उम्र
जन्म हुआ संसार में, मानव आया धरती पर,
बचपन बीत चला तब,मात-पिता की अँगुली पकड़।
बढ़ी उम्र तो आई जवानी,बनाया गया कैरियर ,
कोई बना डाक्टर यारों,कोई बना इंजीनियर ।
किसी ने प्यार की झप्पी डाली,किसी ने की शादी ,
सभी ने धीरे-धीरे,बढ़ाई देश की आबादी।
उम्र ने आगे कदम बढ़ाए,शक्ति भी घटा गई,
कोई तन से हुआ बूढ़ा,कोई मन से बुढ़ा गया ।
बुढ़ापे की दस्तक ने,चाल भी धीमी कर दी,
कुछ मानवों की चाल ने, जादू की झप्पी दे दी।
तन की उम्र बढ़ी है उनकी, दिल उनका उन्मत्त है,
शौक ना जो पूरे कर पाए, आज उन्हीं में व्यस्त हैं।
वो कहलाए यारों सदाबहार, हाँ, सदाबहार।
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