बिंदिया
भारत में- एक लड़की, एक महिला, अधूरी है, बिंदी बिना,चमक बढ़ जाए चेहरे की,सज गई बिंदी जहाँ।आकार हैं अनेकों उसके,रंग हैं लाखों यहाँ,फिल्में भी अधूरी हैं,बिंदी के गाने बिना।जैसे - बिंदिया चमकेगी,तेरी बिंदिया रे ।
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