स्वर लहरी
जीवन मंत्र है अपना बंधु, चहुँ ओर हरियाली हो,
शुद्ध पवन हर ओर, घटा घिरे मतवाली हो।
सबकी साँसों में महके ,खुश्बु सुंदर फूलों की,
प्रातः की बेला में चहकें,चिड़ियों की मीठी स्वर-लहरी।
मीठी तान घुले कानों में,दिल की खिल जाएँ कलियाँ,
खेतों में भी लहरा जाएँ, गेहूँ और धान की बालियाँ।
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