दवा दे 
 सुन ऊपर वाले तेरी दुनिया में,तेरी रचना परेशां है,
जिंदगी दर्द में डूबी है,हर इंसान परेशां है,
दर्द को तू खत्म कर दे,दवा भिजवा दे धरती पर, 
अपनी रचना को दे राहत, दुःखों को दूर कर दे तू।
दवा जब तेरी आएगी ,तभी आराम आएगा ,
तू भी तो - ए - मालिक ,तभी तो मुस्कुराएगा ,
तभी तो तुझसे विनती है ,दवा भिजवा दे धरती पर ,
दवा भिजवा दे धरती पर |   
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