, दिल मेरा गया ,
मगर फिर भी, प्यार हुआ तो हुआ ।

राही हम दोनों ही,एक राह के पिया,
मैं भी तेरे स॔ग हूँ,तू भी मेरे संग पिया।

रुकें ना हमारे कदम, चलते रहें हमकदम,
मैं भी तेरे स॔ग जी, तू भी मेरे संग जिया।

APNE DHAAM ( AADHYATMIK )

अपने धाम 

 

 रोया आसमान, बप्पा गए अपने धाम,
एक बरस तक आगे, करना होगा इंतजार।


कोई बात नहीं,बप्पा आते रहें यूँ ही,
अपना प्यार, आशीर्वाद, बरसाते रहें यूँ ही ।


वैसे तो बप्पा, हर दम हमारे साथ हैं,
उनका प्यार, आशीर्वाद, हमारे साथ है ।

DOSTON

 दोस्तों तुम्हारी दोस्ती में डूब कर, भूल गए खुद को,
प्यार में तुम्हारे तैरकर, हम पा गए मंजिल को ।

प्यार की मंजिल है क्या ? दोस्तों की महफिल,
दोस्ती की मंजिल है दोस्त, दोस्तों की महफिल,
उसी महफिल में पहुँच गए, पा गए दोस्तों को।

मुस्कानें दोस्तों की, दिल को खुशी हैं देतीं,
वो बातें दोस्तों की, दिल को राहतें हैं देतीं,
उन की मुस्कानों में डूब कर, हम पा गए खुशी को ।

साथ दोस्तों का, मिलता नहीं हर किसी को,
जीवन को खुशनुमा भी,करता नहीं हर किसी को,
मिल गया है जो हमें तो,हम पा गए जहां को।

अकेला जो चला जीवन में,दोस्त कोई नहीं उसका,
उस अकेलेपन में,खुशी नहीं वो पा सका,
हम तो दोस्तों की महफिल में,पा गए हर खुशी को।

TUN - TUN - TUN ( JIVAN )

 

 तुन - तुन - तुन 


 दिल का सितार बोले, तुन- तुन- तुन,
मेरी धड़कनों को तू, सुन- सुन- सुन,
दूजों के गुणों को तू ,गुन- गुन- गुन। 



गीत जो लिखे हैं, कलमों की जिव्हा ने,
चमकती सी स्याही, लहराती चली आई,
शब्दों में छिपे भावों को तू ,गुन-गुन-गुन। 



लय और ताल ने,गीतों को सँवारा,
गीतों में छिपी धड़कन ने,भावों को उभारा,
धड़कन में छिपे भावों को तू,गुन- गुन-गुन।


लहराती, बलखाती, गोरी चली आई,
पैरों में छम-छम, पायलिया है बजाई,
पायलिया की रुनझुन को तू,सुन- सुन- सुन,
रंगीन से इस मौसम में,हो जाओ सब गुम- गुम- गुम।

MUSKAN

मुस्कान 

 बदरा की ओट से, वो देखो भास्कर झाँका,
धरा को उस ने प्यार भरी,नजरों से ताका,
भास्कर की ओर देख, धरा हौले से मुस्कुराई,
धरा के तृण-तृण ने ली,झूम कर अँगड़ाई ।

कलियाँ भी देखो तो, खिल के फूल बन गईं,
उन की मुस्कान से,बगिया भी मानो खिल गई,
फैली खुश्बु चहुँ ओर, गुलशन महक उठा,
ये सब देखकर, पंछियों का झुंड चहक उठा ।

JIVAN KE SWAR ( AADHYATMIK )

 

                 जीवन के स्वर 

 

 सत्य में है ईश्वर, सत्य नहीं नश्वर,
इस को अपनाने वाला तो, पाए जीवन के स्वर।


सत्य हमेशा एक है,झूठ के हाथ हजार,
मगर सत्य एक सूली है,झूठ फूलों का हार।


सत्य की होती जीत है, झूठ की होती हार,
सत्य को पाने वाला, होगा भवसागर पार।

MAAKHAN CHOR

   माखन चोर

 

 रंग एक सा हम दोनों का,
तू भी काला, मैं भी काली,
फिर क्यों कृष्णा तुझे पूजते ?
और मुझे बितराते ,
तू भी मानव रूप में आया,
मैं भी तो हूँ मानवी,
फिर क्यों तेरा जीवन सुख से बीता ?
मेरा दुःख को पाते ।

दुनिया क्यों भेद करे है कृष्णा?
एक पुजे, एक फेंका जाए,
जीवन की नैया भी कृष्णा,
एक डूबे, एक पार लगाए,
तू तो माखनचोर था कृष्णा,
मेरा तो सुखचैन चुराया,
तुझे मिला है प्यार सभी का,
मैंने तो सबकुछ ही गँवाया ।

अब तो जाग नींद से तू ही,
दुनिया से दुःख-दर्द मिटा दे,
ऐसा ना हो जाए कि,
दुःख सारी दुनिया को मिटा दे,
मानव को सद्बुद्धि देकर,
उसके सारे गम मिटा दे,
दे दे सबको प्यार तू अपना,
अपना दुलार सभी पे लुटा दे।

BADHTE JANA ( JIVAN )

 राहें नई _ नई हैं,रस्ता भी है अनजाना,
कोई साथ मेरे चल दे,शायद लगे पहचाना,
दिल में हमारे क्या है?कोई ना ये जाना,
पर मुझको ये खुशी है, किसी का मेरे साथ आना।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  बढ़ते जाना 

जीवन की राहों पर यूँ,जब साथ कोई चलता,
दुःख-सुख में साथ देता, और दिल को राहत देता,
सारी दुनिया में वही तो, अपना हमें तो लगता,
एक जिंदगी का साया, जिसने हमें अपना माना।

जब हम किसी को चाहें,और कोई हम को चाहे,
साथी बने राहों में, हर दिन हमें निबाहे,
ना सोचे कल क्या होगा?वो कल को देखा जाए,
ऐसे ही वक्त बीते, कल को बुनेंगे हम,
कल का ताना-बाना।

तोड़े ना हम से नाता, संग हर दम वो चले,
तभी तो आँखों में भी, सपने नए पलें,
उन  सपनों के जरिए ही, कदम आगे चलें,
यही सच है जीवन का, आगे ही बढ़ते जाना।

BINDIA

बिंदिया 

 भारत में-
एक लड़की, एक महिला,
अधूरी है, बिंदी बिना,
चमक बढ़ जाए चेहरे की,
सज गई बिंदी जहाँ।

आकार हैं अनेकों उसके,
रंग हैं लाखों यहाँ,
फिल्में भी अधूरी हैं,
बिंदी के गाने बिना।

जैसे - बिंदिया चमकेगी,
तेरी बिंदिया रे ।

Friday, November 19, 2021

UMR

         उम्र  

 

 जन्म हुआ संसार में, मानव आया धरती पर,
बचपन बीत चला तब,मात-पिता की अँगुली पकड़।

 बढ़ी उम्र तो आई जवानी,बनाया गया कैरियर ,
कोई बना डाक्टर यारों,कोई बना इंजीनियर ।

किसी ने प्यार की झप्पी डाली,किसी ने की शादी ,
सभी ने धीरे-धीरे,बढ़ाई देश की आबादी।

उम्र ने आगे कदम बढ़ाए,शक्ति भी घटा गई,
कोई तन से हुआ बूढ़ा,कोई मन से बुढ़ा गया ।

बुढ़ापे की दस्तक ने,चाल भी धीमी कर दी,
कुछ मानवों की चाल ने, जादू की झप्पी दे दी।

तन की उम्र बढ़ी है उनकी, दिल उनका उन्मत्त है,
शौक ना जो पूरे कर पाए, आज उन्हीं में व्यस्त हैं।
वो कहलाए यारों सदाबहार, हाँ, सदाबहार।

GUNJAE JAA ( PREM )

     गुंजाए  जा 

 

कदम - कदम बढ़ाए जा ,गीत गुनगुनाए  जा,

जिंदगी है जो मिली ,तू प्यार में डुबाए जा ,

अपनों का प्यार है बहुत ,तू अपनों पे लुटाए जा ,

मधुर से संगीत में ,दिल को तू डुबाए जा ,

प्यार ही ताकत है तेरी ,उसको तू बढ़ाए जा ,

प्यार ही हिम्मत है तेरी ,उसको भी बढ़ाए जा ,

प्यार भरे बोल अपने ,जग में तू गुंजाए जा |

DHARAA MAA ( JIVAN )

   

                   धरा माँ

 

जनम लिया इस धरती पर ,धरा हमारी माता है ,

भेजा जिसने हमें यहाँ ,वह अपना विधाता है ,

जीवन देने वाला ऊपर ,नीचे पालनहार है ,

फिर हम कैसे सोचें ? दुनिया में क्या रखा है ?

प्यार दुलार सभी कुछ है ,जीवन के लक्ष्य कुछ हैं ,

जितना जीवन मिला हमे, वही तो अपनी थाती है ,

कुछ कर जाएँ जीवन में ,ये बात हमें तो भाती है |

MERAA DOST ( AADHYATMIK )

 मेरा दोस्त 

 

ओ दुनिया को बनाने वाले ,तू है मेरा दोस्त ,

सदा रहा तू मेरे साथ क्योंकि ,तू है मेरा दोस्त ,

जानती हूँ मैं ,तू आज भी मेरे साथ ,

रहना तू सदा ही मेरे साथ ,मेरा है विश्वास ,

तेरे जैसा दोस्त ना दूजा ,मेरा है विश्वास ,

तू ही मेरा  दोस्त ,सच्चा दोस्त |

MERE JANAM ( SMALL POEM )

 मेरे जानम  

 

चमन के फूलों ने तुझको सलाम है भेजा ,

गगन के तारों ने तुझको पयाम है   भेजा ,

पंछियों ने भी उड़ते हुए कलाम है भेजा ,

अब बता मुझे क्या मैं भेजूँ मेरे जानम ?

मेरा दिल तो तेरे ही पास है जानम |

Saturday, October 9, 2021

GAHRAIYAN ( RATNAKAR )

 

              रत्नाकर   

 

कलरव छिप गयाहै घोंसलों में ,

खुशबुएँ छिपी हैं फूलों में ,

चाँद - तारे छिपे हैं बादलों में ,

रत्नाकर की लहरें भी गहराइयों में | 

 

रत्नाकर के अंदर ही ,अनेक रत्न छिपे हैं ,

ऊपर से रत्नाकर ,साधारण सा दिखाई देता है ,

अंदर है रत्नों का खज़ाना ,सुंदर और अनमोल | 

 

सभी जीव -जंतु ,गहराइयों में विचरते ,

साथ उठते -बैठते ,तैरते और रुकते ,

खिलखिलाते ,खेलते ,ना कोई परेशानी ,

जिंदगी तो अनमोल ,जिंदगी तो उनकी दीवानी | 

 

आज रत्नाकर के तट हैं सूने ,

कोई ना आता लहरों से खेलने ,

लहरें भी हो चली उदास हैं ,

उनके भी दिल में एक प्यास है | 

 

कोई आए ,उनके साथ खेले ,उन्हें छुए ,मुस्काए ,

रत्नाकर भी बाट जोहता है ,कोई आए ,उसे बुलाए ,

मगर निस दिन ,आस रह जाती अधूरी ,

कोई नहीं आता ,उसे बुलाता ,जाने कब हो पूरी | 

 

Tuesday, August 31, 2021

JINDGI ( JIVAN )

 

               जिंदगी 

 

जिंदगी प्यार है ,जिंदगी दुलार है ,

जिंदगी आस है ,जिंदगी विश्वास है ,

जिंदगी गीत है ,जिंदगी संगीत है ,

जिंदगी कर्म है ,जिंदगी धर्म है | 

 

जिंदगी बोल है ,जिंदगी अमोल है ,

जिंदगी एक चुप भी है ,जिंदगी गूँज भी है ,

जिंदगी एक राह है ,जिंदगी मंजिल भी है ,

जिंदगी एक मोड़ है ,जिंदगी एक जोड़ है | 

 

जिंदगी एक हाथ है,एक दूजे का साथ है ,

जिंदगी एक किरन है ,जिंदगी उमंग है ,

जिंदगी साँसों की माला ,रचेता ने गले में डाला ,

जिंदगी से पा ले मानव ,जो चाहता है पाना | 

 

जिंदगी परिंदे जैसी ,इधर -उधर उड़ती जाए ,

साँसों की डोरी से बँधी ,लहर जैसी लहराती जाए ,

जिंदगी हम दोनों की ,एक साथ है बँधी ,

जिंदगी हमारी प्यार के ,सागर में गोते लगाए | 

 

जिंदगी एक विश्वास है ,रचेता ने जो हमें दी ,

थाम लो इस श्वांस को ,छोड़ो ना इस आस को ,

रखो विश्वास उस रचेता पर ,जो ना कभी साथ छोड़े ,

जीवन की नैया को ,कभी डूबता ना छोड़े | 

 

Sunday, August 29, 2021

HAR LE , HAR LE ( AADHYATMIK )

 

               हर ले ,हर ले 

 

हर ले ,हर ले ,हर ले ,दुनिया केदुःखों को हर ले ,

ओ दुनिया बनाने वाले ,दुनिया  दुःखों को हर ले | 

 

दुनिया को तूने बनाया ,रंगों से उसको सजाया ,

उसे और रंगीन कर ले,दुनिया के दुःखों को हर ले | 


दुनिया को तूने भावुक बनाया ,भावों से उसे सजाया ,

भावों को उनके और बढ़ा दे ,दुनिया के दुःखों को हर ले | 


दुनिया को तूने सुंदर बनाया ,हर रचना को सुंदरता  सजाया ,

सुंदरता को और बढ़ा ले ,दुनिया के दुःखों को हर  ले | 


तेरी रचना ने गड़बड़ की है ,दुनिया को उसने है सताया ,

तू तो उसका पिता है ,अब माफ़ उसे कर ले ,

दुनिया के दुःखों को हर ले | 


जो उसने गलतियाँ की हैं ,बड़ा ही नासमझ है वो ,

मगर अब माफ़ कर दे तू ,क्षमा का दान कर दे तू ,

जब सब के दुःख हरेगा ,मेरा भी ध्यान रख ले तू ,

दुनिया के दुःखों को हर ले |

CHAAHATON NE ( PREM GEET )

 

          चाहतों ने 

 

किसी की चाहतों ने ,यूँ हमें बर्बाद किया है ,

हमारा दिल चुरा के ,हमें खाना खराब किया है | 

 

एक दिल ही तो था ,जो हमें प्यार करता था ,

दिल ही तो था ,जो इशारे पर धड़कता था ,

एक दिल ही तो था ,जो गुनगुनाता था ,

हमारे रूठ जाने पर ,वही हमको मनाता था ,

उसी दिल को चुरा कर हमें ,हमें बर्बाद किया है | 

 

मगर ये क्या ?प्यार करते हैं हम, दिल चुराने वाले को ,

जान देते हैं हम अपनी ,उसी दिल चुराने वाले को,

ख़ुशी चाहतें हैं हम हर दिन ,उसी दिल चुराने वाले की ,

हर सुख चाहते हैं हम ,उसी दिल चुराने वाले का ,

चाहे उसने हमें बर्बाद किया है ,खाना खराब किया है |

Friday, August 20, 2021

EISA DEKHA ( JIVAN )

 

                 ऐसा देखा 

 

कोरे कागज पे लिखा ईश ने ,सबकी किस्मत का लेखा ,

कुछ दुःख ,कुछ सुख लिखे ,हमने ऐसा देखा | 

 

जिन रंगों से रंग डाली ,उसने जिसकी किस्मत ,

उन्हीं रंगोंमें रंगा हुआ ,हमने जीवन देखा | 

 

जो दी उसने रफ़्तार जीवन की ,उसी गति से चली जिंदगी ,

गति नहीं बदल सकती ,हमने ऐसा देखा | 

 

दुःख देके ,दुःख वापस लेता ,सुख से झोली भर देता ,

ऊबड़ -खाबड़ राहों में भी ,फूल बिछा वो देता | 

 

कठिन समय में हाथ थामता ,कठिनाई हर लेता ,

इसी से तो जीवन आगे बढ़ता ,हमने ऐसा देखा | 

 

कल क्या हुआ ?आगे क्या होगा ?मानव नहीं जानता ,

मगर हर दिन में एक पल ऐसा आता ,

उसमें जो माँगों वो इच्छा पूरी करता  | 

 

 कभी  नहीं ऐसा सोचो ,जो दुःख दे किसी जीवन को ,

सबका सुख चाहो तो पाओगे ,सुख की मुस्कानों को | 

 

अब तक जीवन बीता जैसे ,आगे भी बीतता जाए ,

सुख की साँस लेते हुए ही ,हम तेरे लोक में आएँ | 

 

सभी को सुखमय कर दो ईश ,दुनिया सब सुख पाए ,

उन्हीं के साथ हमें भी ईश ,दे दो सुख के साए | 

 

बहुत - बहुत आभार तुम्हारा ,जो तुम साथ हो देते ,

तुम जैसा दोस्त पाकर तो ,हम सब चैन से जीते | 

 

                                     

Tuesday, August 17, 2021

AASHISH USII KAA (JIVAN )

 

               आशीष उसी का 

 

पहले भी समय बीता है ,यह भी बीत जाएगा ,

मत कर चिंता साथी मेरे ,आसमां खुशियाँ बरसाएगा | 

 

कल नहीं रुका है आज तो ,आज भी टल जाएगा ,

आने वाला कल हमें ,खुशियों के पल दिखलाएगा | 

 

समय कठिन है माना आज ,कल आसां हो जाएगा ,

तू भी मेरे साथ मिलकर ,मुस्कुराएगा ,खिलखिलाएगा | 

 

कलियाँ छिपी हैं ,समय के पर्दे में ,

पर्दे के खुलने पर ,पवन उन्हें खिलाएगा | 

 

कलियों के खिलने ,पर ही तो मेरे साथी ,

बहारों का मौसम ,खिल जाएगा | 

 

जीवन तो जीवन है साथी ,वापस खुशियाँ लौटाएगा ,

राहें जो लगती सूनी हैं ,गुंजायमान कर जाएगा | 

 

हम दोनों की आँखों की ,चमक तभी बढ़ पाएगी ,

जब मौसम प्यार का आएगा ,मौसम प्यार का आएगा | 

 

हर दिन सूरज उग जाएगा ,हर दिन चंदा चमकाएगा ,

तारों भरा आसमां साथी ,यूँ ही खिलखिलाएगा | 

 

हम दोनों मिल के साथ चलेंगे ,तो मौसम मुस्काएगा ,

जीवन की नैया को ईश्वर ,भव सागर से पार लगाएगा | 

 

आशीष उसी रचेता का ,हमारे साथ है साथी मेरे ,

दुःख देता है कुछ पल के ,वह पल भी तो टल जाएगा | 

 

Tuesday, August 10, 2021

DIL KI DUNIYA ( PREM GEET )

 

             दिल की दुनिया 

 

जीवन ये तेरा मेरा ,एक राह का राही है ,

चलता ही जाता है ,एक राह पे संग -संग ,

हर राह के राही हम ,एक साथ चले जाएँगे ,

मंजिल भी मिलेगी हमको ,हर राह की संग -संग | 

 

कुछ प्यार मोहब्बत है ,कुछ मुस्कानें खिलती हैं ,

कुछ पल अनमोल हुए ,कुछ कलियाँ खिलती हैं ,

कुछ सपने सच होने से ,कदम चले आगे ,

मुस्कानों के बढ़ने से ,आशाएँ पलती हैं | 

 

पवन के वेग से ही ,ये मन उड़ जाता है ,

रोके से रुकता नहीं है ,बंधन में नहीं रहता है ,

कोई कैसे रोके ? कोई कैसे इसे टोके ? 

ये प्यार के धागों को ,संग लेके उड़ जाता है | 


दुनिया कुछ ना जाने ,दुनिया कुछ ना समझे ,

क्या प्यार मोहब्बत है ? क्या दिल की दुनिया है ? 

दुनिया तो बस ये जाने ,दो पागल प्रेमी हैं ,

जो एक दूजे के साथ ,एक दूजे की दुनिया हैं | 


Saturday, August 7, 2021

SHAKTI - BHAKTI ( AADHYATMIK )

 

              शक्ति - भक्ति 

 

समय बीतता जाता कैसे ?

 रुकता नहीं दौड़ता जैसे ,

क्यों रोकें हम समय की चाल ?

 हम भी मिलादें अपनी चाल | 

 

समय बनाया जिसने आज ,

जीवन के चलाए उसी ने काज ,

चमत्कारों का पहिया उसी ने ,

बहुत चलाया मगर रखा राज | 


जंगल में सब शासन उसका ,

दुनिया में सब राशन उसका ,

जिसको चाहे जश्न कराए ,

उनको देख के वो मुस्काए | 


प्यार वो सबको करे दोस्तों ,

सबका भला वो चाहे दोस्तों ,

सबको दे आशीष वो दोस्तों ,

हरदम रहे साथ वो दोस्तों | 


पता नहीं क्या उसका नाम ? 

लोग कहें उसको भगवान ,

कोई कहे खुदा उसको ,

मगर सभी देते सम्मान | 


मैं तो कहती शक्ति उसको ,

प्रकृति उसको ,उसको रचेता ,

रची है उसने सारी दुनिया ,

दुनिया की नैया वो खेता | 


दुनिया माने उसकी शक्ति ,

करती है वो उसकी भक्ति ,

मेरा तो वह दोस्त दोस्तों ,

उसकी शक्ति ही मेरी शक्ति | 


जीवन उसने दिया है मुझको ,

आशीष उसने दिया है मुझको ,

सारा जीवन वही चलाएगा ,

प्यार दिया है उसने मुझको | 


ना मैं जानूँ पूजा करना ,

ना जानूँ मैं भक्ति करना ,

प्यार और सम्मान मैं जानूँ ,

जानूँ उससे बातें करना | 


वह भी मेरे साथ ही रहता ,

बहुत ही मेरा रखता ध्यान ,

मैं उसका सम्मान हूँ करती ,

वह भी मेरा रखता मान | 


Saturday, July 31, 2021

JAP LO , JAP LO ( AADHYATMIK )

 

          जप लो ,जप लो 

 

जप लो ,जप लो ,जप लो,

ॐ नम: शिवाय ,

तो कोई दुःख कभी ना आए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी जन सुखी हो जाएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

खुशियों का डेरा बन जाए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी की आँखें चमकाएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

हर दिशा गंगधार छलकाए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी के होंठ खूब मुस्काएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी जन जीवन भर मुस्काएँ | 

 

KINAARE MILE ( SMALL POEM )

 

             किनारे मिले 


नदिया के किनारे ,समंदर के किनारे ,

मिलते नहीं कभी ,

पानी की लहरें ही,

दोनों  का संदेसा पहुँचातीं| 


एक किनारे कोई रुका ,

दूजे किनारे कोई रुका ,

मेरे बाबूजी पहुँचे उस किनारे ,

आज के दिन बीस बरस पहले ,

रुके इंतजार में माँ की | 


माँ मेरी बीते कल के दिन ,

पहुँची सात बरस पहले ,

मिले दोनों तेरह बरस बाद | 


मिलाया दोनों को हवा की धारा ने ,

मिलाया दोनों किनारों को ,

मिलाया उस परमात्मा ने |

Monday, July 26, 2021

HARSHAAI GANGA ( GEET )

 

            हर्षाई  गंगा 

 

हिमगिरि के शिखरों से उतर -उतर ,

भारत में आई माँ गंगा ,

अपने चारों ओर फैलाई हरियाली ,

भारत में आई माँ गंगा | 

 

धरा भारत की तृप्त हुई ,

धरती माँ की मुस्कान बढ़ी ,

भारत माता ने दिया आशीष ,

भारत में मुस्काई माँ गंगा | 

 

भारत की पहचान बनी ,

जीवन की मुस्कान बनी ,

खेतों की वह जान बनी ,

भारत में लहराई  गंगा |

 

भारत ने शीश उसे नवाया ,

धरा ने दिल से उसे लगाया ,

उसने भी सोता भाग्य जगाया ,

भारत में हर्षाई माँ गंगा | 

 

 

 

Saturday, July 24, 2021

CHAMAKA GAI ( GEET )

 

                   चमका गई 

 

आज कोई प्यार से ,दिल की बातें कह गया | 

 

जब चली ठंडी पवन तो ,बदलियाँ भी छा गईं ,

नन्हीं -नन्हीं बूँदों से ,रिमझिम फुहारें आ गईं ,

ऐसे सुहाने मौसम में ,जादू सा जैसे हो गया ,

                          आज कोई प्यार से ----- | 

 

मुस्कुराहट होठों की ,सपनों को महका गई ,

चमक उनकी आँखों की ,नयना मेरे चमका गई ,

उस चमक से चाँदनी का भी ,रंग फीका हो गया ,

                         आज कोई प्यार से ----- | 

 

SHRADDHA SUMAN (BHAG - 7 )

 

 

          श्रद्धा सुमन   (  भाग - 7 ) 

 

पृथ्वी लोक में माटी होती ,

    माटी से ही बनता है सुंदर प्याला ,

उस प्याले में भर जाती है ,

    मदिर ,मधुर ,मादक हाला ,

पृथ्वी लोक में ही तो होतीं ,

     सुंदर - सुंदर साकी बाला ,

पृथ्वी लोक में ही तो मिलती ,

    प्यारी सी ये मधुशाला | 

 

इंद्रधनुषी रंगों से रंग कर ,

   ले आए हम अपना प्याला ,

उस रंगीन प्याले में हम ,

     भर देते हैं ऊपर तक मादक हाला ,

प्याला लेकर चलती आतीं ,

    सामने से साकी बाला ,

तभी तो अपनी पूरी होगी ,

    नशे में डूबी मधुशाला | 

 

TIMTIM TAARE ( JIVAN )

   

               टिमटिम तारे 


प्रेम हुआ जब हमको ,राहें लंबी हो गईं ,

ऊँचाइयाँ गगन की ,पहुँच से ऊँची हो गईं | 


छूना गगन को ,असंभव सा हो गया ,

ये लगा अपनी तो ,लंबाई ही कम हो गई ,

सोचा कि सीढ़ी ,लगाकर चढ़ जाएँ ,

मगर अपनी तो ,सीढ़ी ही गायब हो गई | 


फूलों की खुश्बुएँ ,फैलीं चमन में ,

चहुँ ओर खुश्बुएँ ,उड़ गईं ,

खुश्बुओं के ,साथ - साथ ही ,

तितलियाँ भी ,उड़ गईं | 


गगना के तारे ,जैसे नयनों में समाएँ  ,

रात की नींद में ,सपने दिखाएँ ,

सपनों में तो ,अनगिनत तारे ,

टिम -टिम करते ,हुए टिमटिमाएँ  | 

 

सपनों में ही ,तारे साथी बन ,

दूर - दूर की ,सैर कराएँ ,

जहाँ कहीं हम ,कभी नहीं गए ,

उन जगहों की भी ,हमें सैर कराएँ | 

 


Thursday, July 22, 2021

AAJAA RE ( CHANDRAMA )

 

     चंद्रमा   (आजा  रे  ) भाग - 13 


उतर आ चंद्र धरती पर ,

   मेरे अँगना में आजा रे ,

अपनी चाँदनी को संग में ले के ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


मेरे बच्चे तुझे देखें गगन में ,

जिया उनका ललचता है ,

बुलाओ चंद्र को घर में ,

जिया उनका तरसता है ,

उनको खेल खिलवाने ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


वो मामा तुझको हैं कहते ,

तुझे हँस कर दिखाते हैं ,

तेरे चमकीले चेहरे पर ,

वो प्यार अपना लुटाते हैं ,

उनके प्यार को अपनाने ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


बच्चों के संग खेलोगे ,

तुम्हें अच्छा लगेगा रे ,

उनसे मिलोगे जब तुम तो ,

तुम्हें अद्भुत लगेगा रे ,

उनसे मिलने -मिलाने को ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


Wednesday, July 21, 2021

BHEEGA MANN ( JIVAN )

   

                भीगा मन 


किसने देखा मेरा दिल ?

    किसने समझी मेरी धड़कन ? 

        तूने तो आँसू बहा लिए ,

             जीने के साधन बना लिए | 


घुटता पल -पल मेरा जीवन ,

    आँखों में नमी नहीं थी पर ,

        दिल में एक बाढ़ सी आई ,

           आती है एक पल मौत सभी को ,

              मुझे क्यों हर पल आई ? 


डूबी जाती है धड़कन ,

   था रंग हवा में फैला सा ,

       खुशियों का जाल बिछा था ,

           मगर पास था मेरे केवल ,

              तेरे अहसास का भीगापन | 


जी पाई ना एक पल भी ,

    आई मौत हर एक पल में ,

        तू आ जाता तो साथ तेरे ,

             आ जाता भीगा सा सावन | 


 

Sunday, July 18, 2021

TARSAANE ( GEET )

 

          तरसाने  

 

मत गा फागुन गीत सुहाने ,

तू क्या जाने बेदर्दी ? 

प्रीतम हैं मुझसे अनजाने | 

 

तुझमें डूबी दुनिया सारी ,

पर भीगी ना मेरी साड़ी ,

रंग लगाया ना मुझको ,

थोड़ा भी मेरे सजना ने 

 

 तुझको देखा था बरसों से ,

तुझमें डूबी थी बरसों से ,

जालिम फिर अबकी बार ही ,

आया क्यों मुझको तरसाने ? 

 

ऐसे जब आगे आएगा ,

फिर और मुझे तड़पाएगा ,

कसम है फागुन तुझको मेरी ,

आना ना मुझको तड़पाने | 

 

Saturday, July 17, 2021

KHULI KHIDKIYAN ( JIVAN )

 

       खुली खिड़कियाँ 

 

चलो साजना कहीं दूर , दूर कहीं ,

दूर बहुत ही , दूर कहीं ,

जहाँ बंद घर ना हों ,

बंद खिड़कियाँ ना हों | 

 

ऐसे शहर में जहाँ ,

घर हों खिड़कियों वाले ,

छोटी - बड़ी खिड़कियाँ वहाँ ,

जिनसे शहर का नजारा दिखाई दे ,

खुला आसमान ,खुली राहें ,

सभी कुछ उनसे दिखाई दे | 

 

खुलें खिड़कियाँ तो ,

धूप छन से आ चमके ,

उनसे हवा के झोंके ,

हक से आ धमकें ,

कलैंडर भी कमरे की दीवार ,

छोड़ फर्श पे लटकें | 


डाकिया दोस्तों के खत ,

खिड़कियों से पहुँचा जाए ,

हम भी खत देख के ,

धीमे से मुस्का जाएँ ,

उन खतों को पाकर तो ,

धीमी सी रोशनी मन में उतर जाए | 



Friday, July 16, 2021

ALBELE NEED ( JIVAN )

 

 

             अलबेले  नीड़ 

 

उड़ चले हैं पंछी नील गगन में ,

प्यार के गीत गुनगुनाते हुए ,

गगन ने उनको भरा अपनी बाँहों में ,

प्यार से मुस्कुराते हुए | 

 

अपना नीड़ बसाएँगे वो पंछी ,

किसी प्यारी सी अनजानी जगह में ,

जहाँ हों नवांकुरों की खुश्बुएँ ,

गीत सुनाई दें नदियों की कल -कल में | 

 

आज के नवांकुर देंगे कल ,

फूलों की सुंदर बगिया ,

तभी तो पंछियों का कलरव भी ,

मिलाएँगे सुर ,गुनगुनाएगी नदिया | 

 

गगन और धरा दोनों ही ,

देखेंगे उस नीड़ को ,

खुश हो जाएँगे पंछियों के ,

देख कर उस अलबेले नीड़ को | 

 

हम भी ढूँढें एक ऐसी ,अनजानी जगह ,

जो डूबी हो फूलों की ख़ुश्बुओं में ,

जो किनारे हो किसी कल -कल करती नदिया के ,

जो भर दे गुनगुनाहट हमारे दिलों में | 

 

Wednesday, July 14, 2021

SANJIVANI BOOTI ( JIVAN )

 

        संजीवनी बूटी 

 

माँ का प्यार ,संजीवनी बूटी ,

माँ का दुलार ,संजीवनी बूटी ,

माँ का आशीर्वाद ,संजीवनी बूटी ,

माँ की दुआएँ ,संजीवनी बूटी | 

 

पाओगे ये सभी तुम ,माँ के ही प्यार में ,

पाओगे ये सभी तुम ,माँ के दुलार में | 

 

प्यारे बने रहो तुम ,दुलारे बने रहो तुम ,

माँ की आँखों के ,तारे बने रहो तुम | 

 

समेट लो इन सभी को ,संभाल लो इन सभी को ,

माँ के जाने के बाद ,ना मिलेगी ये ,

                    संजीवनी बूटी ,संजीवनी बूटी | 

 

MUKTAK - 5

 

            मुक्तक -5 

 

1 )

दिल में एक दर्द उभर आया है ,

तेरी यादों ने जो तड़पाया है ,

गर्म साँसों का ये तूफ़ान उमड़ आया है ,

तेरी यादों ने जो तड़पाया है |

 

2 )

जिंदगी एक दर्द बन के रह गई ,

हर ख़ुशी ग़म में ढल के रह गई ,

तू गैर का हुआ है परदेस में जाकर ,

कोई आवाज कानों में ये कह गई | 

 

3 )

भूले तेरे प्यार में सारा जहां ,

मिला ना पर कामयाबी का निशां ,

तन्हा थी ,आज भी तन्हा हूँ ,

ना जाने ख़त्म होंगी ,ये तन्हाईयाँ कहाँ ? 

                      

Tuesday, July 13, 2021

BEETE DIN ( PREM GEET )

 

              बीते दिन 

 

याद करती हूँ तुमको मैं प्रियतम ,

भूलो ना साजन मुझे तुम ,

प्यार चाहा था मैंने तुमसे ,

न दो ,मगर यूँ ना रूठो तुम | 

 

वो वादे ,वो कसमें वफ़ा की ,

जो खाईं  थीं तुमने कभी साजना ,

क्या भूल गए सब साजना ? 

किया था कोई वादा कभी  साजना | 


बीते दिन जब याद आते हैं ,

 मुस्कानों में भी आँसू निकल आते हैं ,

ऐसे वक्त में हम दिलबर ,

दिल को दर्दों में डूबा पाते हैं | 


एक जो याद दे गए हो तुम ,

वही है जीने का सहारा भी ,

ना आओगे तुम अगर प्रियतम ,

हम उसी के साथ वक्त काटेंगे | 


वो सहारा है साथ दुनिया में ,

पर मेरे पास तुम नहीं हो अब ,

काश एक बार तो मेरे जीवन ,

लौट आओ ,लौट आओ ,लौट आओ |

Monday, July 12, 2021

YE SAATHI ( PREM GEET )

 

  

    ये साथी

 

हर राह फूलों से सजी मिले ,

हर सेज पे कलियाँ बिछीं मिलें ,

मेरे हमदम यूँ ही तुमको ,

जीवन में खुशियाँ ही मिलें | 

 

आए यूँ ही हर साल नया ,

लेकर खुशियों की बारातें ,

मुस्कानों भरे दिन हों साथी ,

कहकहों से गूँज जाएँ रातें | 

 

खुशियों में डूब जाना तुम ,पर ,

इस कदर ना उनमें खो जाना ,

अपनी इस साथी को भी तब ,

अनजाने ही ना भूल जाना | 

 

TUJHKO - MUJHKO ( PREM GEET )

 

            तुझको - मुझको 

 

मुबारक हो मेरे जीवन ,

   ये आलम प्यार का तुझको ,

      मैं देती हूँ तुझे दुआएँ ,

         कि मिले हर ख़ुशी तुझको | 

 

सहूँ हर दर्द को मैं ,

    रहे तू दर्दों से दूर ,

       मेरी जिंदगी मिट जाए अगर ,

          मिले नई जिंदगी तुझको | 

 

ये याद रखना साजन ,

   ये लक्ष्मी है सदा तुम्हारी ,

       मैंने दिल से है तुमको चाहा ,

          नहीं कोई और चाह है मुझको | 

 

तुम प्यार ना दो मुझे गर ,

   नफरत ही दे दो मुझको ,

       पर ख्वाब में भी प्रियतम ,

           ना कहना बेवफा तुम मुझको | 

 

जाऊँगी दूर इतनी कि ,

  आऊँगी नहीं वापस कभी ,

     बस इतनी इल्तजा है मेरी ,

         ना कहना बेवफा तुम मुझको | 

 

 कल मैं नहीं रहूँगी गर ,

   तुम घर नया बसाना ,

      और फिर ना याद करना ,

          बीता हुआ जमाना | 

 

जिस साथी को तुम पाओ ,

   तुम उसमें डूब जाना ,

      और इसके साथ ही तुम ,

          इस सफर को भूल जाना | 

 

इस सफर से क्या मिला तुम्हें ?

   सारे अरमां खो गए ,

       ये  सोच  लेना तुम प्रीतम ,

           कुछ साल को तुम सो गए | 

 

खुशियों से भरा हर पल ,

   तू जिंदगी में पाए ,

      मेरी भी उम्र बाकि ,

         तुझको ही मिल जाए | 

       

Saturday, July 10, 2021

EK KADAM ( CHANDRAMA )

 

         एक कदम 


अहसास के लम्हों में ,

प्यार के उन पलों में ,

पास थे हम और तुम ,

पर जैसे पास नहीं थे | 


बाँहों ने तेरी मेरे ,

जिस्म को था लपेटा ,

जैसे की बादलों ने ,

चंदा को है समेटा | 


पर फिर भी दूरियाँ थीं ,

धरा और गगन की ,

तेरे आगोश में भी ,

बुझी ना प्यास मेरे मन की | 


तेरा था दिल बेचैन ,

दिल मेरा भी बेक़रार ,

थे मगर चुप ही दोनों ,

ना थी कोई तकरार | 


चंदा निकला बादलों से ,

फैलाई सब ओर चाँदनी ,

नहाए उसी चाँदनी में ,

हम -तुम ,हाँ ,हम -तुम | 


चाहा पकड़ लें दामन ,

एक कदम और बढ़ा के ,

पर सिमट गए हम खुद ही ,

तुझसे नजर मिला के | 


BHULA DENA ( SMALL POEM )

 

              भुला देना 

 

सोती हूँ चिर नींद में ,

    ना मुझको सदा देना ,

         बस इतनी गुजारिश है ,

             तुम मुझको भुला देना | 

 

आसां नहीं है कोई ,

    ज़ख्मों को हवा देना 

        भटकी हुई नैया को ,

             उस पार लगा देना | 

 

जीवन तो जैसे बीता ,

     तेरे प्यार में  ए - हमदम ,

         तुम भी किसी के प्यार में ,

              जीवन को बिता देना | 

 

मैं कुछ नहीं  तुम्हारी ,

   पर तुम सर्वस्व मेरे ,

        ये सब तुम समझ लो ,

            और मुझको भुला देना | 

    

KYAA KAHOON ? ( JIVAN )

 

             क्या कहूँ  ? 

 

कुछ कहने की आरजू में ,

    चुप रहने की जुस्तजू में ,

        बीत जाएँगे यूँ ही दिन ,

            तुमको पाने के ही ख्यालों में | 

 

जो कुछ भी मैं कह बैठी ,

   तुमको कुछ ज्यादा ही खो बैठी ,

       तुमने क्या बेवफा खा मुझको ? 

            मैं खुद से ही बेवफा हो बैठी | 

 

वो सारी बातें जो बीत गईं ,

   करेंगी सारी उम्र भर पीछा ,

       चाहे कितना उन्हें भुलाऊँ मैं ?

            पर फिर भी ना भूल पाऊँगी | 

 

दिल जो खुशियों में डूबा रहता था ,

    अब वो ख़ुशी को भूल गया ,

         किस तरह वो हँसेगा फिर से ? 

             उसका साथी उसे जो भूल गया | 

 

नहीं हैं शब्द मेरे पास ,

   जो आगे कुछ लिखूँ मैं ,

       मेरे प्रीतम तुम्हीं बोलो ,

           तुम्हें अब क्या और कहूँ मैं ? 

 

     

Wednesday, July 7, 2021

BEKARAAR ( PREM GEET )

 

           बेक़रार 

 

ना जाने कहाँ हो तुम ? 

मेरे जीवन ,मेरे प्रियतम ,

आ जाओ ,आ भी जाओ ,

तुम्हें याद करते हैं हम | 

 

बेक़रार है दिल ,

दर्दों में डूबा है दिल ,

तुम जानते नहीं हो ,

कितने उदास हैं हम ? 

 

कोई नहीं तमन्ना सिवा तुम्हारे ,

अब तक जिए हैं दर्दों के सहारे ,

आओ कि तुम पे अपना ,

सब कुछ वार देंगे हम | 


बैठे हैं इंतजार में ,

बेताब मेरी नजर है ,

एक बार आ भी जाओ ,

मेरे साजन ,मेरे प्रियतम | 


Tuesday, July 6, 2021

MAIN MANAAOON ( PREM GEET )

 

       मैं   मनाऊँ 

 

मेरे हमदम बता मुझको,

इस अवसर पर ,

क्या दुआ दूँ तुझको ? 

 

कुछ नहीं है पास मेरे ,

जो दूँ तुझे ,

ये दिल भी मैं तुझे दे चुकी ,

ये तन भी मैं तुझे दे चुकी ,

दुआएँ हमेशा से हैं तेरी ,

अब तू ही बता मुझको ,

क्या दुआ दूँ तुझको ? 

 

तेरी ख़ुशी के लिए ,

मैं हर ग़म को झेलूँ ,

तू हमेशा मुस्कुराए ,

मैं सारी उदासी ले लूँ | 

 

खिल जाएँ साँसें तेरी ,

चाहे मैं मुरझाऊँ ,

नहीं समझ में आता मेरी ,

कैसे ये दिन मैं मनाऊँ ? 

दिल यही करता है बस ,

तेरी बाँहों में झूल ज़ाऊँ | 

 

Sunday, July 4, 2021

DUNIYA TERI ( PREM GEET )

 

          दुनिया तेरी


सभी खुशियाँ मिलें साजन तुझे ,

ग़म जो हों मिल जाएँ मुझे ,

तू जो खुशियों में डूबे ,

तभी मेरे मन की प्यास बुझे | 


तेरी खुशियों के लिए ,

तो जीवन अर्पण कर दूँ ,

तेरी एक बार की मुस्कान पर ,

मैं नयन अश्रु भर लूँ | 


हर रात तेरी दीवाली हो ,

हर सुबह किरन की लाली हो ,

तेरा दिल भरा हो खुशियों से ,

चाहे मेरा दिल खाली हो | 


खुशियों से दामन छूटे ना ,

कोई सुख भी तुझसे रूठे ना ,

मेरा दिल चाहे टुकड़े - टुकड़े हो ,

तेरा दिल कभी भी टूटे ना | 


तुम रहो सदा इस दुनिया में ,

अब यही है एक इच्छा मेरी ,

खुशियाँ हों तेरे आँगन में ,

दुनिया हो तेरी हरी - भरी | 


AANCHAL KO THAAMANE ( PREMGEET )

 

          आँचल को थामने 

 

 ना जाने आए कब पहलू में वो ,

                हम जान ना सके ,

उनकी नजर में प्यार था ,

                हम पहचान ना सके | 


बाँहों में बँध गए हम ,

     खुद में सिमट गए हम ,

           ये प्यार ही था उनका ,

                 उनसे लिपट गए हम | 


देखा जो इश्क उनका ,

      तो कुर्बान हो गए हम ,

           खुद ही तड़प के दिल में ,

                  मेहमान हो गए हम | 


जो शब्द ही वो बोले ,

     वो था हमें यूँ प्यारा ,

          जैसे हो चाँद पूनम का ,

              ज्यूँ इश्क का सितारा | 


तड़पा दिया उसी ने ,

    हम जिसके हो गए ,

        दो दिल थे एक धड़कन ,

             हम ये क्या हो गए ? 


प्यार उनपे आ रहा था ,

     दिल जिसको पा रहा था ,

          बाँहों में था बदन जब ,

               कुछ ना याद आ रहा था | 

 

यादें भी थीं उसी की ,

   थे जिसके सामने हम ,

       देखो तो लगे हैं ,

           आँचल को थामने हम | 

 

MAN - MEET ( GEET )

 

             मन - मीत 

 

मुझको नजरें नई  दिला दे कोई ,

आज फिर बोलना सिखा दे कोई | 

 

ग़म - ए -तनहाई है जानलेवा ,

आज साथी मेरा लौटा दे कोई | 

 

बीती यादों ने दिल में जख़्म किए ,

कैसे उनको भला कोई सिए ? 

मेरे अहसासों को भुला दे कोई | 

 

मेरा मन -मीत खो गया है कहीं ,

प्यार को तड़पता है दिल मेरा ,

मेरे मन - मीत को बुला दे कोई | 

 

Friday, July 2, 2021

SHRIDDHA SUMAN ( BHAG - 6 )

 

          श्रद्धा सुमन (  भाग - 6 )

 

कैसे रोकेगा दिल को कवि ?

पीने से मादक हाला ,

          कैसे पुकारे ? किसे बुलाए ?

           अपनी प्यारी सी साकी बाला ,

दूर कहीं से मस्त हवा में ,

आया टकरा कर के प्याला | 

         नहीं वहाँ कोई  पीने वाला  ,

          नहीं वहाँ कोई  मधुशाला |  

 

ऊपर स्वर्ग में कैसे पहुँचे ? 

कवि का सुंदर प्रिय प्याला ,

      कैसे मिलेगी कवि को वहाँ पर ?

       प्याले में भरकर हाला ,

नहीं वहाँ पर सुंदर सी ,

कोई भी साकी बाला ,

       नहीं वहाँ पर पीने वाला  ,

        नहीं वहाँ पर मधुशाला | 

 

 

GULJAAR TERAA ( SMALL POEM )

 

        गुलजार  तेरा 

 

हरेक अरमां हो पूरा ,

    हरेक आरजू फले ,

        तेरे जीवन के पौधे में ,

            फूल ख़ुशी के खिलें | 

 

जीवन खुशियों से भर जाए ,

     तेरे प्यार की कलियाँ मुस्काएँ ,

         हर साल मुबारक हो तुझको ,

             हर साल नया सावन लाए | 

 

खुशियों से भरे संसार तेरा ,

   पा जाए हर शय प्यार तेरा ,

       हर वर्ष बहारें आ - आकर ,

          महका जाएँ गुलजार तेरा | 

  

NAYAN MERE ( SMALL POEM )

 

            नयन मेरे


रुक जाते कदम तेरे ,खिल जाते नयन मेरे ,

ये ही दुआ मिलें ना ,तुझे कभी अँधेरे | 


तस्वीर तुम मेरी हो ,तकदीर तुम मेरी हो ,

दिल ढूँढता था जिसको ,वो जिंदगी तुम्हीं हो ,

कोई ग़म ना हो मुझे ,जो साथ रहूँ मैं तेरे | 


ग़म - ए -तनहाई कभी ,जो मुझे तड़पाएगा ,

तेरी याद भी तो ,वो अपने साथ लाएगा ,

तुम याद जब मुझे करोगे ,आऊँगी मैं पास तेरे | 



Thursday, July 1, 2021

HOLI MANAAYI ( GEET )

 

              होली मनायी


सोई तब मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने ,

खोई थी मैं सपनों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


ना जाने क्या उसने पिलाया ? 

जरा भी तो होश ना आया ,

पर ना जानूँ क्या मन उसके आई ?

उसने मुझको छेड़ जगाया ,

तब भी थी मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


आँखें खोलीं तो दिल धड़का ,

आईना था हाथों में ,

एक नज़र जो देखा उसमें ,

डूबी थी मैं रंगों में ,

ऐसी होली मनायी  रातों में ,छेड़ दिया साजन ने | 

 

Wednesday, June 30, 2021

PAL YAAD KAA ( KSHANIKA )

 

        पल याद का

 

हर पल ,हर धड़कन ,

तेरे इंतजार में ,व्याकुल है ,

नजरें ,तेरे दीदार को ,आकुल हैं | 

 

भूला है तू हमें ,दूर जाकर ,

पर मेरा जीवन ,तेरी याद का ,एक पल है | 

 

आजा कि फैली हैं ,बाँहें तेरे लिए ,

और दिल तेरे लिए ,बेकल है | 


मौत खड़ी है ,पास मेरे पर ,

जीवन को है ,इंतजार तेरा ,

तू ना आया तो ,मौत के लिए ,

        केवल एक पल है | 


Tuesday, June 29, 2021

THII MAIN ( SMALL POEM )

 

       थी मैं 

 

सुबह बहुत हसीन थी ,

   शाम भी रंगीन थी ,

     चाँदनी रात थी ,

        पर मैं गमगीन थी | 

 

रंग था बिखरा हुआ ,

   हुस्न था निखरा हुआ ,

      सारा समां था महका हुआ ,

         पर मैं उदासीन थी | 

 

हर तरफ था कहकहा ,

   हर तरफ एक सिलसिला , 

       पर एक बदली ग़म की ,

           दिल में मेरे आसीन थी | 


रंगों से दूर थी मैं ,

   खुश्बुओं से दूर थी मैं ,

       जिसका खुशनसीबी नाम है ,

           उस शय से मैं दूर थी | 


Wednesday, June 23, 2021

SANNATA ( KSHANIKA )

 

                सन्नाटा 

 

रुके क़दमों की गूँज ,

    चलते क़दमों का सन्नाटा ,

          ना सुन पाए हम || 

 

तेरे दिल की धड़कन में तो क्या ?

    तेरी दुनिया में भी ,

        ना रह पाए हम || 

 

वफादार थे तेरे ,

     जो तेरी बेवफाई ,

         ना सह पाए हम || 

 

पर जिंदा रहने पर ,

    ये होंठ भी तो बैरी कुछ ,

         ना कह पाए हम || 

 

Monday, June 21, 2021

VAADAA ( GEET )

 

                  वादा 

 

तेरी आरजू से अलग ,जीवन में कुछ नहीं ,

तेरे प्यार के अलावा ,मेरे दिल में कुछ नहीं | 

 

मैं जो भूलना भी चाहूँ ,तो तुझे ना भूल पाऊँ ,

तेरी यादों की  छाया में ,इस जहां को भूल जाऊँ ,

तेरे सिवा मेरे दिल की ,महफ़िल में कुछ नहीं | 

 

मैं तो कल भी थी तुम्हारी ,और आज भी तुम्हारी ,

इस बात का यकीं लो ,रहूँगी सदा तुम्हारी ,

तेरे सिवा मेरे रस्ते की ,मंजिल में कुछ नहीं | 


TAMANNAA ( GEET )

 

                तमन्ना 

 

मेरे मीत ये मुबारक दिन यूँ ही ,

हर साल आए आता जाए ,

जब तक हैं चाँद - सितारे रोशन ,

ये दुआ की कली ना मुरझाए | 


मेरी उम्र भी लग जाए तुझे ,

मेरी मुस्कानों से तू मुस्काए ,

आए कोई ग़म जो तेरी राह में ,

खुदा के लिए वो मुझे मिल जाए | 


तेरी राह में हमेशा ,

खुशियों के फूल महकें,

और उनकी खुश्बुओं से ,

जीवन तेरा भर जाए | 


ये ही आस है मेरी ,मेरे हमदम ,

 ही दुआ ,तू मेरे मरने के बाद भी पाए ,

खुशियों से भरी ,जिंदगी में तू जो मुस्कुराए ,

मेरी हर तमन्ना ,तभी पूरी हो जाए | 


Saturday, June 19, 2021

JUNOON ( GEET )

          

                जुनूँ 

 

जब कभी तेरा नाम लेते हैं ,

जैसे हम इम्तहान देते हैं ,

मेरी बर्बादियों के अफ़साने ,

मेरे यारों के नाम लेते हैं | 

 

एक ही तो जुल्म है अपना ,

हम मुहब्बत से काम लेते हैं ,

मगर उनकी जफ़ा तो देखो ,

बे - मुरव्वत का नाम देते हैं | 

 

हर कदम पर गिरे मगर सीखा ,

कैसे गिरतों को थाम लेते हैं ? 

हम भटक कर जुनूँ की राहों में ,

अपने से इंतकाम लेते हैं | 

 

TAB BHI ( GEET )

 

                        तब भी 

 

खुशियों से भरा मौका ,यूँ बार -बार आए ,

जैसे कि गीत कोई ,हर बार नया गाए | 

 

जीवन की राह में तू ,आगे ही बढ़ता जाए ,

हर मोड़ पे तू एक नई ,सफलता को पाए | 

 

ये दिन तेरी ख़ुशी का ,हर बार यूँ ही आए ,

और मेरी आत्मा यूँ ही ,देती रहे दुआएँ | 

 

कल मैं नहीं रहूँगी ,सुनना मेरी सदाएँ ,

देती रहूँगी तब भी ,ये ही तुझे दुआएँ | 

 

GAE KAAHE ? ( CHANDRAMA )

 

गए काहे    (  चंद्रमा  )


प्रीतम की याद में तड़पे है मन ,

गए काहे को परदेस साजन ?

भूले हैं जीवन की खुशियों को हम ,

गए काहे को परदेस साजन ? 


दिन डूबा तो हँस दिया सूरज ,

चाँद भी मुस्काया ,हँसे सितारे ,

हँसते -हँसते ही तो रात का टूटा है दम ,

गए काहे को परदेस साजन ? 


भूल ना पाई मैं तेरी बातें ,

गुजरी जगते -जगते सारी रातें ,

तू ना आया बेदर्दी ,तड़पे कितने हम ?

गए काहे को परदेस साजन ?  


YAAD KE DEEPAK ( GEET )

 

     याद के दीपक

 

रंगीन पलों के साए में ,

    तेरी याद के दीपक जलते हैं ,

कोई भी ये ना जान सका ,

     दिल क्यूँ इस तरह मचलते हैं ?


जीवन की सूनी राहों पर ,

      हमसफ़र भी कोई मिल ना सका ,

फिर भी अनजाने में ही ,

      हम भी उस राह पे चलते हैं ? 


मिल जाता जो कोई राहों पर ,

     पा जाते प्यार किसी का हम ,

शायद तब जान पाते हम ,

      क्यूँ लोग इस तरह मरते हैं ? 


Thursday, June 17, 2021

MUSKURA DI ( PREM )

 

             मुस्कुरा दी 

 

तड़प जो दिल में तुमने बसा दी ,

                     तो मैं मुस्कुरा दी ,

जीने की हसरत भी तुमने मिटा दी ,

                      तो मैं मुस्कुरा दी | 


तेरी याद में हम जग को भूले ,

याद जो मेरी तुमने ही भुला दी ,

                  तो मैं मुस्कुरा दी | 


आईं बहारें पर तुम ना आए ,

फूल खिले पर दिल मुरझाए ,

हमने खिजां पे बहारें लुटा दीं ,

                   तो मैं मुस्कुरा दी | 


हमने तुमको जाना अपना ,

पर टूटा ये सपना अपना ,

तुमने तो हमारी हस्ती ही मिटा दी ,

                      तो मैं मुस्कुरा दी |

Wednesday, June 16, 2021

BAHAAREN ( GEET )

 

   बहारें

 

मेरे जीवन में आईं बहारें ,

खुशियाँ ही खुशियाँ लाई ,

ना कोई दर्द ,ना कोई ग़म ,

ना कोई है तनहाई | 


कोई किसी को प्यार करे तो ,

वो उसको ना मिल पाए ,

दुनिया वाले बीच में उनके ,

लाखों बाधाएँ लाएँ ,

मुझको वही हर शय मिली ,

जो मेरे मन को भाई | 


ग़म लिखे ना नसीब में ,

दर्द रहे किस्मत से दूर ,

मेरा कोई भी सपना ,

नहीं हुआ दुनिया से चूर ,

हर सपने की बात अधूरी ,

पूरी होकर सामने आई | 


ग़म से दूर दुनिया भागे ,

मैं खोजूँ ना उसका साथ ,

तड़प को कोई ना अपनाए ,

मैं चाहूँ मीठी तड़प का साथ ,

दर्द है क्या मैं ना जानूँ ,

ना जानूँ मैं तनहाई | 


CHALE AAO ( GEET )

 

                 चले आओ 

 

मुहब्बत लुटने से पहले ,चले आओ मेरे साजन ,

मेरा दम घुटने से पहले ,चले आओ मेरे साजन | 

 

सुनसान हैं राहें ,सूनी हैं सारी गलियाँ ,

खिलते नहीं हैं गुंचे ,चटकी नहीं हैं कलियाँ ,

गुलों के खिलने से पहले ,चले आओ मेरे साजन | 


अगर तू आज आ जाए ,तो फैले दिल में हरियाली ,

मेरा हर दिन दशहरा हो ,मेरी हर रात दीवाली ,

शमा के जलने से पहले ,चले आओ मेरे साजन | 


धुँआ दिल से उठा मेरे ,बरसते नैनों के बादल ,

है जल के राख हुआ दिल ,बहा नैनों से है काजल ,

कयामत आने से पहले ,चले आओ मेरे साजन | 


Monday, June 14, 2021

SWAASTHYA KE LIYE (GEET )

 

          स्वास्थ्य के लिए


चक्र समय का चले है भैया ,

जानें सब कुछ बाबा ,भैया ,

 सब दिन ना हों एक समान ,

रूप बदल कर चले जहां | 


मौसम बदले रूप अनेक ,

रुत आए ,रुत जाए एक ,

बदले रहना ,खाना ,पीना ,

बदले घूमना और पहनना | 


कभी गगन पर बदरा छाएँ ,

कभी रवि भैया कड़क हो जाएँ ,

कभी तो चाय ,पकौड़े खाएँ ,

कभी शर्बत ,आइसक्रीम हो जाएँ | 


आज तो मौसम महामारी का ,

कोरोना की जंग जारी का ,

मास्क ,नमस्ते ,बनाओ दूरी का ,

ऐसे में घर की दाल ,रोटी खाएँ | 


बातें करें दोस्तों से जो ,

फोन को ही तो माध्यम बनाएँ ,

मिलने ,मिलाने की तो बातें दोस्तों ,

ये सब अभी तो भूल ही जाएँ | 


सारे मौसम बीत ही जाते ,

सारी ऋतुएँ आती जातीं ,

ये मौसम भी बीत जाएगा ,

इस महामारी को एकजुट होकर भगाएँ | 


हम सब मिलकर जब शक्तिमान बनेंगे ,

सब नियमों का पालन करेंगे ,

तभी हराएँगे महामारी को ,

तभी दुनिया को स्वस्थ बनाएँ | 


Saturday, June 12, 2021

DIL ME ( PREM GEET )

 

                 दिल में

 

आपकी नज़रों ने समझा ,

      डूब कर दिल में मेरे, आपकी --- | 

 

चाँद चमका है गगन में ,चाँदनी फैली यहाँ ,

चाँदनी बोली सजन ,आओ तुम मेरे यहाँ ,

लूटा है मेरे सजन ,तुमने तो दिल को मेरे ,

                                   आपकी ---- | 


धरती दुल्हन बन गई,चूनर सितारों की पहन ,

इंद्रधनुष के रंगों से ,रंग गई मेरी सहन ,

मैं भी चाहूँ मेरे सजन ,बन जाऊँ तेरी दुल्हन ,

                                   आपकी ---- | 


प्यार तेरा पा के मैं , खिल गई हूँ साजना ,

एक तेरे साथ से ही ,मिला है मानो कारवाँ ,

चलते - चलते कारवाँ में ,बज उठीं शहनाईयाँ ,

                                       आपकी ----  | 


SHRIDHDHAA SUMAN ( BHAG - 5 )

 

       श्रद्धा सुमन ( भाग - 5  ) 


 अंबर में नहीं मिली है कवि को ,

   मधुर ,मदिर ,मादक हाला ,

वहाँ नहीं कोई साकी बाला ,

     नहीं है सुंदर सा प्याला ,

दिल उसका है मचल रहा ,

     पीने को मादक हाला | 


अंबर से नीचे को झाँके ,

     तो दिखती है मधुशाला ,

वहाँ तो बैठे पीने वाले ,

     लेकर मस्ती में प्याला ,

सभी मस्त हो झूम रहे थे ,

      पीकर मादक सी हाला |

Friday, June 11, 2021

BATAA DOON ( GEET )

 

                        बता  दूँ 

 

मेरे दिल में आज क्या है ?तू कहे तो मैं बता दूँ ? 

तेरे दिल में आज बस के,उसे प्यार से सजा दूँ | 

 

मुझे प्यार करने वाले ,तूने दिल से मुझको चाहा ,

मेरा प्यार कह रहा है ,मैं तुझे खुदा बना दूँ | 


कोई ढूँढने भी आए ,तो हमें ना ढूँढ पाए ,

तू मुझे कहीं छुपा दे ,मैं तुझे कहीं छुपा दूँ | 


मेरे गेसुओं में छुपकर ,तेरा दर्द चैन पाए ,

तेरे बाजुओं में आकर ,मैं जहां के ग़म भुला दूँ | 



TO HAI ( GHAZAL )

     

                 तो है 

 

तेरे मक़ाम को ,ना भूलेंगे ऐ - साकी ,

हर मोड़ के बाद ,तेरी रह गुजर तो है | 

 

रहेंगे अकेले ना ,किसी मंजिल पे हम ,

मेरे साथ मेरा ,ये हमसफर तो है | 


प्यासे रहेंगे कैसे ? जो तू भी ना पिलाए ,

पीने को ये मेरा ,खूने जिगर तो है | 


दिल कैसे ना हो घायल ? ओ कत्ल करने वाले ,

मेरे दिल के लिए तेरा ,तीरे नज़र तो है | 


Monday, June 7, 2021

PARDES I ( KSHANIKA )

 

          परदेसी 

 

 चले गए साजन परदेस ,

      ले गए मोरा जिया साथ ,

           कैसे बीतें दिन और रात ? 

 

ना याद किया जिसने मुझको ,

    है भुला दिया जिसने मुझको ,

        कैसे भूलूँ मैं उसकी बात ? 


जाने से पहले कहते थे ,

    हम नहीं कहीं भी जाएँगे ,

        पर अब तो ऐसा लगता है ,

             वो लौट के ही ना आएँगे ,

                 थी मन में उनके यही बात | 

 

HUM DONON HI ( GEET )

 

          हम दोनों ही 

 

तुम्हारे मिलने पर साजना ,

    लगा अपना कारवाँ बन गया ,

        सभी अपने थे उस कारवाँ में ,

    चलते हुए कारवाँ मंजिल की ओर बढ़ गया | 


मुस्कानों में डूबे चेहरों से बना कारवाँ ,

    प्यार  ऊँचाइयों पर पहुँच गया ,

        जिंदगी की मौज में बहते -बहते ,

              लहरों में उतराता चला गया | 


हम दोनों एक साथ हैं साजना ,

     प्यार के हम राही हैं साजना ,

        एक दुसरे से दूर तो हम ,

    कभी हो नहीं सकते हैं साजना | 


साथ ही तो रहना है हमको ,

    मुस्कानों के समंदर में डूब के ,

       अभी तो रईस हैं हम साजना ,

गरीब क्यों बनें हम ,अलग रह के साजना | 


गरीब हम हो जाएँगे ,

    अलग -अलग रह के साजना ,

        साथ में रहने पर ,

    हमसे अमीर कोई नहीं साजना | 


कह देते हैं हम दुनिया से ,

    हम से अमीर ,

         यहाँ कोई नहीं रहता ,

मैं और मेरे साजना ,हम दोनों ही साजना | 



Saturday, June 5, 2021

CHHANAKI PAAYAL ( GEET )

 

           छनकी पायल 

 

काँधे से ढलका आँचल ,

   छनकी जो मेरी पायल ,

       मुख पे छाए बादल ,

            छनकी जो मेरी पायल | 

 

वो भी मुझसे बोल ना पाए ,

    नयन भी उनसे मिल ना पाए ,

        नयना उठते कैसे मेरे ? 

             पलकों का था आँचल | 

 

चमक उठे नयना मेरे ,

     उनके आने की आहट से ,

          चमकीले नयनों में साजन ,

               महक उठा मेरा काजल | 

 

रात बीत गई यूँ ही सारी ,

    बोली ना मैं लाज की मारी ,

         होंठ भी तो मैं खोल ना पाई ,

              बोली अंबुआ पे कोयल | 

     

KHWAAB SAA ( PREM )

 

             ख्वाब सा

 

निगाहें थीं द्वार पर ,

                    इंतज़ार था ,

दिल किसी के लिए ,

                    बेकरार था | 

 

अचानक वो आए ,

     पल भर देखा मुस्कुराए ,

पलकें झुकीं पर ,

     लबों की पंखुड़ियाँ खुल गईं ,

                      इज़हार के लिए ,

                      इकरार के लिए ,

                       इंतज़ार था |


मगर ये सोच था ,

     शब्द ना खिले ,होंठ ना हिले ,

कंपकंपाते हाथ उठे और जुड़ गए ,

                     एक शब्द से अलग ,

                    सारे शब्द हो गए ,

                     बेक़रार था |


पलकें फिर उठीं ,

    नजरें उनसे मिल गईं ,

होंठ जो कह ना पाए ,

     सारी बात कह गईं ,

ना ही बोले वो ,

      ना ही कुछ सुना ,

        केवल पलकें उठीं ,

         एक ख्वाब सा बन गया ,

                  इंतज़ार था ,

                  बेक़रार था |

Thursday, June 3, 2021

YAAD AAI ( JALAD AA )

 

    याद आई ( जलद आ ) 

 

दिल की तमन्ना ने ली ,झूम के अँगड़ाई ,

                       मुझे तेरी याद आई ,

सावन में जब कभी भी, ऐसी बदली छाई ,

                       मुझे तेरी याद आई | 

 

आया जो सामने तू ,देखा नजर उठाकर ,

नजरें मिलीं तो खुद हम ,बैठे नजर झुकाकर ,

सपनों में ही है हमने ,तुझसे नजर मिलाई ,

                          मुझे तेरी याद आई | 

 

लब खुल तो गए लेकिन ,वहाँ बोल ही नहीं थे ,

यूँ सामने बैठे हम ,ज्यूँ सामने नहीं थे ,

मन ही में हमने तुझसे ,सब बात है बताई ,

                            मुझे तेरी याद आई | 

 

अब दूर है तू मुझसे ,प्यासी है नजर कब से ,

सावन की बरखा में भी ,मन बादलों को तरसे ,

आजा कि सहन होती नहीं ,तेरी अब जुदाई ,

                               मुझे तेरी याद आई | 

 

Wednesday, June 2, 2021

TERI NAJAR ( GEET )

 

                  तेरी नजर 

 

पल भर में ही सब कुछ कह गई ,

                                तेरी नजर , 

मुझ में ही उलझ के रह गई ,

                              तेरी नजर | 

 

दिल के कहने पे जो ,

उठाई निगाहें अपनी ,

उनमें ही उलझ के रह गई,

                            तेरी नजर | 

 

दिल ने मजबूर किया ,

नजरें मिलाने के लिए ,

दिल में ही उतर के रह गई ,

                        तेरी नजर | 

 

होंठ मेरे हिले कुछ ,

कहने के लिए ,

पर झुकी ही रह गई ,

                       तेरी नजर | 

 

तू जो बोला तो ,

कानों में अमृत घुल गया ,

पर मुझसे शर्मा गई ,

                    तेरी नजर | 

 

तुझे बोलने की कुछ खास ,

जरूरत भी तो न थी क्योंकि ,

पल भर में ही सब कुछ कह गई ,

                           तेरी नजर | 

  

Tuesday, June 1, 2021

BASANT ME GHIRI BADALI ( JALAD AA )

 

 बसंत में घिरी बदली  (  जलद  आ   ) 

 

एक दर्द ,उभर आया है आज ,

एक तड़प ,उठी है दिल में जाग | 

 

बीती यादें ,

फूल बन के खिलीं बसंत में ,

हरियाली छायी ,

बदली घिर आयी | 

 

पतझड़ भी ,

यादगार बन आया फिर से ,

दर्पण के ,

सम्मुख खड़ी हो निहारा ,

बालों की ,

एक लट सफ़ेद हो आयी | 

 

ये ईनाम ,

है बसंत का ,

जिसने ,

बदली को बुलाया ,

फूलों की ,

खुश्बु नहीं ,दामिनी से डराया| 

 

मैं तो ,

सारी रात ही ,

सिकुड़ी सी ,

सो गई ,सो गई | 

 

Monday, May 31, 2021

BARASA SAVAN ( JALAD AA )

 

जलद  आ   ( बरसा सावन )


हर साल आया सावन ,भीग गया तन ,

इससे पहले क्यों नहीं ,भीगा मेरा मन ? 


हर साल बरखा बरसी ,हर साल छायी बदली ,

इन सबसे पहले ही मैं ,क्यों नहीं मचली ? 


बिजली चमकती थी ,बादल गरजते थे ,

क्यों नहीं मेरे नयन ,पहले से सरसते थे ? 


इन सबका एक उत्तर ,इन सबका एक कारण ,

इससे पहले नहीं कभी ,मिले मुझे साजन | 


JHUKAAE ( GEET )

 

                झुकाए 

 

तेरे प्यार के इंतजार में हम ,

कुछ कह ना सके हँसते ही रहे ,

मिला तू सितमगर तो सामने ,

आकर पलकें झुकाए बैठे रहे | 


पलकें उठीं तो सामने था तू ,

झूठा सपना कोई नहीं था ,

तेरी हँसी सूरत पे लेकिन ,

प्यार का कोई बोल नहीं था ,

तेरे एक बोल को सुनने की ,

आस लगाए बैठे रहे | 


तेरे लब की मुस्कानों पर ,

कर दीं निछावर सारी खुशियाँ ,

तेरे एक - एक बोल से तो अब ,

खिल गईं मेरे दिल की कलियाँ ,

लब पर थी मुस्कान मगर ,

नज़रों को झुकाए बैठे रहे | 


Sunday, May 30, 2021

AARMAN ( SMALL POEM )

 

          अरमां 

 

दिल के अरमां मचल गए ,

     ख्वाब सुनहरे संभल गए ,

          आज ख़ुशी के मौके पर ,

               दो आँसू भी निकल गए | 

 

चाँद क्षण गुजरे तेरी याद में ,

     वो ही तो लाए खुशियाँ ,

          जीवन की राहों पर तेरी ,

                बिखरें मुस्कानों की कलियाँ | 

 

कोई खुश्बू कोई महक ,

    नहीं मेरे पास जो दूँ तुझे ,

          बस एक दिल है मेरे पास ,

                वही सौंप देती हूँ तुझे | 

 

तुम जो पास होते मेरे ,

     देती ये दुआएँ सामने से ,

          अरे ये क्या कह गई मैं ? 

                तुम बैठे तो हो मेरे सामने ,

                     ख्यालों में तो तुम ही तुम हो | 

     

NAHIN JANA ( CHANDRAMA )

 

       नहीं जाना 

 

तनहाईयों  आँचल ढलका ,

   नहीं जाना किसी ने भी ,

किसी की याद में दिल तड़पा ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरा जो प्यार था पाया ,

     उसी की याद है अब तो ,

उन्हीं यादों का साया जब सरका ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरी बातों की यादें हैं ,

     मेरे लब पे जो आहें हैं ,

लब पर मेरे ये गीत जब अटका ,

     नहीं जाना किसी ने भी | 

 

खुली जुल्फों के साये में ,

      ये सुबह शाम हो जाती ,

मगर ये चाँद जब चमका ,

      नहीं जाना किसी ने भी | 

 

तेरी राहों में बैठे हैं ,

    है दिल में आस छोटी सी ,

अगर तुम आज आ जाते ,

      वो हो जाती अभी पूरी ,

किया हमने अभी सजदा ,

      नहीं जाना किसी ने भी | 

 

Saturday, May 29, 2021

MANAAOON KAISE ? ( GEET )

 

             मनाऊँ कैसे ? 

 

फागुन तुझे मनाऊँ कैसे ? 

प्रियतम घर नहीं आए मेरे ,

अपना रूप सजाऊँ कैसे ? 

 

बिंदिया माथे की हँस देगी ,

मेंहदी हाथों की रंग देगी ,

तू ही बता हाथों की ,

चूड़ी को खनकाऊँ कैसे ? 


रंग आँख कधुँधला सा है ,

और अधर हैं रंगहीन से ,

जान गई थी साजन रूठे ,

फिर भी नयन क्यूँ हो गए गीले ?

ऐसे विरही मौसम में ,

नयन सुधा बरसाऊँ कैसे ?


तन हैं गीले सबके रंग से ,

मेरे नयन भरे हैं जल से ,

बता दे कोई मुझको इतना ,

अंग पे रंग लगाऊँ कैसे ? 

फागुन तुझे मनाऊँ कैसे ? 


DIL ME KHILE ( GEET )

 

           दिल में खिले 

 

मेंहदी रची हथेलियों पर ,

    जब झुकी उनकी नजर ,

         दिल में खिल गए सौ कमल | 

 

देख कर  उनकी नजरों में प्यार ,

     दिल मेरा हुआ बेक़रार ,

 बेक़रार  दिल से ,ना पाए वो निकल ,

     दिल में खिल गए सौ कमल |         


नजरें झुकीं थीं मेरी पर ,

     बेताब थीं देखने को उन्हें ,

देखा जो सामने ,तो वो रहे थे संभल ,

      दिल में खिल गए सौ कमल | 


कह ना पाई उनसे कुछ ,

     दिल की दिल में ही रही ,

उनकी बातें सुन के ही ,मन मेरा गया मचल ,

        दिल में खिल गए सौ कमल | 


Friday, May 28, 2021

KYAA DOON ? ( GEET )

 

                    क्या  दूँ  ?

 

साजन मेरे तुम्हीं हो ,दिलबर हो तुम मेरे ,

इसके सिवा कहो तुम्हीं ,क्या नाम दूँ तुम्हें ? 

 

तकदीर तुमको माना ,तदबीर तुमको जाना ,

इसके सिवा कहो तुम्हीं ,क्या मान लूँ तुम्हें ? 

 

मेरे दिल की आरजू हो ,मेरे मन की तुम ख़ुशी हो ,

इसके सिवा कहो तुम्हीं ,क्या सोच लूँ तुम्हें ? 

 

पाकर तुम्हें पाया है ,दोनों जहान को ,

इसके सिवा कहो तुम्हीं ,क्या इच्छा हो मुझे ? 

 

ये मन तुम्हीं को सौंपा ,ये तन तुम्हीं  सौंपा ,

इसके सिवा कहो तुम्हीं ,क्या सौंप दूँ तुम्हें ? 

 

 

HAM MUSKAE ( JALAD AA )

 

 हम मुस्काए  ( जलद आ ) 

 

दिल का दर्द छिपा कर ,हम मुस्काए ,

अंदर तक ये कसक छिपी थी ,तुम ना आए | 

 

छा गईं घटाएँ अंबर में ,

तब चलीं हवाएँ तपन लिए ,

ऐसे में आई याद तेरी ,

तब से ये दिल है जलन लिए ,

उस जलन को पीकर हम मुस्काए | 

 

हर पल किया तेरा ,

        इंतजार हमने ,

देखे हमने कितने ?

           सुंदर सपने ,

सपने जो टूटे तो हम मुस्काए | 


Wednesday, May 26, 2021

KHO GAI

 

            खो गई 

 

एक आलस भरी शाम ,

      अँगड़ाई ले कर सो गई ,

            रात की चादर में ,

                  सारी दुनिया खो गई | 


सुबह के आँचल की ,

     हवा ने जाकर ,सभी को जगाया ,

         दुनिया फिर से ,उषा की ,

               लालिमा में खो गई | 


देख तेरे रूप को ,

     आईना थर्रा उठा ,

          पर यहाँ पर मैं तो ,

               मीठे सपनों में खो गई | 

     

Tuesday, May 25, 2021

BATAA KAISE ? ( JIVAN )

 

          बता कैसे ? 


दिल में है तेरी याद ,

   होंठों पे तेरा नाम ,

      तू ही बता कि कैसे ? 

           बीते ये मेरी शाम | 


मन भी है ये तेरा ही ,

     तन भी है ये तेरा ही ,

          तू ही बता कि कैसे ? 

               तन - मन को दूँ इल्जाम | 


चाहा नजर ने तुझको ,

    पाया नजर ने तुझको ,

        तू ही बता की कैसे ? 

              नजरों को लूँ मैं थाम | 


है दूर अब तू मुझसे ,

    प्यासी ये नजर तरसे ,

         तू ही बता कि कैसे ? 

               गुजरें ये सुबह शाम |