अभिलाषा  
रंग- रंग के फूल यहाँ,खुश्बुओं से भरपूर यहाँ,
तितलियों का राज यहाँ, तुम भी और हम भी यहाँ।
हमारी अभिलाषा,दुनिया भरी रहे फूलों से, 
हमारी अभिलाषा,दुनिया भरी रहे खुश्बु से ।
मगर फूल की अभिलाषा होती,
"मुझे तोड़ लेना बनमाली, 
उस पथ पर देना तुम फेंक, 
मातृभूमि हित शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक। "(पुष्प की अभिलाषा से) 
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