पालनहार
उतर आ ईश धरती पर ,तेरी धरती परेशां है ,
धरा तो काँपती डर से ,हरेक मानव परेशां है ,
बचा ले अपनी रचना को,दुःखों को दूर करदे तू ,
मिटेगी अगर धरती तो,कौन मानेगा तुझको ईश?
जिंदगी दे दे मानव को ,मिटा दे मौत के साए ,
नहीं कहते अमर हों हम ,मगर जीवन तो पूरा हो ,
नहीं छोड़ें अधूरे काम ,काम सारे ही पूरे हों ,
नहीं बिलखें दुधमुँहें ,नहीं कोई गोद सूनी हो |
खिलखिलाहटें मत मिटा ,मुस्कानें जगने दे ,
कोई रोए ना रातों को,सभी के ख्वाब जगने दे,
तू है शक्तिशाली ,दिखा दे अपनी शक्ति को ,
कर दे जिंदगी आसां ,भर दे आशियानों को |
ये सारी तेरी रचना हैं ,और हम तेरे बच्चे हैं ,
तू तो पालनहार है सबका,ये हमारे बोल सच्चे हैं,
प्रार्थना है यही तुझसे ,सभी का ध्यान रख ले तू ,
सभी की साँसों को हे ईश्वर ,परिपूर्ण कर दे तू |
भूल जा कोईब कैसा है ?सभी तो तेरी रचना हैं ,
बुराई को मिटा कर दे ,उन्हें अच्छा बना दे तू ,
कलम तेरी तो हे ईश ,कुछ लिखती मिटाती है ,
तू जो चाहे वो लिख दे ,तुझे तो पूरी आज़ादी है |
तुझसे हर बात है कहदी ,नहीं नाराज होना तू ,
मेरा तो दोस्त है तू ईश,ये रिश्ता बहुत गहरा है,
मैं ना जानती पूजा ,मैं ना जानती अर्चना ,
मगर मैं जानूँ हूँ ऐ ईश ,
तू है मेरा पावना ,तू है मेरा पावना |
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