Saturday, November 20, 2021

AAI YAAD ( JIVAN )

             आई याद 


याद शब्द है ऐसा, जिस का ओर ना छोर,
याद बिना है जीवन, ज्यों सूखे में मोर।

याद बचपन की आते ही, नाचे मन का मोर,
लगता तपते रेत में, छाई घटा घनघोर।

याद किसी की आने पर, उठने लगे तरंग,
मन मयूर करने लगे, नृत्य,गान बन मलंग।

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