दोस्तों तुम्हारी दोस्ती में डूब कर, भूल गए खुद को,
प्यार में तुम्हारे तैरकर, हम पा गए मंजिल को ।
प्यार की मंजिल है क्या ? दोस्तों की महफिल,
दोस्ती की मंजिल है दोस्त, दोस्तों की महफिल,
उसी महफिल में पहुँच गए, पा गए दोस्तों को।
मुस्कानें दोस्तों की, दिल को खुशी हैं देतीं,
वो बातें दोस्तों की, दिल को राहतें हैं देतीं,
उन की मुस्कानों में डूब कर, हम पा गए खुशी को ।
साथ दोस्तों का, मिलता नहीं हर किसी को,
जीवन को खुशनुमा भी,करता नहीं हर किसी को,
मिल गया है जो हमें तो,हम पा गए जहां को।
अकेला जो चला जीवन में,दोस्त कोई नहीं उसका,
उस अकेलेपन में,खुशी नहीं वो पा सका,
हम तो दोस्तों की महफिल में,पा गए हर खुशी को।
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