Friday, January 12, 2024

NAHIN DHALENGE ( JIVAN )

 

                     नहीं  ढलेंगे 


पग - पग चलता जाए जीवन ,अपनी उम्र बढ़ाए जीवन ,

बचपन से बढ़कर जीवन ,आया यौवन की दहलीज पर || 


जिम्मेदारियाँ आयीं जब ,जीवन तेजी से भागता गया ,

ऐसे में हम दौड़ लगा ,उम्र के पड़ाव पार करते गए || 


बच्चों का संसार बसा ,समय बीतता गया उनकी खुशियों में ,

अब आया समय उम्र के ढलने का ,गति दौड़ की हुई कम || 


उम्र तो बढ़ती ,ढलती है ,ना ढलें वो मान ,सम्मान ही हैं ,

उन्हीं की चादर ओढ़ लो बंधु ,

वह कभी नहीं ढलेंगे ,कभी नहीं ढलेंगे || 


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