Wednesday, January 24, 2024

KHILKHILAATE RANG ( JIVAN )

 

                खिलखिलाते रंग 


जीवन की भूल - भुलैयाँ में ,

राह हम भूल गए हैं दोस्तों ,

बचपन के सभी खेल भी ,

मानो भूल ही गए हैं दोस्तों || 


आज के जीवन की हलचलों में ,

हम फँस भी गए हैं दोस्तों ,

उन बंधनों से हम को ,

निकाल तो लो दोस्तों || 


साथ जब दोस्तों का ,

मिल जाता है   तो ,

मुस्कानें भी तो ,

खिलखिला जातीं हैं दोस्तों || 


रंग खिलखिला जाते हैं ,

और मौसम में बिखर जाते हैं ,

तो जीवन मानो ,

इंद्रधनुष ही बन जाता है दोस्तों || 


Tuesday, January 23, 2024

AASHEESH ( AADHYAATMIK )

 

                    आशीष 


सुन ऊपर वाले तेरी दुनिया में ,

तेरी रचना परेशां है ,

जिंदगी दर्द में डूबी है ,

हर इंसान परेशां है ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ||


दर्द को तू खत्म कर दे ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ,

अपनी रचना को दे राहत ,

दुःखों को दूर कर दे तू ,

आशीष भिजवा दे धरती पर ||


आशीष जब तेरा आएगा ,

तभी आराम आएगा ,

तू भी तो ए - मालिक ,

तभी तो मुस्कुराएगा,

तभी तो तुझसे विनती है ,

आशीष भिजवा दे धरती पर || 



Monday, January 22, 2024

JAY SIYAA RAM ( AADHYAATMIK )

 

                      जय सिया राम 

 

श्री राम जय राम ,जय - जय राम ,

बन जाएँ सबके ,बिगड़े काम ,

ऐसा है ये सुंदर काम || 

 

राम -राम जी ,राम - राम ,

जपोगे जब ये नाम ,पूर्ण होंगे सारे काम || 

 

सीता राम बोलो बंधु ,सीता - राम ,

जपने पर ही ,मन होगा शुद्ध ,

और सुंदर होगी ,जीवन की शाम || 

 

जय - जय राम ,जय - जय राम ,

मन में ही जप लो तो ,

हर राह मिलेगी , सुंदर और आसान || 

 

सिया राम ,सिया राम ,सिया राम ,सिया राम ,

जाप जो हो जाए ,इस नाम का ,

पहुँचेंगे राम के धाम || 

 

Sunday, January 21, 2024

BADHAAI BAAJE ( GEET )

 

                          बधाई बाजे 


आज तो बधाई बाजे ,अपने देश में ,

अपने देश में ,अपने देश में ,अपने देश में || 


पहली बधाई अपने संतों ने दी ,गुरुओं ने दी ,

एक बधाई हमें ,मुर्मु जी ने दी ,

एक बधाई हमें ,मोदी जी ने दी ,

साथ में उनके ,योगी जी भी आए ,

अपने देश में ,अपने देश में ,अपने देश में || 


एक बधाई सभी मंत्रियों ने दी ,

एक बधाई सभी पूर्वजों ने दी ,

साथ में अपने ,पुण्यात्माओं को लाए ,

भारत देश में ,भारत देश में ,भारत देश में || 


देखो तो सभी पुण्यात्माएं,

राम जी की आत्मा को लाएँ ,

राम लला की मूर्ति में उन्होंने ,प्राण जगाए ,

तभी तो बधाई बाजे ,भारत देश में ,

भारत देश में ,भारत देश में ,भारत देश में || 


Saturday, January 20, 2024

INTJAAR SHUBH GHADII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                         इंतजार शुभ घड़ी का 


राम नाम ही गूँज रहा ,घर - घर ,गली - गली ,

लगता है ऐसा बंधु ,इस नाम की हवा चली || 


सिया -राम की लहर में ,खुश्बु खूब महकी ,

ये लहर तो बंधु ,सभी के दिल में है बसी || 


दीप जल रहे घर -घर में ,अयोध्या धाम सजा ,

हर घर का कोना -कोना ,राम नाम से गूँजा || 


आगम है सुंदर बंधु ,इंतजार है शुभ घड़ी का सबको ,

इसी इंतजार ने तो बंधु ,डुबा लिया है राम नाम में सबको || 



Friday, January 19, 2024

YAADON KII YAAD ( JIVAN )

 

                  यादों की याद 


बीत चला जो पल - क्षण बंधु ,यादें अपनी छोड़ता ,

उन्हीं क्षणों में जीवन बंधु ,यादों में बंध जाता ,

प्यार के धागे में बँधकर ,यादों को वह जोड़ता || 


हर आने - जाने पल को ,धागे में वह पिरोता ,

ऐसे ही तो जीवन बंधु ,दिल में प्यार समोता ,

उसी प्यार के सागर में ,जीवन सुंदर होता || 


जीवन के हर पल को बंधु ,बाँधो प्यार के धागे में ,

कर लो अपना जीवन सुंदर ,डूब प्यार के सागर में ,

तभी तो जीवन सुंदर होगा ,यादों की याद पिरोता || 


Sunday, January 14, 2024

MAHKAYA ( AADYATMIK )

 

                        महकाया 


क्या लेकर आए हम ? क्या लेकर जाएँगे ? 

ईश्वर ने जो जन्म दिया ,कैसे इसे बिताएँगे ? 

भाग्य लेख जब लिखा ईश्वर ने ,हम नहीं जानते ,

उस लेख को हम तो बंधु ,बिल्कुल नहीं पहचानते || 

 

जीवन लगा बीतने अपना ,भाग्य लेख आधार पर ,

रंग आए जिंदगी में ,भाग्य लेख आधार पर ,

हमने जब कुछ कर्म किए ,उनका असर पड़ा ,

भाग्य लेख का काँटा ,कुछ बदलने लगा || 

 

कर्मों से बदला जीवन ,कुछ मुस्काया ,कुछ हर्षाया ,

भाग्य लेख था ईश्वर प्रदत्त ,कर्म को हमने अपनाया ,

ईश्वर ने भी खुश होकर ,हमको सुखी बनाया ,

दोस्तों ,जीवन को महकाया ,हमारे जीवन को महकाया || 

 

 



Saturday, January 13, 2024

MEETHE SHABD ( PREM )

 

                         मीठे शब्द 


शिकायतों का पिटारा ,बड़ा मत करो दोस्तों ,

जीवन एक सुंदर उपहार ,मिला है हमें ,

शिकायतें करके उसकी ,सुंदरता कम मत करो ,

जिसकी शिकायतें कम होती हैं ,वही सुखी होता है दोस्तों || 



अपने शब्दों को मीठा बना लो ,धारदार नहीं ,

धारदार शब्द दूसरों की भावनाओं को ,

ठेस पहुँचाते हैं ,दुःखी कर देते हैं ,

मीठे शब्द दोस्तों की ,संख्या को बढ़ा देते हैं || 

 

मीठे शब्द सभी के ,दिल को छू लेते हैं ,

प्यार करने वालों की ,संख्या बढ़ा देते हैं ,

तो प्यार को समेट कर ,अपने दिल में ,

दोस्तों की संख्या को ,बढ़ा लो दोस्तों || 

 



Friday, January 12, 2024

SACH CHITTHI KAA ( JIVAN )

 

                       सच  चिट्ठी का       


आज समय आया है बंधु ,एस. एम. एस. का ,

आज कोई क्या समझे बंधु ? क्या है मजा एक चिट्ठी का ?

प्रेम -पत्र जो हो तो बंधु ,लिखने वाले के भाव छलकते ,

खुश्बु  भी उनसे आती थी ,जो दिल को भाती  थी || 

 

चिट्ठी लिखी जब हमने किसी को ,हफ्ता भर इंतजार किया ,

उसी के बाद जब मिली थी चिट्ठी ,पहले  निहार लिया || 

 

खोल के चिट्ठी पढ़ी जब हमने ,लगा उसका दीदार किया ,

लिखने वाले के भाव समझ कर ,उनको हमने स्वीकार किया || 

 

आज बदल गया है समय वह ,कोई नहीं समझे बंधु ,

इंतजार का मजा है क्या ?   फिर पाने का मजा  है  क्या ?

यही तो चिट्ठी का सच है ,यही तो चिट्ठी का सच है ||



NAHIN DHALENGE ( JIVAN )

 

                     नहीं  ढलेंगे 


पग - पग चलता जाए जीवन ,अपनी उम्र बढ़ाए जीवन ,

बचपन से बढ़कर जीवन ,आया यौवन की दहलीज पर || 


जिम्मेदारियाँ आयीं जब ,जीवन तेजी से भागता गया ,

ऐसे में हम दौड़ लगा ,उम्र के पड़ाव पार करते गए || 


बच्चों का संसार बसा ,समय बीतता गया उनकी खुशियों में ,

अब आया समय उम्र के ढलने का ,गति दौड़ की हुई कम || 


उम्र तो बढ़ती ,ढलती है ,ना ढलें वो मान ,सम्मान ही हैं ,

उन्हीं की चादर ओढ़ लो बंधु ,

वह कभी नहीं ढलेंगे ,कभी नहीं ढलेंगे || 


Tuesday, January 9, 2024

RAAJ DOSTII KAA ( JIVAN )

 

                     राज दोस्ती का 


बहुत समय बीता ,दोस्त सभी साथ थे ,

आज का आलम ये है ,दोस्त सभी दूर -दूर हो गए ,

मगर क्या वो दिल से दूर हैं आज ? ?


नहीं ! सभी तो ,

 दिल के आंगन में बसे हैं ,

दिल ही दिल में ,बातें होती रहती हैं ,

बातों का सिलसिला ,रुकता नहीं  है दोस्तों || 

 

जब दिल के तार जुड़े हों ,तो दूरी के क्या मायने ?

लगता है सब कुछ ,पहले जैसा ही है ,

सवाल - जवाब सभी ,मानो सुनाई देते हैं || 

 

मुलाकातें ना भी हों ,क्या फर्क पड़ता है ? 

दिल से दिल तक का ,पुल तो मजबूत है ,

उसी से तो दोस्ती जुड़ी है ,

यही तो दोस्ती का ,राज है दोस्तों || 

 

Saturday, January 6, 2024

AAYA PHONE BADARAA KAA ( JALAD AA )

 

                  आया फोन बदरा का 


बदरा की रिमझिम के साथ ही ,फोन आया बदरा का ,

रिमझिम बूँदें बोलीं ,आओ ,चलो हमारे साथ ,

बदरा की कंदरा में || 


ठंडी ,शीतल जगह है वह ,बदरा ने तुम्हें बुलाया है ,

राह देखता है वह तुम्हारी ,बीते बहुत से दिन यूँ ही ,

आज तो जरूरी है मिलना ,

बदरा से कंदरा में || 


साथ चली मैं रिमझिम बूँदों के ,

पहुँच गई क्षण भर में ,कंदरा थी रुई जैसी ,

कोमल और हल्की ,उड़े पवन के साथ इधर -उधर ,

लगा पैरों के नीचे ,कोमलता खुद ही बिछ गई है ,

बदरा की कंदरा में || 


समय बिताया मैंने सुंदर ,रिमझिम बूँदों से भरी ,

कंदरा में,बदरा के साथ में ,

मानो स्वर्ग में आ गई हूँ मैं ,बीत गया जब समय काफी ,

आई लौट मैं अपने घर ,

बदरा की कंदरा से || 



Thursday, January 4, 2024

KHUSH KAR DO ( JIVAN )

 

                          खुश कर दो 


दोस्तों क्या किसी को ,खुश रहने को कहें ?

तो क्या वह खुश हो सकता है ? 

नहीं !कभी नहीं ,ऐसा नहीं हो सकता ,

कहने से कोई खुश नहीं हो सकता || 


उसके लिए हमें उसकी खुशियों की,

 वजह बनना होगा ,

कुछ ऐसा करना होगा ,जिससे वह खुश हो जाए ,

 उसके होठों पर मीठी सी ,मुस्कान खिल जाए || 


यही तो हमारी इच्छा की जीत होगी ,

अगर उसकी उलझनें कम होकर ,

मन में सुकून और होठों पर मुस्कान नाच उठे ||

 

किसी को भी खुश करना ही ,

सबसे बड़ी पूजा है ,अर्चना है ,

यही तो सच्ची प्रार्थना है  || 

 


Wednesday, January 3, 2024

PHONE CHAAND KAA ( CHANDRAMA )

 

                       फोन चाँद का 


आया फोन मेरे चाँद का ,कैसी हो सखि मेरी ?

प्यार में डूबी हूँ तुम्हारे ,बात कहो तुम अपनी सखा ,

रोज -रोज मैं आता हूँ ,तुम सोती मिलती हो ,

कभी तो जागकर ,मिला करो सखि मेरी || 


तुम जब खिलते गगन में ,रात होती है मेरी ,

तभी तो डूबी नींद में ,मैं हूँ तुमको मिलती ,

कभी -कभी जब रात में ,मिल जाते हो मुझको ,

तभी बातें हो पाती हैं ,तुम्हारी और मेरी || 


भारत माँ भीचाहती ,बातें तुमसे करना ,

तभी तो भेजा चंद्रयान ,तुम्हारी खैर - खबर लेने ,

अपनर बारे में मेरे चाँद ,बता दो तुम सारे ही राज ,

तभी तो दुनिया में ,होगा भारत माँ का नाम || 


अब की बार मिलेंगे चंदा ,तब मिलेंगे तीनों ,

भारत माँ ,मैं और चाँद ,बतियाएँगे तीनों ,

जब तुम आओगे तो ,साथ में लाना चंदनिया ,

भारत माँ भी चाँदी जैसी ,चूनर ओढ़ आएगी || 


Tuesday, January 2, 2024

INTJAAR ( KSHANIKA )

 

                                  इंतजार  


इंतजार -- एक शब्द है ऐसा ,जो धैर्य की परीक्षा लेता है ,

छोटे समय का इंतजार ,एक ख़ुशी देता है ,मजा देता है ,   

मगर लंबे समय का इंतजार तो ,दिल ,दिमाग दोनों को ,

व्याकुलता ,दुःख और बेचैनी ही देता है || 


दुनिया में हर कोई, किसी ना किसी का इंतजार करता है ,

रात सुबह का ,सुबह भी रात के जाने का ,इंतजार करती है ,

खुश्बुएँ खुद ही फैलती हैं ,मौसम का इंतजार नहीं करतीं ,

खुशियाँ मन में ही बसी हैं ,उनको बाहर निकालो ,

उनके बाहर  से आने का ,इंतजार नहीं करो || 


जिंदगी ,जीवन का नहीं ,मौत का इंतजार करती है ,

जिससे आत्मा ,परमात्मा से मिल सके ,

परमात्मा से एकाकार ही ,उसके इंतजार को पूरा करता है || 


Monday, January 1, 2024

PHONE KIYAA SAAGAR NE ( RATNAAKAR )

 

                                फ़ोन किया सागर ने 


फोन की घंटी बजी ,फोन जब उठाया तो ,

आवाज आई सागर की ,मेरे दोस्त की ,

क्या करती हो ? क्या समय नहीं मिला मिलने का ?

कल को ही आ जाओ सखि || 


मैंने भी स्नेहातुर हो ,कर दिया वादा ,

आऊँगी मैं कल सागर ,मिलूँगी तुम से ,

तुम अपनी लहरों को ,भेजना किनारे || 


अगले दिन मैं गई ,सागर से मिलने ,

लहरें वहीं किनारे पर थीं ,प्यार जताया मुझसे ,

मैं चली उनका हाथ पकड़ ,और सागर के बीच गई || 


खूब हुईं बातें ,खूब गूँजे ठहाके ,

समय बीतता गया ,और एक पहर बीत गया ,

लौटने का समय हो चला ,

और ख़ुशी में डूबी मैं लौट आई ||