Sunday, December 31, 2023

PRATILIPI KE BHAV ( KSHANIKA )

 

                          प्रतिलिपि के भाव  


नोट -- दोस्तों प्रतिलिपि द्वारा दिए गए कहानियों के 

शीर्षक पिरोकर यह कविता बनी है ,अपनी राय 

जरूर दीजिएगा ,धन्यवाद | 


  कविता ---

जन्म जब लिया हमने ,रहे दुनिया से हम अनजान ,

अज्ञात थी दुनिया ,अज्ञात उसके रास्ते ,

साथ पा गुरुओं का ,खुले उनके ताले ,

रहस्यमय चाबी से ,खुला अज्ञात रास्ता ,

चल पड़े हम रातों के सफर से ,

अज्ञात सागरों से ,ख़ुशी और गम के सागर से || 


प्रकृति की सुंदरता ,साथ दोस्तों का ,

प्यार और स्नेह ने ,हाथ पकड़ा हमारा ,

अपनों के आँगन  से निकल हमने ,

बाहर की दुनिया ,देखने का अवसर मिला ,

जो स्वप्नों की नगरी से अलग थी ,

हमारे देखे हुए ,सपनों से अलग थी || 

 

मिलने वाले शख्स थे अनजान ,

अजनबीं थीं सभी ,जो बन गईं सहेलियाँ ,

इंद्रधनुषी ,रंगीन आसमान के नीचे ,

गुनगुनाए गए मीठे गीत और ,

बिना आवाज के ही हो गई अनोखी चोरी ,

ये  चोरी  थी हमारे दिल की ,

मिल गया एक हमसफ़र ,एक सच्चा साथी ,

जिंदगी  के सभी रास्ते ,फूलों भरे हो गए || 

 

VIDAAI 2023 KII ( KSHANIKA )

 

                       विदाई  2023 की 


विदा -विदा -विदा साल तेईस ,अंतिम दिन है आया ,

तेईस की विदाई है तो ,दिल तो मायूस होता है ,

मगर नव -वर्ष के स्वागत का ,माहौल भी है छाया ,

आने वाला जाता है ,यही नियम है बनाया || 


इस वर्ष में कुछ खोया है ,और कुछ है पाया ,

किसी बात पर मुस्काए हम ,कुछ पर नयनों ने नीर बहाया ,

जीवन की इन्हीं राहों में ,लगातार कदम बढ़ाया ,

ईश्वर ने हमको जो दिया ,हमने उन्हें धन्यवाद थमाया || 


कल नया साल शुरु होगा ,उसका स्वागत -स्वागत है ,

हर बीते दिन के बाद ,नए दिन का आगत - आगत है ,

जीवन की इस बगिया में ,फूलों का खिलना प्राकृत है ,

कल की सुबह ही ,दो हजार चौबीस का स्वागत है || 


Friday, December 29, 2023

MANN MEIN ( JIVAN )

 

                         मन में 


मत ढूँढो खुशियाँ जग में ,ढूँढो अपने मन में ,

वहीं तो ये बसती हैं ,और हमको खुश रखती हैं || 


खुशियाँ ना खरीदी जातीं ,खुशियाँ ना बेची जातीं ,

ये तो मन में बस कर के ,मंद - मंद मुस्कातीं || 


होठों पे मुस्कानें लातीं ,संग में सबको खुश कर जातीं ,

जो भी ढूँढ ले इनको ,उसको खिल - खिल कर जातीं || 


संख्या इतनी कर जातीं ,झोली सबकी भर जातीं  ,

कभी - कभी तो बंधु अपनी ,

झोली छोटी पड़ जाती ,झोली छोटी पड़ जाती || 

 


Wednesday, December 27, 2023

THAATII ( JIVAN )

 

                           थाती 


जीवन की राहें हैं ,एक भूल - भुलैयां दोस्तों ,

खो मत जाना ,इनमें चलते -चलते दोस्तों ,

याद सदा रखना हमको ,जो साथ में वक्त बिताया था ,

यादों की मिठास ही तो ,अपनी थाती है दोस्तों || 


भूत ,भविष्य तो सुनहरे ,ख्वाब हैं जीवन में ,

जो बीत गया उसे ,तो बदला जा नहीं सकता ,

जो आने वाला समय है ,वह पर्दे में ही छिपा है ,

वर्तमान को ही ,मुस्कानों के साथ जी लो दोस्तों || 


कुछ सहारा ले यादों का ,बिताओ आज का दिन ,

कुछ ख्वाब जो देखे तुमने ,उनमें डूब जाओ दोस्तों ,

ख्वाबों को सजाकर ,जीवन सफल बना लो दोस्तों ,

मुस्कानों को सहेज कर ,जीवन सफल बना लो दोस्तों || 


Tuesday, December 26, 2023

MOTI - MAANIK ( DOHA )

 

                   मोती - माणिक 


मोती - माणिक गहि रहे ,बाकि देय भुलाय ,

अपनेपन की नाव में ,सबको लेय बिठाय || 


कागा सब कुछ खात है ,हंस मोती चुग जाय ,

जीवन सब का अलग है ,सब ही अलग बिताय || 


अपनापन जीवन में हो  ,भाव सागर तर जाय ,

तब ही अपनी आत्मा ,परमात्मा से मिल जाय || 


मोती - माणिक सा जीवन ,परमात्मा ही भिजवाय ,

मानव उसको धरा पर ,ख़ुशी - ख़ुशी बिताय || 


KAR JAAO DOSTON ( JIVAN )

 

                          कर जाओ दोस्तों 


जिस बात से दिल खुश हो जाए ,

उसी को कर जाओ दोस्तों ,

जिस काम से मन को शांति मिल जाए ,

उसी को कर जाओ दोस्तों || 


जिंदगी की राह में ,कदम तो चलते रहेंगे ,

उन्हें चलने दो दोस्तों ,

मंजिल जब मिलेगी ,उस समय का इंतजार करो ,

मंजिल को मुस्कुरा कर ,

स्वीकार कर जाओ दोस्तों || 


किसी के दिल में बसना है ,

तो खुद छोटे हो जाओ दोस्तों ,

किसी को दिल में बसाना हो ,

तो दिल को बड़ा कर जाओ दोस्तों || 


सभी को खुश कर जाओ ,

सभी में मुस्कानें बाँट जाओ दोस्तों ,

तभी तो यह सिलसिला ,

दूर तक चल पाएगा दोस्तों || 


Saturday, December 23, 2023

DIL SE DIL TAK ( JIVAN )

 

                            दिल से दिल तक 



दिल की राहों से ,जो संदेसा तूने भेजा ,

वो संदेसा सीधा मेरे ,दिल तक ही है पहुँचा ,

ना कोई फोन ,ना कोई चिट्ठी ,

सीधा हो वह संदेसा ,मेरे दिल तक पहुँचा || 

 

ऐसे ही हम मीठे संदेसे ,भेजेंगे सभी दोस्तों तक ,

दोस्त भी आगे भेजेंगे ,सभी अपनों के दिल तक ,

प्यार की लड़ियाँ बँध जाएँगी ,सभी अपनों के दिल से || 


धीरे - धीरे देशवासियों के दिल , 

बँध जाएँगे प्यार की डोर में ,

एक देश ही नहीं दोस्तों ,दूसरे देश भी बँधेंगे ,

बँध जाएगा पूरा विश्व ही ,दिल से दिल तक की डोरी में || 


DE DOON ( PREM )

 

                                   दे दूँ 


हैं मेरे हाथ खाली ,तुम्हें क्या दूँ मैं बंधु ? 

मगर हाँ ! दिल भरा है प्रेम और सम्मान से ,

क्या ,वही मैं तुमको दे दूँ ? 


अगर होती ,जो धन - दौलत ,वो तो खर्च हो जाती ,

खर्च होने से उसकी। कीमत कम ही हो जाती ,

तो वह क्यों ,तुमको मैं दे दूँ ? 


मगर ये प्रेम और सम्मान तो ,गर खर्च भी कर दो ,

खजाना इनका बढ़ता जाएगा ,चाहे कितना भी बांटो ? 

तो फिर रहा यह तय ,यही मैं तुमको ही दे दूँ || 


Friday, December 22, 2023

KHOE SAAMAAN ( KSHANIKA )

 

                     खोए सामान 


सामान है भौतिक वस्तु , खो सकता है ,

मगर कुछ सामान ,जो दिल से जुड़े हैं ,

उनका खोना तो दोस्तों ,

बहुत ही बड़ा नुकसान है || 


याद करो वो बचपन के खिलौने ,

जिनसे बचपन चहचहाता था ,मुस्कुराता था ,

वो कंचे ,वो गुल्ली डंडा ,

नन्हीं सी मेरी गुड़िया ,जिससे बातें होती थीं || 


थोड़ा बड़े होने पर ,किशोर अवस्था में ,

रेडियो से दोस्ती होने पर ,गीत गुनगुनाए गए ,

बिनकन गीत माला ,अमीन सयानी जी की बातें ,

आज भी कानों में गूँजती हैं || 


वो रेडियो कहाँ खो गया ? 

वो खिलौने आज नहीं मिल सकते ,

ये खोए सामान कहाँ जा कर सो गए ? 


Monday, December 18, 2023

DHOONDH LO ( JIVAN )

 

                               ढूँढ लो 


स्वयं में ही ,स्वयं को ढूँढ लो दोस्तों ,

यही खोज होगी ,सबसे बड़ी दोस्तों ,

रास्ते ढूँढना मुश्किल नहीं होता ,

मंजिल भी ढूंढने से ,मिल ही जाती है ,

मगर स्वयं को ढूँढना लगभग ,

असंभव ही होता है दोस्तों || 


दुनिया बहुत बड़ी है दोस्तों ,

दुनिया की हर जगह  सकती है ,

मगर स्वयं के अंदर क्या है ? कैसा है ? 

दिल की गहराइयों में ,क्या भाव छिपे हैं ?

दिमाग की ऊँचाइयों में ,क्या ज्ञान छिपा है ? 

उस सब को ढूँढना ही ,

बहुत - बहुत - बहुत ,मुश्किल है   दोस्तों ||

Friday, December 15, 2023

KANKADII ( JIVAN )

 

                       कंकड़ी 


पल -पल ,छिन - छिन जीवन जाता ,

समय का पहिया चलता जाता ,

मुस्कानों से झोली भरे कभी ,

कभी अश्रु छलकाता जाता  || 

 

रंग - बिरंगी छटा बिखेरे ,

फूलों की क्यारी भरता जाता ,

खुश्बुएँ उड़ाए ये जग में ,

दिलों को खुश ही करता जाता || 

 

इंद्रधनुषी छटा खिलाए ,

जग को रंगों से भर जाए ,

होठों पर दे कर मुस्कानें ,

दोस्तों  की महफिलें   सजवाता || 


कभी जीवन को नदिया कर दे ,

कभी झरने सा बहाव लाता ,

कभी समंदर से शांत पानी में ,

डाल कंकड़ी लहरें मचलाता || 


Wednesday, December 13, 2023

GUNGUNAATE GEET ( GEET )

                      

                          गीत 


गुलज़ार साहब ने एक गीत लिखा था ,

मेरा कुछ सामां तुम्हारे पास पड़ा है ,

बहुत सुंदर और बहुत ही प्यारा गीत ,

पूरे ही जग से निराला गीत ,

उसी गीत से प्रेरित ,मेरे भी शब्द खिले ,

और बन गया ,मेरे भावों से भरा गीत || 


बचपन के गलियारों में ,गूँजते मेरे ठहाके ,

सहेलियों को पुकारती ,मेरी खिलती पुकारें ,

उन्हीं में सुनाई देतीं ,मेरे कदमों की आहटें ,

अगर मिल जाएँ ,तो उनका पता मुझे दे दो || 


बचपन के कुछ बरसों बाद ,

गुनगुनाहटों में बीतते ,वो सुंदर से लम्हे ,

जिंदगी से भरपूर ,वो हमारे कहकहे ,

दौड़कर सिनेमा हॉल में पड़ते ,वो हमारे कदम ,

पहले दिन ,पहला शो देख कर ,

वो आँखों का चमकना ,होठों का मुस्कुराना ,

इन सबका पता यदि मिल जाए ,

तो आज भी गुनगुना उठेंगे हमारे गीत || 


Monday, December 11, 2023

DAUD CHALII NADIYAA ( JIVAN )

 

                        दौड़ चली नदिया 


हिम शिखर से उतरी नदिया,उछलती,छलछलाती ,

चली नदिया ,मैदान में दौड़ी नदिया ,

संगीत की धुन गुनगुनाती नदिया ,

दौड़ चली ,देखो दौड़ चली नदिया || 


मैदान में ,किनारों के बीच में ,

धरा उपजाऊ बनाती नदिया ,

सबके दिलों को हर्षाती नदिया ,

सबकी प्यास बुझाती नदिया ,

दौड़ चली ,देखो दौड़ चली नदिया || 


राह सभी देखते उसकी ,मानव और जीव जंतु 

जल जीवों और मानव की प्राणदायिनी नदिया ,

पेड़ - पौधों की वह है संगिनी ,

नाम अनेक दिए मानव ने उसको ,

गंगा ,यमुना ,सरस्वती ,कृष्णा ,कावेरी अनेक हैं ,

दौड़ चली ,देखो दौड़ चली नदिया || 


नहीं रास्ता पूछे किसी से,चलती जाए,चलती जाए ,

कर के पार वह लंबा रास्ता ,

जा कर सागर में समा ही जाए ,

सागर की तो वह बानी प्रियतमा ,

दौड़ - दौड़  ,सागर में मिल जाए नदिया || 


Sunday, December 10, 2023

JEET YAA SEEKH ( JIVAN )

 

                      जीत या सीख 


कुछ भी नया करने से ,मत हिचकिचाओ दोस्तों ,

नया कदम आगे ही ,आगे बढ़ाते जाओ दोस्तों ,

जीवन की डगर ,चाहे सीधी हो टेढ़ी ?

उसे हिम्मत के साथ ,पार कर जाओ दोस्तों || 


नया कदम उठाने में ,जीत मिले या ना मिले ,

हार तो नहीं मिलती ,तो जीत ना मिलने पर ,

नहीं घबराओ दोस्तों , आगे बढ़ने का ,

तरीका ही सीखते जाओ दोस्तों || 


यही सीख तुम्हें हौसला देगी  दोस्तों ,

हर मुश्किल से लड़ने का ,उसे पार करने का ,

तो हिचकिचाहटों   के दायरे को छोड़ के ,

कदम ,कदम बढ़ाओ दोस्तों ,

और रास्तों को पार कर जाओ दोस्तों || 


Thursday, December 7, 2023

CHANDRA MUKHI ( CHANDRAMA)

 

                     चंद्र मुखी 


चंद्रमा को देख - देख ,मैं बनी चंद्र मुखी ,

रोज - रोज चंद्रमा से ,बात मैं करूँ ,

रात को सो जाएँ सब ,मैं जागा करूँ ,

उसी से तो मैं ,खुश हूँ मेरी सखि || 


चंद्रमा खिड़की से बाहर ,गुहार ये लगाए ,

खिड़की पे आजा तू ,हम दोनों ही बतियाएँ ,

मैं दौड़ कर खिड़की पे ,पहुँच जाऊँ मेरी सखि || 


बातों का सिलसिला ,हमारा चलता ही जाए ,

करके ढेरों बातें ,हम दोनों मुस्कुराएँ ,

कैसे समय हमारा ,लंबा ही बीता जाए ?

भोर का तारा ,जब हमको नजर आए ,

तब चंद्रमा  भी दौड़ लगा  ,घर जाए मेरी सखि || 


Wednesday, December 6, 2023

JALAD MUKHII ( JALAD AA )

 

                          जलद मुखी 


बदरा घिरे हैं देखो ,आज तो सखि ,

मैं बन गई हूँ ,मानो  जलद मुखी ,

सूरज मुखी घूमे ,सूरज के साथ - साथ ,

मैं घूम रही हूँ ,बन के जलद मुखी || 


खिल रही है मुस्कान मेरी ,बदरा को देख - देख ,

बदरा भी तो मुस्का रहे ,मुझको देख - देख ,

प्यार और दोस्ती ,दोनों ही बढ़ रहे ,

इस प्यार ने ही तो मुझको ,बनाया जलद मुखी || 


रिमझिम फुहारें बदरा की ,मुझपे पड़ रहीं ,

बूँदों में प्यार बदरा का ,मुझ को मिल रहा ,

ऐसे में तो मुस्कान मेरी ,और बढ़ रही ,

हर कोई मुझको कह रहा ,तू है जलद मुखी || 


Monday, December 4, 2023

SAMAY ( KSHANIKA )

 

                       समय 


समय का पहिया घूमो ही जाय ,

नहीं किसी को देय दिखाय ,

मगर सभी को सारे सुख - दुःख ,

का बंधु ,वो अहसास कराय || 


पकड़ के रखना गर चाहो ,

कस के मुट्ठी  जकड़ो ,

मगर ये तो ऐसा है ,

मुट्ठी से भी फिसलता जाय || 


ये तो बंधु  फिरे दौड़ता ,

आगे - आगे ही बढ़ता जाय ,

नहीं वापसी इसकी होती ,

चाहे कितना लेयो बुलाय ?


ना ही सुखमय ,ना ही दुःखमय ,

कुछ भी तो रुक नहीं पाय ,

इसकी चिंता छोड़ दो बंधु ,

हर समय ही तो बीता जाय ,बीता जाय || 


Friday, December 1, 2023

SAAGAR MUKHI ( RATNAAKAR )

 

                             सागर मुखी 


आज मैं सागर किनारे ,खड़ी सागर को पुकारूँ ,

आजा तू पास मेरे ,बतियाएँ हम दोनों ,

बढ़ आईं उसकी लहरें ,बोलीं वो मुझसे ऐसे ,

हम आएँ  हैं सखि लेने ,आ जाओतुम अंदर || 


हाथ पकड़े वो मेरा ,ले चलीं साथ अपने ,

मैं भी खिलखिलाती ,चली कदम बढ़ाती ,

सागर भी मुस्कुराया ,मुझे देखकर ,

  जब उसने मुझको ,अपने द्वार में खड़ा पाया || 


बातें होने लगीं मेरी ,दोस्तों के साथ ,

मैं खुश थी ,वह भी खुश था ,

दोनों ही अपनी बातों में ,यूँ मगन थे ,

लहरों का ध्यान भी ,हमको नहीं था आया || 


काफी समय बीता ,बातों के सिलसिले में ,

फिर लौटने का ख्याल ही ,अचानक मुझको आया ,

मैं बन गई थी मानो ,एक लहर सागर की ,

सागर ने भी विदा करते ,मुझको गले लगाया ,

क्योंकि मैं ही तो हूँ सागरमुखी || 


Thursday, November 30, 2023

NEEND TALEY SAPAN JHARE ( JIVAN )

 

                  नींद तले सपन झरे 


आई निंदिया नयनों में ,हमको दिया सुलाय ,

धीरे - धीरे उसने हमें ,सपनों में दिया घुमाय  || 


सपनों की दुनिया तो ,बड़ी ही थी अनोखी ,

अनजाने  से शहरों में ,हमको दिया घुमाय  || 


सुंदर सी नगरी कोई ,प्यारी सी नदिया कोई ,

सभी जगहों की उसने तो ,दी हमको सैर कराय  || 


निंदिया और सपनों की दुनिया ,दोनों ही अति सुंदर ,

बिना थकावट ही उन्होंने ,सैर कराई बिना थकाय  || 


नींद तले सपन झरे ,पलकों की गलियों में आय ,

ऐसे ही तो दोस्तों अपना , जीवन बीता जाय  || 


Wednesday, November 29, 2023

MAN KI JEET ( JIVAN )

 

                         मन की जीत 


मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत ,

पुरानी कहावत है ,

मगर इसके सुनने और बोलने से ,

हिम्मत बड़ी आवत है || 


जिसने मन को  जीत लिया ,

यानि मन को काबू में कर लिया ,

वह इस जिंदगी में ,सफल हो गया || 


मगर जो मन से हार गया ,

वह सफलता से दूर हो गया ,

मन के अंदर जो विचार हैं ,

उन्हें तो नापना मुश्किल है ,

वह विचारों की दुनिया ,बहुत गहरी है ,

उसी की गहराई को ,किसी ने नहीं नाप लिया || 


Tuesday, November 28, 2023

RAKHO HIMMAT ( JIVAN )

 

                         रखो हिम्मत 


मत समझो खुद को कमजोर ,रखो हिम्मत ,

खड़े रहो अकेले ही डट के , रखो हिम्मत || 


ना ढूँढो साथ किसी दूसरे का ,रखो हिम्मत ,

कोई नहीं आता है साथ देने को ,रखो हिम्मत || 


सभी कुछ अच्छा ही होगा जीवन में ,रखो हिम्मत ,

बनो मजबूत अपने दिल से ,रखो हिम्मत || 


अंत में तुम ही तो जीतोगे ,रखो हिम्मत ,

चलो और जीत को अपना बना लो ,रखो हिम्मत  || 


Monday, November 27, 2023

BHOJAN SHABDON KAA ( KSHANIKA)

 

                           भोजन शब्दों का 


शब्द जो अक्षरों से ,मिल कर बनते हैं ,

अक्षरों का कोई ,अर्थ नहीं होता ,

मगर शब्द अर्थपूर्ण होते हैं || 


कुछ शब्दों का अर्थ ,मीठा होता है ,

कुछ शब्दों का अर्थ ,खट्टा होता है ,

कुछ शब्दों का अर्थ कड़वा होता है || 


मीठे शब्द ,सुनने वालों को ,मुस्कान देते हैं ,

खट्टे शब्द ,गोल - गप्पों के ,पानी का स्वाद देते हैं ,

मगर कड़वे शब्द ,उदासी और क्रोध को ,जन्म देते हैं || 


एक तरह से शब्द ,भोजन होते हैं ,

सभी स्वाद देते हैं ,मगर स्वाद कैसा है ? 

तो पहले शब्दों को स्वयं ,चख कर देखिए ,

यदि स्वयं को पसंद आएँ ,तभी दूसरों को परोसिए ,

अर्थात बोलिए और दूसरों को सुनाइए || 


Sunday, November 26, 2023

FAISALAA ( KSHANIKA )

 

                             फैसला 


शब्द एक है सही ,और दूजा शब्द है गलत ,

क्या सही है ,क्या गलत ? 

क्या है इस का मापदंड ? 

कौन कर पाएगा इस का फैसला ? 


मन जिसे माने सही ,या दिमाग माने सही ,

दोनों के मापदंड हैं अलग ,

दिमाग सोचे लाभ को ,मन डूबा प्यार में ,

दोनों के आधार  अलग  हैं ,

कैसे कर पाएँगे दोनों फैसला ? 


दोनों को ना तोलो ,किसी भी तराजू में ,

किस पलड़े में ,कौन सा वजन रखना है ?

दोनों पलड़ों में अलग सामान है ,

कैसे इस का होगा फैसला ? 


सबसे पहले अपने ही ,मन और मस्तिष्क में ,

चुन लो एक के फैसले को ,

कौन सही है ,कौन है गलत ? 

मुश्किल बड़ी है यह बात ,

मगर लेना तो होगा कोई फैसला ,कोई एक फैसला || 


Saturday, November 25, 2023

JHOOTHAA SAPANAA ( JIVAN )

 

                        झूठा सपना 


किसी से इज्जत ,जो चाहे तू ,

पहले उसको देना सीख ,

दुनिया भर में बिना दिए तो ,

मिलती जो ,उसका नाम है भीख || 


खर्च करो जो तुम अपना ,

तभी तो कुछ तुम पाओगे  ,

नहीं तो बंधु तुम ,खाली हाथों रह जाओगे || 


इज्जत दोगे ,मिलेगी इज्जत ,

बेइज्जत करो किसी को ,

तो तुम क्या इज्जत पाओगे ? 


शब्द जो मीठे तुम बोलोगे ,

तुम भी वैसा पाओगे ,

अपनाया जो तुमने कोई ,तुम भी अपनाए जाओगे || 


मीठे बोल बोलके तुम ,

कर लो दुनिया को अपना ,

नहीं  तो बंधु देखते रहना ,दुनिया में झूठा सपना || 


Thursday, November 23, 2023

KHOYAA SAMAY ( JIVAN )

 

                      खोया समय 


समय जो खो गया है दोस्तों ,

वो समय जो अपने ही पर्दे में ,

छिप गया है दोस्तों,पर्दा हटा कर उसे खोज लो दोस्तों || 


वापिस तो वह समय नहीं आएगा ,

जो हमारे हाथ से फिसल गया है ,

कोई भी समय को ,रोक नहीं सकता है दोस्तों || 


मगर उस समय की यादें ,

चाहे हों खट्टी ,चाहे हों मीठी ,

दिल और दिमाग में बसी हैं दोस्तों || 


जरा दिल और दिमाग में ढूँढो तो ,

वो यादें सभी मिल जाएँगी उनमें ,

वो यादें ही तो ,होठों पर मुस्कानें लाएँगी दोस्तों || 


अब सोचो जरा ,मिल गया ना ?

वो खोया हुआ समय ,

अपने ही दिल और दिमाग में ,

अब तो खुल के मुस्का दो दोस्तों || 


Tuesday, November 21, 2023

MAAKHAN KI CHORI ( GEET )

 

                            माखन की चोरी  


यशोदा तेरे कान्हा ने माखन चुरायो ,

यशोदा तेरे लल्ला ने माखन चुरायो ,

मटकी फोड़ी माखन चुरायो ,मुख पर भी लपटायो || 

 

मैं बालक हूँ छोटो -छोटो ,

छीका किस  विधि  पायो ? 

री मैया मैंने ना माखन चुरायो || 


ये सब तो मुझसे जलती हैं ,

झूठो ही नाम लगायो ,

री मैया मैंने ना माखन चुरायो || 


अपने घर में इतना है माखन ,

मैं क्यों उनका ही माखन खायो ?

ग्वाल -बाल सब ही बैरी हैं ,

बरबस मुख लपटायो ,

री मैया मैंने ना माखन चुरायो || 


Monday, November 20, 2023

JIVAN DHAN ( KSHANIKA )

 

                        जीवन धन 


हवा का झोंका आया रे ,दिया नहीं दिखाई रे ,

पकड़ो ,पकड़ो उसे दोस्तों ,जाने ना दो उसको रे || 


साँस हमें दे कर के ,दूर वह जाता रे ,

जीवन की नैया को ,वह ही पार लगाता रे || 


पकड़ के देखो हाथों से ,क्या वह हाथ में आता रे ? 

नहीं ,नहीं वह तो चंचल ,उड़ - उड़ कर चला जाता रे || 


रंग नहीं उसका कोई ,रूप नहीं उसका कोई ,

मगर सारी सृष्टि को ,जीवन धन दे जाता रे || 


Saturday, November 18, 2023

TUMHAARE LIYE ( JIVAN )

 

                               तुम्हारे लिए 


तरक्की करो ,छू लो ऊँचाइयाँ ,

सीढ़ियाँ चढ़ो ,ना उतरना नीचे 

बढ़ो आगे, आगे  ही आगे ,

ना मुड़ के देखना पीछे  ,

खुला है सारा आसमां ,तुम्हारे लिए  ||

 

मगर ना छोड़ना ,अपनी विनम्रता ,

ना छोड़ना ,अपना नम्र व्यवहार ,

यही तो है ,जीवन का मूल आधार ,

जो है रिश्तों का आधार ,

खुला है हर रिश्ता ,तुम्हारे लिए || 

 

तुम्हारे मीठे बोल ,बाँध देंगे ,

हर रिश्ते की डोर को ,तुम्हारा नम्र व्यवहार ही ,

जोड़ेगा रिश्तों की ,डोर के छोर को ,

बनेगा हर रिश्ता मजबूत ,तुम्हारे लिए || 

 

SAVAAL UNSULJHE ( JIVAN )

 

                      सवाल अनसुलझे  


हमें कुछ - कुछ मिला है , जीवन की इस बगिया में ,

कुछ फूल हैं ,कुछ काँटे हैं ,

जो उस ईश्वर ने सभी को बाँटे हैं ,

सुगंध से भरा हमारा दरीचा है ,

जिसे हमने बड़ी मेहनत से सींचा है ,

जिसमें फूलों से खिला इक गलीचा है || 


कुछ -कुछ सवाल भी हैं ,

कुछ सुलझे और कुछ अनसुलझे सवाल हैं ,

कुछ सवालों ने मुस्कानें हैं जगाईं ,

अनसुलझों  ने मलाल ,

कोई बताए ऐसा तरीका ,जिससे सुलझें सवाल || 


सवालों की गलियों में ,जो फँस गया ,

वही तो गलियों में ,भटकता चला गया ,

सवालों के बीच में ,उग आए हैं अनेक नए सवाल ,

उन सवालों की राह में ,मेरा दिल उलझता चला गया || 


सवालों के उत्तर भी ,खो गए हैं राहों में ,

कौन खोजेगा उन्हें ? दिल -दिमाग की चाहों में ,

रुक जाएगा क्या कारवां ? 

सवालों का किन्हीं राहों में   ?

क्या मिल जाएगा सुकून ? सवालों के जवाबों में || 

 

Wednesday, November 15, 2023

HAMEN SOCHNA HAI ( JIVAN )

 

                             हमें सोचना है 


जिंदगी देती है टेढ़े -मेढ़े रास्ते ,हमें चलना के लिए ,

हमें उन पर कैसे चलना है ?ये हमें सोचना है || 


उन्हीं रास्तों को,एक क्रम में लगाना ,

फिर उन पर चलना ,अपनी सुविधा के अनुसार ,

जिससे जीवन अनुकूल रहे ,ये हमें सोचना है || 


कदम हमारे ,रास्ते हमारे ,हमें किस दिशा में ले जाएँ ?

किस मंजिल तक पहुँचाएँ ? हम कितनी दूर तक जाएँ ?

ये हमें सोचना है || 


दिल में ख़ुशी लिए ,होठों पर मुस्कान लिए 

बिना माथे की शिकन ,या चेहरे पर थकान लिए ,

हम जिस मंजिल पर पहुँचेंगे ,वही हमारी मंजिल होगी ,

ये हमें सोचना है || 


Sunday, November 12, 2023

THE CAT WHO RAN OUT OF THE HOUSE ( STORY BY ALPANA )

 THE  CAT WHO  RAN OUT OF THE  HOUSE 


So  for a few days Kiah didn't go to school . When her leg was 

alright Kiah went to school.Her friends asked why did you not 

came to school? Kiah said that I had got hurt .So her friends 

laughed and said when we had got hurt ,we still came to school 

and you didn't came to school .Kiah was very ,very sad because 

her friends didn't talk  nicely to her . When she came home she 

didn't forget to play with Rosy . Then she put Rosy to sleep then 

she went to sleep .Next day she went to school .In the drawing class 

she got a star because her drawing very nice ,When she was coming 

back from school she saw an old man .The old man had got hurt ,

Kiah helped him go to his house .So then she went home .Rosy 

was sad because Kiah did not play with her .So Kiah said sorry 

to Rosy and sleep .The next day Kiah said bye to Rosy and went 

to school .Now Kiah got very good mark in art class ,then she came 

back home .She did her home work and then played with Rosy and 

then went to sleep .The next day Rosy was not feeling well so Kiah 

went to the Vet .So the vet told Kiah Rosy is okay .The next day 

Kiah went to school.The teacher was angry at one of the child ,

name Abeer . Abeer hit Tina ,she was a girl in Kiah's class .Then 

Kiah came home and she did not find Rosy again . She got scared 

that where did Rosy go ? She looked here and there but she did not

 find her . Then she saw Rosy was at her friend's house . Then they 

went home and Kiah put Rosy to sleep and went to sleep .

                PLEASE  GIVE YOUR COMMENTS THANKS .

                        THE  END 

Wednesday, November 8, 2023

THE CAT WHO RAN OUT OF THE HOUSE ( STORY BY ALPANA )

 THE  CAT  WHO  RAN  OUT   OF  THE   HOUSE  


This  story  is written  by  my grand daughter  ALPANA  ARORA ,

7 yrs old ,give her your likes ,thanks .


Once  upon  a time  ,there lived  a  girl ,her name was  Kiah  and she  

has a cat named  Rosy  . Her cat loved to play  with  Kiah  . Kiah also 

loved to play with Rosy .Once when Kiah came from her friend 's 

house Kiah was very sad . Rosy was thinking about that what had 

happened ? Then Kiah said to herself that my best friend is not my

 friend anymore now,who will be my friend .Because of her friend 

Kiah forgot to play with Rosy . Rosy was very ,very sad ,so the next 

day ,when Kiah went to school ,as Kiah would always forget to close 

the door Rosy always closed it .But this time she ran out of the house 

because Kiah didn't play with her yesterday ,so when Kiah came back 

from school, she didn't see Rosy ,so she got out of the house and 

started looking for her and then she didn't find her . she was going back

to her house because she didn't find her .Rosy went  back  to the house 

when Kiah saw Rosy she was so happy and then she would not forget 

to play with her .The next day Kiah went to school because of the thing 

what happened yesterday she remembered to close the door and when 

she came back from school she was happy .So she remembered to play 

with Rosy . Then they had dinner and then Kiah put Rosy to sleep and 

then Kiah went to sleep in her bed .The next day Kiah went to school 

but she forgot to take her water bottle .So she ran to her house will raining ,

she fell down ,so she got hurt .She got hurt on her leg ,so she walked 

slowly to her house .When she reached Rosy opened the door ,Kiah 

said I have got hurt so she put a band aid  .


to be continued ----   

Monday, November 6, 2023

KHAJAANE ( JIVAN )

                         

                           खजाने 


मैं ढूँढू जग में ,खुशियों के खजाने ,

दोस्तों में ढूँढती ,बहुत सी मुस्कानें ,

जो गलतियाँ हुईं मुझसे ,दूँ उनके सभी हर्जाने ,

मैं ढूँढू जग में ,खुशियों के खजाने || 


दुनिया है सुंदर ,रचेता का सुंदर उपहार ,

रंगों से भरी ,खुशियों से भरी ,

जीवन भी तो ,रंगों भरा है त्योहार ,

उसी त्योहार के लिए ,ढूँढू मैं अलबेले से तराने || 


जीवन का गणित भी ,तो अद्भुत है ,

उसमें छिपा हर बात ,का रहस्य है ,

कहाँ उन रहस्यों का ,हल मैं ढूँढू ? 

मिल जाएँ मुझको दोस्तों ,वो रहस्य भरे आशियाने || 


MERAA CHANDAA ( CHANDRAMA )

 

                       मेरा चंदा  


पूरा गगन है खाली - खाली ,कहाँ गया मेरा चंदा ? 

नहीं चाँदनी फैली है , सारा  जग  सोया - सोया ,

ढूँढो कोई तो मेरा चंदा ,जो छिड़काए  चाँदनी ,

अँधियारे जग में छा जाए ,चाँदी जैसी चाँदनी || 



गोल - गोल जो चंदा आए ,सारे जग को वो चमकाए ,

दूर करे अँधियारी रातें ,चम - चम सा चमका जाए ,

मानव मन भी प्रसन्नता के ,सागर में गोते खाए ,

देख चाँदनी की उज्ज्वलता ,मुस्कानों के फूल खिलाए ,

ढूँढ के लाओ मेरा चंदा , ढूँढ के लाओ मेरा चंदा || 


Thursday, November 2, 2023

GAGANAA RE ( JALAD AA )

 

                               गगना रे 


गगना रे ,गगना रे ,बहुत ही बड़ा तेरा अँगना रे ,

घूँमें तेरे अँगना में ,छोटे - बड़े बदरा रे ,

उनके साथ - साथ खेले ,शीतल सी पवना रे || 


बदरा जब गरजें ,दहलाएँ दिल सबका ,

दामिनी जब चमके ,नयनों में चमक लाए ,

साथ ही सबके नयनों में ,चमक जाए सपना रे || 


रिमझिम - रिमझिम सी ,बरखा जब बरसे ,

मुस्काए बदरा तब ,दामिनी नृत्य दिखाए ,

बदरा तब झूम - झूम डोलें ,तेरे अँगना रे || 


Wednesday, November 1, 2023

SEEMA REKHA ( JIVAN )

 

                           सीमा रेखा  


मन में दर्द दबा के बंधु ,ना कभी रखना ,

बाहर निकाल कर ,फेंक दो दिल से ,

किसी दोस्त को ,बता दो दिल का हाल ,

तभी सुकून पाओगे ,जीवन सुख से बिताओगे || 


दर्द के भी ,कुछ फायदे हैं बंधु ,

दर्द से ही अहसास होता है ,जीवित होने का ,

उससे भी बढ़कर है ,दूसरों के ,

दर्द का अहसास ,जो कहता ,तुम इंसान हो || 


दर्द जब ख़त्म हो जाए तो बंधु ,

जो मिलता है सुख ,

वह तो वर्णन से बाहर है ,

मेरी लेखनी  सीमा रेखा से परे है ||  

 

ये सारे शब्द ,जो मन में दबे पड़े थे ,

वो आज हमने ,निकाल बाहर किए ,

बाद में फिर लिखेंगे ,

आज सीमा रेखा में  ही रहेंगे बंधु || 


Tuesday, October 31, 2023

BHOLA HAI VAH ( RATNAAKAR )

 

                       भोला है वह 


मेरा समंदर कहाँ गया ओ -सखि ?

तेरे शहर जा पहुँचा है क्या ?

बहुत ही शांत है ,अकेला है वह ,

ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह ||


रत्नों का भंडार है ,उसमें छिपा ,

लूट ना ले ,कोई भोला जान के ,

कैसे बचाएगा वह अपनी दौलत ?

ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह || 


साथ में साथी नहीं , उसके  कोई ,

साथ में रक्षक नहीं ,उसके कोई ,

कैसे बच पाएगा वो ,जिंदगी के तूफ़ान में ?

ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह || 


आती नहीं हैं उसको ,तो चालाकियाँ ,

कर नहीं सकता है ,वो अपनी मनमर्जियाँ ,

कैसे बुला पाएगा वो ,अपना कोई रहनुमा ? 

ढूँढना जरा उसे , बहुत ही भोला है वह  || 


Monday, October 30, 2023

KARM ( JIVAN )

 

                            कर्म


धर्म दिखाए रास्ता ,कर्म चलाए रास्ता ,

कर्म जो सुंदर होयं तो ,भाग्य सजाए रास्ता || 


सज जाए जब रास्ता ,पार करना आसान होय ,

जीवन की मंजिल मिले ,कठिनाई ना होय || 


सुंदर कर्म के बीज जो ,डालो मन के खेत ,

सुंदर फसल मिलेगी तब ,नहीं तो उड़ेगी रेत || 


दूजों के कर्मों की बंधु ,नकल करो ना कोय ,

अपने मन में तोल के ,तभी करो तुम सोय || 

(  जो ठीक लगे वह कर्म )

Sunday, October 29, 2023

BANSEE ( GEET )

  

                   बंसी 


कान्हा तेरी बंसी की ,मीठी सी तान रे ,

राधा ,राधा ,राधा ,पुकारे ये नाम रे | 


चारों दिशाओं को गुंजाया इसने ,

सबके दिलों को धड़काया इसने ,

लाई ये सबके होठों पर ,मीठी सी मुस्कान रे | 


सारी की सारी गोपियाँ ,दीवानी इसकी ,

गोपियाँ ही क्या सारी दुनिया ? दीवानी इसकी ,

तभी तो सभी इस बंसी पर ,छिड़कते हैं जान रे | 


आजा कान्हा ,बंसी बजा के ,मीठी सी तान सुना दे रे ,

हमें भी दीवाना बना दे ,मीठी सी तान सुना दे रे ,

हम भी तो छिड़का दें ,बंसी पे अपनी जान रे  || 


Friday, October 27, 2023

DHARAA BADAL GAI ( JIVAN )

 

                  धरा बदल गई 


धरा बनी जब अपनी दोस्तों ,क्या हम थे तब ? 

धरा का रूप बना था कैसा ? 

क्या तुम जानो ? क्या हम जानें ? 


आग का गोला थी ,तब धरा हमारी ,

बादल बने ,बरखा हुई ,

धीरे - धीरे धरा ठंडी हुई ,

तब ठोस चट्टानों का रूप लिया ,

उन चट्टानों के बीच - बीच में ,पानी इकठ्ठा हुआ || 


उन बड़ी चट्टानों के टुकड़े बने महाद्वीप ,

बीच में जमा पानी के स्रोतबने महासागर ,

धीरे - धीरे उपजा जीवन ,महासागर मुस्काए ,

कुछ देर बाद यही जीवन ,पहुँचा महाद्वीप में || 


समय बीतता चला ,धीरे - धीरे कदम बढ़े ,

रूप बदलता गया ,मानव ने तब जन्म लिया ,

मानव की सोच चली ,और फिर दौड़ी ,

सारी धरती बदल गई ,उसने आज का रूप लिया ,

आज क्या मानव ,लाखों साल पहले की ,

धरा के रूप को ,सोच में ला सकता है ? 


Tuesday, October 24, 2023

SEEDHIYAN ( JIVAN )

 

                        सीढ़ियाँ 


सीढ़ियों पर चढ़ते जाओ ,और अपनी मंजिल पाओ ,

एक -एक सीढ़ी चढ़ोगे ,तो आसमान छूने के लिए बढ़ोगे ,

सीढ़ियाँ हमेशा ऊँचाइयों तक पहुँचाती हैं ,

करो कोशिश ऊँचाइयों तक पहुँचने  की ,

आसमान छूने की | 

 

आज मानव सीढ़ी  की जगह ,लिफ्ट का प्रयोग करता है ,

मगर लिफ्ट  तो सिर्फ भाग्य है ,जिसका भाग्य साथ देगा ,

लिफ्ट कुछ पलों में ,ऊँचाइयों पर पहुँचा देगी ,

मगर दोस्तों लिफ्ट बंद हुई तो ,तो क्या होगा ? 


धड़ाम से नीचे गिर जाओगे ,

मेहनत की सीढ़ियाँ चढ़ते जाओगे ,

तो सीढ़ियाँ ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगी ही ,

नीचे नहीं गिराएँगी ,नीचे नहीं लुढ़काएँगी || 


Monday, October 23, 2023

RAADHAA KAA JAVAAB ( GEET )

 

                            राधा का जवाब 


मैंने ना बंसरी चुराई ,रे कान्हा ,

चोरनी नहीं मैं कन्हाई , कन्हाई रे || 


तुम तो हो कान्हा ,उसके दीवाने ,

गाते हो उसमें मधुरम तराने ,

चहुँ दिस परत सुनाई ,सुनाई रे |

मैंने ना बंसरी चुराई || 


माना उसकी तान है मीठी ,

कभी तो राखो उसको दीठी ,

क्यों हर पल उसको बजाई ,बजाई रे ? 

मैंने ना बंसरी चुराई || 


सारे जग के तुम हो प्यारे ,

राधे - कृष्णा कह के पुकारें ,

मैं भी तो जग मन भाई ,भाई |

मैंने ना बंसरी चुराई || 


Thursday, October 19, 2023

SARAL ( KSHANIKA )

            

                             सरल 


बिल्कुल सीधा - सादा सा ,एक शब्द है सरल ,

बहते पानी सा ,मीठी बानी सा ,एक शब्द है तरल ,

जो बहता रहता है ,जो हर जगह सजता रहता है || 


दिन में चमकते सूरज जैसा ,रात में चम -चम चंदा जैसा ,

अँधियारे को दूर करे ,सारे जग को रोशन करे ,

जो बहता रहता है ,जो हर जगह सजता रहता है || 


पवन के समान ,जो उड़ता रहता हर ओर ,

पवन के समान ,जो जीवन देता रहता सबको ,

साँसों में बसता है ,जीवन दान देता है || 


ऐसा शब्द सरल है ,मगर क्या हम सरल हैं ? 

सबसे कठिन है ,सरल होना ,

सरलता अपनानी ही ,सबसे कठिन है || 


Tuesday, October 17, 2023

MUSKURAO ( JIVAN )

 

                        मुस्कुराओ 


  मुस्कुराओ दोस्तों !,

होठों पे भीनी सी मुस्कान लाओ ,

जिंदगी में सबक ,

इम्तिहान सभी कुछ मिलेगा ,

सभी कुछ पार करते जाओ ,

अपनी मंजिल तक पहुँच जाओ ,मगर मुस्कुराओ || 


हर सबक से कुछ नया सीखते जाओ ,

हर इम्तिहान से एक -एक सीढ़ी चढ़ते जाओ ,

रास्ते चाहे ऊबड़ - खाबड़ हों ,

हिम्मत से बढ़ते जाओ ,मगर मुस्कुराओ || 


जिंदगी कठिनाइयाँ पैदा करेगी ,

उनको हिम्मत से पार कर जाओ ,

जिंदगी में रुकावटें आएँगी ,

मगर तुम ना घबराओ ,

वादा करो जिंदगी और खुद से ,

कि तुम जिंदगी से कभी नहीं हारोगे ,

और फिर तुम मुस्कुराओ ,मुस्कुराओ || 


Monday, October 16, 2023

SATKARM ( JIVAN )

 

                            सत्कर्म 


जग में आए खाली हाथ ,हाथ पसारे जाएँगे ,

ना कुछ लेकर आए थे ,ना कुछ लेकर जाएँगे || 


उसने दिया भाग्य में  लिख कर ,

वही पा लिया हमने जग में ,

जीवन की बगिया में सुंदर ,कर्म के फूल खिलाए हमने || 


सत्कर्मों से जीवन महका ,

मुस्कानें फैली चारों ओर ,

कुछ खुश्बुओं के ,कुछ मुस्कानों के ,

रंग बिखर गए चारों ओर || 


जब सब यूँ मुस्काए तो ,

भाग्य - विधाता भी मुस्काया ,

उसने ही सबके लिए ,प्यार और आशीर्वाद बरसाया || 


Sunday, October 15, 2023

ADHJAL GAGARI ( KSHANIKA )

 

                          अधजल गगरी 


कहावत तो सुनी होगी ,"अधजल गगरी छलकत जाए ",

थोड़े ज्ञान को रखने वाला इंसान ही ,

अपना बखान करता है ,

ज्ञानी इंसान कभी दिखावा नहीं करता | 


समंदर बड़ा होकर भी ,अपनी सीमा पार नहीं करता ,

अपनी सीमा के अंदर ही रहता ,

लहरें भी कुछ दूर तक आती हैं ,

मगर फिर वापस समंदर में समा जाती हैं | 


इंसान छोटा है फिर भी ,

बड़ा होने का दिखावा करता है ,

अपनी सीमा को लाँघने का ,

निरंतर प्रयास करता है |  


तो बंधु ज्ञान बढ़ाओ ,खूब बढ़ाओ ,

मगर उसका प्रदर्शन मत करो ,

ज्ञान का इस्तेमाल ,सही जगह करो | 


Tuesday, October 10, 2023

SOCH HAMAARI ( SAMAJIK )

 

                       सोच  हमारी 


जीवन जब दिया उसने ,सब कुछ जग में दिया उसने ,

दिल में प्यार दिया उसने ,हर रिश्ता भी दिया उसने ,

हमने कैसे निभाया सबको ? ये सोच हमारी है | 


राहें सुंदर - सी दीं उसने ,कदम दिए आगे बढ़ने को ,

मंजिलें बनाईं सब उसने ,मेहनत तो हमने करनी थी ,

कोशिशें कीं क्या हमने ? ये सोच हमारी है | 


झोली भर दी  हमारी उसने ,इतने संसाधन हमें दिए ,

हमने उनको ख़त्म किया ,नहीं किया सदुपयोग उनका ,

ये क्या हाल किया उनका ? ये सोच हमारी है | 


रंगों की छवि और छटा ,उसने बिखराई चहुँ ओर ,

सुंदर जग था हमारा ये ,फूल खिले थे अँगना में ,

हमने उनको क्यों मुरझाया ? ये सोच हमारी है |

Monday, October 9, 2023

UDAAN HAUSLON KII ( JIVAN )

 

                     उड़ान हौसलों की 


हर पतंग उड़ती है ,डोर से बंध के ,

तुम उड़ो ,हौसलों की डोर से बंध के ,

इस डोर को लंबा कर लो दोस्तों ,

ताकि आसमान छू सको || 


अपने सपनों का आसमान ,

बहुत बड़ा और ऊँचा कर लो ,

डोर को मजबूती से सपनों से ,

बाँध लो ,और उड़ जाओ ऊँचे ,बहुत ऊँचे || 


जितने मजबूत हौसले होंगे ,उतनी ही ऊँची उड़ान ,

ऐसा होगा दोस्तों तभी तो , सजेगा सपनों का जहान ,

और तभी तो बाँहों में होगा ,

सपनों का खुला और ऊँचा आसमान || 


Sunday, October 8, 2023

MAHAABHARAT HAR YUG KII ( JIVAN )

 

                      महाभारत हर युग की  


एक महाभारत थी कौरव ,पांडव और कृष्ण की ,

आज के युग में है , एक नई महाभारत ,

उसमें भीष्म ,धृतराष्ट्र और पांडु तो हैं ,

मगर विदुर नहीं है ,कृष्ण नहीं हैं  || 


भीष्म के कंधों पर ,अतीव जिम्मेदारियाँ हैं ,

कोई सुख नहीं ,जीवन भर बोझ ढोना है ,

आज उनके साथ उनकी सहचरी है ,

जो साथ में भार ढोती है || 


धृतराष्ट्र आराम से बैठकर ,सुख भोगता है ,

साथ में उनका परिवार भी ,राजसी सुख भोगता है ,

कर्म चाहे उनके कैसे हों ? मगर सुख सारे हों || 


पांडु भी सुखों का भागी बनता है ,

कोई जिम्मेदारी नहीं ,उसके परिवार के हिस्से ,

कुछ दुःख ,कुछ सुख आते हैं ,

उनके साथ कृष्ण जो हैं || 


उस युग में भीष्म को ,तीरों की शैय्या मिली थी ,

आज के भीष्म को ,तानों के तीरों की शैय्या मिलती है ,

कुछ तो जीवन संवर जाए उनका भी ,

काश भीष्म को कोई कृष्ण ,

और कोई विदुर मिल जाएँ ,काश ऐसा हो जाए || 


Saturday, October 7, 2023

STREE (JIVAN )

  

                            स्त्री 


मैं एक स्त्री हूँ ,हाँ ,जी हाँ ! मैं एक स्त्री हूँ | 


बेटी बन के जन्मी मैं ,माता - पिता की बेटी जन्मी ,

मैं बेटी थी ,माता -पिता का भी तो जन्म हुआ ,

मेरे जन्म से पहले ,वो कहाँ थे माता -पिता ? 


दादी -दादा की पोती हूँ ,उनका भी तो रिश्ता जन्मा ,

बुआ - चाचा की बनी भतीजी ,नए रिश्ते में वो भी बँधे | 


नानी -नाना की नातिन हूँ ,जुड़ा है नया रिश्ता ,

मौसी -मामा की बनी भाँजी ,वो भी बँधे नए रिश्ते में | 


ये सब जन्म के रिश्ते हैं ,बाकि सब हैं बाद के ,

आज तो मैं किसी की पत्नी ,किसी की बहू ,

बहन और भाभी ,माँ हूँ ,सासू माँ हूँ ,नानी हूँ ,

हैं ना दोस्तों ,सुंदरतम रिश्ते ,

इन सबसे अलग आप सबकी दोस्त हूँ ,

मगर एक स्त्री हूँ मैं ,स्त्री ,स्त्री ,स्त्री | 


GARJAN ( JALAD AA )

 

                          जलद आ 


आया बदरा झूम के ,गर्जन के साथ ,

 साथ ले दामिनी को ,तर्जन के साथ ,

दोनों ही खिलखिलाएँ ,बच्चों को वो डराएँ ,

धीरे बदरा धीरे ,धीरे करो गर्जन | 


रिमझिम सी बरखा आई ,बच्चों का डर है भागा ,

खेलें वो बरखा में ,मौसम है भीगा - भागा ,

बच्चों के खेल देखे ,तो दोनों मुस्कुराए ,

दोनों की ही धीरे - धीरे ,कम हो गई गर्जन | 


बच्चों ने बनाई कश्ती ,कागज की ,और तैराई ,

जिधर को कश्ती तैरी ,उधर ही दौड़ लगाई ,

दोनों की आवाज में ,बच्चों ने आवाज मिलाई ,

बच्चों के मुकाबले ,कम थी दोनों की गर्जन | 


Thursday, October 5, 2023

THAHAKON SE (JIVAN )

 

                                 ठहाकों से 


अपना दिल तो अपना है ,खुश तुम उसे बनाओ ,

मुस्कानों की नदिया में ,डुबकी खूब लगाओ | 


जिम्मेदारी है तुम्हारी ,दिल को खुश कर जाओ ,

नहीं तो बंधु जीवन में ,उदासी ही तुम पाओ | 


खुश हो जाए दिल जब ,मुस्कानें उग जाएँ ,

तभी तो बंधु जग में तुम ,मुस्कानें फैलाओ | 


बात शुरू हो कैसी भी ? मुस्कानों में ढल जाए ,

खत्म ठहाकों से करो ,तभी तो ख़ुशी बढ़ जाए | 

 

Wednesday, October 4, 2023

NAMKEEN JAL ( RATNAAKAR )

 

                               नमकीन  जल  


गिरी शिखरों पर हिम बरसा ,खूब घना ,

शिखरों पर हिम की पर्त चढ़ी ,खूब घनी ,

शीशे से शिखर चमक उठे ,

रवि - किरणों ने उन्हें चमकाया ,

साथ ही गर्मी से पिघलाया ,

एक धार बनी ,उतर चली ,शिखर से नीचे को | 


आस -पास के शिखरों से भी ,जल धार उतर चलीं ,

उतरते हुए मिलीं धाराएँ ,बनी बड़ी जलधार ,

नाम मिला नदिया ,नदिया का वेग बढ़ चला ,

उछलती ,कूदती पहुँची ,नीचे मैदानी क्षेत्र में | 


अपने किनारों पर ,हरियाली फैलाती ,

भूमि उपजाऊ बनाती ,मधुर संगीत सुनाती ,

जल - जीवों को आश्रय देती ,नदिया दौड़ चली | 


मानव ने नदिया के जल का ,उपयोग खूब किया ,

उसे माता कहकर ,पूजा ,अर्चना की ,

दौड़ते -दौड़ते नदिया ,सागर तक पहुँच गई ,

और झट से सागर में समा गया | 

 

सागर से मिल ,नदिया का मीठा जल भी ,

नमकीन हो गया ,नमकीन हो गया ,

हाय रे ,पीने लायक नहीं रह गया ,

सागर वो मीठापन तूने क्या किया ? 

तूने किसको दिया वो मीठापन ? 


Tuesday, October 3, 2023

JEE LEN JARAA ( JIVAN )

 

                              जी लें जरा 


आओ दोस्तों ! इस जिंदगी में ,जी लें जरा ,

मुस्कानों के मोती ,अपने होठों में पिरो लें जरा | 


दोस्ती का रिश्ता ,दुनिया में सबसे प्यारा ,

इसी रिश्ते को मजबूत ,धागे में पिरो लें जरा | 


जग की भूल - भुलैयाँ में ,रिश्ते रह गए हैं बिखर के ,

जो रिश्ते सिमट सकें ,उन्हीं को दिल में समों लें जरा | 


प्यार से बंध जाएँगे जो रिश्ते ,ऐसे प्यारे रिश्तों को ,

बाँध कर फिर से ,रिश्तों को मजबूत कर लें जरा | 


जिंदगी रंग बदल देती है ,हर पल में ,

उन्हीं रंगों की सुंदरता से ,जिंदगी को रंग लें जरा | 


Monday, October 2, 2023

THANDII DHOOP ( CHANDRAMA )

 

                                ठंडी  धूप 


चाँद ने लिया है पूरा रूप ,चम -चम चमके उसका रूप ,

चाँदनी फैली है चहुँ ओर ,मानो चाँद की फैली ठंडी धूप | 


रात का अँधियारा भागा ,देख चाँदनी की ठंडी धूप ,

रात भी चमक गई है दोस्त ,मानो उसने भी बदला रूप | 


चाँद मुस्काया देख -देख ,धरा का उजला -उजला रूप ,

धरा भी शर्माई सी देख ,चाँद की मुस्कानों की धूप | 


काश हर रात चाँद चमके ,ऐसे -ऐसे और ऐसे ही ,

अँधियारा दूर भाग जाए ,ख़त्म हो अंधकार का कूप | 


बदले रात का काला रंग ,धरा भी नहाए चाँदनी में ,

चाँद भी नभ में मुस्काए ,चाँदनी जग में मुस्काए ,

बन के ठंडी धूप ,बन के ठंडी धूप | 


DO KOHINOOR ( DESH )

 

                            दो कोहिनूर 


1)  बापू --- 

तन पे लंगोटी ,हाथ में लाठी ,

साथ में जज़्बा देश - भक्ति का ,

जीवन अर्पण जब किया था उसने,

नहीं था जोर उसमें शक्ति का | 


बसी अहिंसा जेहन में थी ,भाई - चारा दिल में बसा था ,

ऐसे ही उसने देश में ,एकता का सूत्र कमर में कसा था | 


2 ) लाल बहादुर --- 

कद में छोटे ,भाव में बड़े ,एक ही आवाज में ,

सभी को एक सूत्र में पिरोने वाले ,एक ही राह में | 


देश के अन्नदाता (  किसान ) ,और देश के रक्षक ( जवान ),

सभी पिरोए एक सूत्र में ,ख़त्म किए देश के भक्षक ( दुश्मन ),

ऐसे थे हमारे देश के "दो कोहिनूर ",

शत -शत  नमन ,नमन और नमन | 


Sunday, October 1, 2023

MAHFIL ANOKHI ( JIVAN )

 

                        महफ़िल अनोखी  


रत्नाकर का आया फोन ,आओ सखि मेरे अँगना ,

कॉन्फ्रेंस कॉल थी वो ,जुड़े जलद और चंद्रमा ,

चारों हम थे मिलने को | 


मैं पहुँची रत्नाकर अँगना ,किया स्वागत उसने मुस्काकर ,

तभी नीचे आया चंद्रमा ,फैली चाँदनी चारों ओर ,

जलद भी आया मुस्काता ,थामे हाथ दामिनी और पवन का ,

खुश थे हम सब मिल करके | 


अब तो महफ़िल जमी हमारी ,

रत्नाकर की लहरें मचलीं ,दामिनी,चाँदनी चम -चम चमकीं ,

पवन उड़ती रही चहुँ ओर ,मुस्कानों की सुंदर डोर ,

बातों का बढ़ चला सिलसिला ,उठा ठहाकों का भी शोर ,

खुश थे हम सब मिल करके | 


साथ में चाय की चुस्कियाँ ,होठों पर थीं सबके मुस्कियाँ ,

स्नेस्क भी थे खूब चटपटे ,खाए गए चटखारे ले के ,

काश ये महफ़िल खूब चले ,प्यार सभी का फूले - फले ,

सबने मज़ा लिया भरपूर ,मज़ा लिया भरपूर | 


Saturday, September 30, 2023

ANMOL MOTI ( JIVAN )

 

                             अनमोल मोती 


दूसरों के साथ इतने कड़वे ना बनो ,

कि कोई मुड़ के ना देखे ,इतने मीठे भी मत बनो ,

कि सब तुम्हें निगल जाएँ | 


मदद करो किसी की इतनी कि ,

जितनी तुम्हारी औकात हो ,औकात से ज्यादा करी तो ,

मदद तुम्हें भी माँगनी पड़ेगी | 

 

किसी पर इतना विश्वास मत करो ,

कि वह तुम्हें लूट ले ,इतना शक भी मत करो ,

कि रिश्ता ही टूट जाए | 

 

फासले इतने ना बढ़ाओ ,

कि लौट कर आ ना सको ,फासले इतने भी कम करो ,

कि जाते हुए दिल टूट जाए | 

 

Thursday, September 28, 2023

DIL KHOL KE ( JIVAN )

 

                  दिल खोल के 


खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं ,

मुस्कानें ठहाकों को जन्म देती हैं ,

दिल खोल के बाँटो खुशियाँ ,जोर से लगाओ ठहाके ,

तभी तो प्रकृति भी खिलखिलाएगी | 


दूजों को खुश रखोगे तुम ,

तो रह पाओगे खुश तुम ,

साथ में खुद भी खुश रहो दोस्तों ,

यदि तुम खुश नहीं तो क्या ? 

दूजों को  खुश रख पाओगे तुम ? 

 

खुश रहने का क्या अर्थ है दोस्तों ? 

कि ग़म और परेशानियाँ सब दूर हो गए ,

खुश रहने का अर्थ है दोस्तों ,कि हर हाल में ,

उन हालात से ऊपर उठ गए हो तुम ,

और खुश खुश रहना सीख लिया है | 

 

Monday, September 25, 2023

SAMJHAUTAA ( JIVAN )

 

                            समझौता 


जीवन है समझौतों का जंगल ,बिन समझौते जंगल सूना ,

पेड़ों और पौधों का समझौता ,

छोटे - बड़े जानवरों का समझौता | 


इसी तरह इंसानों के जीवन में ,जन्म के बाद ही ,

दुनिया के हवा - पानी से समझौता ,

पर्यावरण की शुद्धता और प्रदूषण से समझौता | 


सीखने ,खेलने ,पढ़ने सभी , 

क्रियाकलापों से समझौता ,

सुख - दुःख और सभी ,रिश्तों में भी बसता समझौता | 


जिसने भी समझौता अपनाया ,उसने ही सुख पाया ,

  नहीं तो दोस्तों उसने जग में ,

खुद को अकेला पाया ,खुद को अकेला पाया | 


KOSHISH ( JIVAN )

 

                                 कोशिश 


आने वाली मुसीबतें ही ,हमें नया सबक पढ़ाती हैं ,

उसी में हम वह सीखते हैं ,

जो जिंदगी नहीं सिखाती है | 

 

उन मुसीबतों से निकलने की ,

कोशिश सफलता नहीं देती  ,

मगर उन से निकलने की सफलता ,

  के पीछे हमारी कोशिश ही होती है | 


सीधे रास्ते से चलती जिंदगी ,कुछ नहीं सिखा पाती ,

टेढ़े - मेढ़े रास्ते पार करने पर ही ,

जिंदगी नया सबक सिखा जाती है |

 

इसलिए दोस्तों ,हर हाल में ,कोशिश करना जरूरी है ,

 क्योंकि कोशिश करने वालों की ,

कभी हार नहीं होती ,कभी हार नहीं होती | 


Sunday, September 24, 2023

KARZ ( JIVAN )

 

                            कर्ज 


जिम्मेदारियाँ  जिंदगी को मजबूत बनाती हैं ,

हर हाल में हमेंजीना सिखाती हैं ,

किस बात पे हमें चुप रहना है दोस्तों ?

किस बात पे हमें है बोलना बताती हैं ?


कैसे ,कैसे हम सब निभाएँगे दोस्तों ? 

कैसे करेंगे पूर्ण ,ये सब वही बताती हैं ? 

फिर भी मिलेंगी ,दुनिया वालों की सलाहें ,

उनको भी सहना ,तो वही बताती हैं | 


कल भी हम खड़े थे ,उन्हीं के साथ दोस्तों ,

आज भी हमारा - उनका ,साथ है दोस्तों ,

आगे क्या होगा ,कोई जानता नहीं ? 

जिम्मेदारियों का हम पे ,कितना है कर्ज दोस्तों ? 


Saturday, September 23, 2023

MAI N HOON NAA (JIVAN )

 

                     मैं हूँ ना 


सलाह तो एक ने नहीं ,बहुतों ने दी ,

मगर गलती को दूर करने का ,तरीका नहीं समझाया ,

कोई तो हाथ थामकर कहता,

चिंता ना कर ,मैं हूँ ना || 

 

जिंदगी के सभी रास्ते पार कर , मंजिल  मिलेगी ,

जरूर मिलेगी ,रास्ते पार होंगे ,जरूर होंगे ,

चिंता ना कर ,मैं हूँ ना || 


ऐसाकुछ मत सोचो दोस्तों ,जब अकेले पड़ जाओ ,

तो स्वयं को मजबूत बनाओ ,

दृढ़ करो अपना निश्चय ,राहें खुल जाएँगी ,

मंजिलें मिल जाएँगी ,फिर आप भी दूसरों को ,

कह सकते हो ,चिंता ना कर ,मैं हूँ न  || 


Wednesday, September 20, 2023

VAQT ( JIVAN )

 

                                 वक़्त 


कितनी भी किताबें पढ़ लो ? 

कितने भी सबक़ सीखो ? 

ज्ञान तो वक़्त ,हालात और जीवन ही देते हैं | 


तुम परीक्षा देना चाहो ,या ना चाहो ,

जिंदगी के हालात ,परीक्षा ले ही लेते हैं | 


सभी हालातों ,सभी परीक्षाओं को ,

धैर्य पूर्वक पास करने वाले ही ,

जिंदगी को खुशनुमा और रंगीन कर ही लेते हैं | 


Monday, September 18, 2023

JIVAN KE LIE ( JIVAN )

 

                       जीवन के लिए 


जिंदगी है आती - जाती श्वासों का मेला ,

समझो ना इसे कोई झमेला | 


जिंदगी है एक धर्म ,

किए जाओ तुम अच्छे कर्म | 


जिंदगी है एक पूरी आस ,

सदा बनाए रखो सभी पे विश्वास | 


जिंदगी है देन उस परम शक्ति की ,

संभाल कर रखो ,और नमन करो ,

उसे इस देन के लिए | 


उसकी बनाई इस दुनिया के लिए ,

उसकी दी श्वासों के लिए ,

उसके दिए इस जीवन के लिए | 


Sunday, September 17, 2023

PYAAR KE RANG ( JIVAN )

 

                  प्यार के रंग 


रंग हरेक भाव के ,होते हैं दोस्तों  ,

 शांति का रंग सफ़ेद है ,क्रोध का है लाल ,

प्यार का रंग है ,मीठा गुलाबी ,

इस प्यार को समेटे रखना दोस्तों | 

 

प्यार हम करें अपने देश ,अपनी धरती माँ को ,

प्यार हम करें प्रकृति से ,अपने पर्यावरण से ,

ये प्यार ही तो है ,जो जोड़े रखता है ,

हमें इस दुनिया से | 

 

प्यार में गर ये ,दुनिया डूब जाए तो ,

मानव ,मानव से जुड़ जाए तो ,

होठों की मुस्कानें खिल जाएँगी ,

ढलता सूरज भी उदित हो जाएगा | 

 


UTTEERN ( JIVAN )

 

                               उत्तीर्ण 


जीवन की परीक्षा में ,सत्कर्म की स्याही से ,

लिख दो सारे उत्तर ,अच्छे नंबर पाओगे ,

उत्तीर्ण जरूर हो जाओगे | 


हरी स्याही का करके प्रयोग ,हरियाली फैलाओ ,

प्रकृति मुस्कुराएगी ,खुशहाली आएगी ,

उत्तीर्ण जरूर हो जाओगे |


नीली स्याही का करके प्रयोग ,जल को स्वच्छ बनाओ ,

करके बचत जल का ,सदुपयोग कर जाओ ,

उत्तीर्ण जरूर हो जाओगे | 


चमकदार करके ,दिन और रात ,

धरा को तुम प्रदूषण से बचाकर ,

सब ओर प्यार की धारा बहाकर ,

जब मुस्कानें फैलाओगे ,

उत्तीर्ण जरूर हो जाओगे | 


Thursday, September 14, 2023

KAALPNIK YUDDH ( KSHANIKA )

 

                                 काल्पनिक युद्ध 


धरती पर विभिन्न देशों के बीच ,

कहीं युद्ध होता है ,कहीं मेल होता है ,

अपने - अपने फायदे के लिए ,कभी युद्ध में जुट जाते हैं ,

कभी हाथ मिला कर ,दोस्त बन जाते हैं | 


ये तो देशों की वास्तविक स्थिति है ,हमारे अंदर भी ,

युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है ,

कैसे  ? किसके बीच  ? और क्यों  ? 


हमारे  दिल और दिमाग में ,युद्ध शुरु हो जाता है ,

दिमाग की सोच अलग ,पूरी तरह तर्कों से भरी ,

उथल - पुथल दिमाग में चलती रहती ,

दिल  की सोच भरी होती भावों से ,सारे ही कोमल भाव ,

ऐसे में दिल और दिमाग में ,एक युद्ध ही चलता रहता | 


अलग - अलग सोच के कारण ,

दोनों में युद्ध तो चलता है ,

मगर यह युद्ध ,काल्पनिक होता है ,

पूरी तरह काल्पनिक युद्ध || 


Wednesday, September 13, 2023

VICHAAR ( JIVAN )

 

                        विचार  


जो पल बीत गए हैं दोस्त ,  बन गए हैं अतीत ,

जो पल आने वाले हैं दोस्त ,वो हैं पर्दे के पीछे ,

क्यों जोड़ें  हम विचार उन्हीं से ? 


बीते पल ना आने वाले ,जो आने वाले ,

वो हैं अनजाने ,

क्यों जोड़ें हम विचार उन्हीं से ? 


आज के पल साथ हमारे ,उन्हीं को खुशियों में बिताएँ ,

क्यों ना जोड़ें हम विचार उन्हीं से ? 


Tuesday, September 12, 2023

CHAYAN SHABDON KAA ( JIVAN )

 

                         चयन शब्दों का 


शब्द  बहुत हैं भाषा में ,चयन सोच कर करियेगा ,

जिव्हा बोले जितने शब्द ,नाप तोल कर बोलियेगा || 


ना दिल किसी का दुःखे ,ना दर्द किसी को हो ,

ऐसे शब्द ही चुनना दोस्त ,होठों पे मुस्कान हो || 


मीठे शब्दों को दूजा ,ता - उम्र याद करेगा ,

तीखा शब्द तो दोस्त ,तीर का काम करेगा ||


तीखे शब्दों को तुम ,वाणी में पिरोना नहीं ,

जो दोस्त हैं तुम्हारे ,उनको तुम खोना नहीं || 


Sunday, September 10, 2023

DOOJAA NAAM ( JIVAN )

 

                            दूजा  नाम 


जिंदगी ना उम्मीदी का नाम नहीं है ऐ - दोस्त ,

उम्मीद ही तो जिंदगी का दूजा नाम है ,

तू -तू ना रहे ,मैं -मैं ना रहूँ ,

हम ही तो हमारा दूजा नाम है || 


कल जो बीत गया ,आज में बदल गया ,

आज बीत जाने पर ,दूजा कल आएगा ,

कल का दूजा नाम आज है ,

और आज का कल दूजा नाम है || 


प्रकृति के सुंदर रूप को देख ऐ - दोस्त ,

प्रकृति सब कुछ है देती ,

इससे कुछ सीख क्योंकि ,

प्रकृति ही उम्मीद का दूजा नाम है || 


ANPADH ( KSHANIKA )

 

                          अनपढ़ 


पढ़ा लो अपने दिमाग को दोस्तों ,

हर ओर संभावनाएँ बहुत हैं ,

डॉक्टर ,इंजीनियर ,एकाउंटेंट्स ,वैज्ञानिक आदि ,

हर क्षेत्र है खुला ,हर राह खुली है | 


समझ सकता है दिमाग ही ,

हर  क्षेत्र की समस्याएँ ,

वही तो समझ कर ,

उनका समाधान भी ,ढूँढ सकता है | 


मगर दोस्तों ,अपने दिल को ,अनपढ़ ही रखना ,

सभीकोमल भाव ,उगते और छिपे रहते हैं ,

दिल की धड़कनें ही ,उन भावों को ,

महसूस करके ,दूसरों तक पहुँचा सकती हैं ,

इसलिए दोस्तों ,दिल को अनपढ़ ही रखना || 


Saturday, September 9, 2023

RAAH JIVAN KI ( JIVAN )

 

                            राह जीवन की 


महापुरुषों के लिए लिखा रहता है ,

" सादा जीवन ,उच्च विचार " 

मगर ये तो सभी की सोच होनी चाहिए ,

इसी से पता चलता है ,सभी का आचार || 


जीवन  कर्म ही ,जीवन की राह तय करते हैं ,

उन्हीं राहों पर तो हम ,ता - उम्र विचरण करते हैं || 


जीवन में जो दोस्त हैं ,उन्हें संभाल कर रखो दोस्तों ,

अगर गुम हो गए ,तो ता -उम्र नहीं मिल पाएँगे दोस्तों || 


Thursday, September 7, 2023

KHAAMOSH ULJHANEN ( JIVAN )

 

                            खामोश उलझनें 


जितना भी शोर मचे दिल में ,बाहर मत आने दो ,

ख़ामोशी की तह में उसे दबा दो ,बाहर मत आने दो ,

सभी उलझनें छिप जाएँगी ,तहों के बीच में ,

शोर में तो कोई उलझन ,दूर नहीं होती || 


धीरे से ,शांति से ,प्यार से ,उलझनों को दूर करो ,

उन्हीं उलझनों को ,तुम अपनी कोशिश कर लो ,

ईश्वर भी उन्हीं की मदद करते हैं ,

जो खुद की मदद करने को ,तत्पर रहता है || 


सफलता उन्हीं को मिलती है ,

जो मेहनत ,शांति और प्यार का रास्ता अपनाता है ,

बिना शोर ,उलझनों और ,समस्याओं का हल ढूँढता है || 


Wednesday, September 6, 2023

BAAL KRISHAN ( SMALL POEM )

 

              बाल कृष्ण  


कान्हा का जनम भयो ,

जग में आनंद छायो ,

दही ,हांडी को फोड़ -फोड़ ,

गोविंदा ,गोविंदा गूँजो | 


सब ओर से शोर उठो ,

गोविंदा आला ,रे आला ,

ख़ुशी की लहर छाई ,

कान्हा जोबंसी बजायो | 


Tuesday, September 5, 2023

BADARAA KAHE PUKAAR KE ( JALAD AA )

 

                बदरा कहे पुकार के 


नभ में छाए बदरा ,खूब घने भई खूब घने ,

बदरा बरसे जोर से ,खूब घने भई खूब घने | 


गर्जन जोआई बदरा की ,वह बोली जोर से ,

आओ - आओ बाहर तुम ,बदरा तुम्हें बुलाता है ,

देखो नजारा बरखा का ,बदरा दामिनी का मेल ,

उनकी चमक और ,गर्जन का खेल | 


सब मिल कर तुम्हें पुकार रहे ,आओ बाहर आओ ,

खेल हमारे में ,तुम शामिल हो जाओ ,

सुन लो हमारी पुकार को ,देखो इस बहार को ,

बरखा ,बदरा का हाथ पकड़े ,

नीचे आई तुम्हें प्यार देने ,तुम भी दो इन्हें थोड़ा प्यार | 


Monday, September 4, 2023

HAMAARE SHIKSHAK ( JIVAN )

 

                      हमारे  शिक्षक 


प्रणाम सभी शिक्षकों को प्रणाम ,

पहला प्रणाम माँ को ,जो पहली शिक्षक हमारी ,

दूजा प्रणाम पिता को है जाता ,

तीसरा प्रणाम ज्ञान देने वाले शिक्षकों को | 


इसके आगे प्रकृति है शिक्षक हमारी ,

ये तो महाशिक्षक है ,उसे तो दण्डवत प्रणाम ,

दोस्तों के प्यार को नमन और नमन ,

सभी तो हैं ये शिक्षक हमारे | 


सबसे बड़ा प्रणाम तो ,

वक्त और जिंदगी को है जाता ,

वही तो आज तक असली शिक्षक हमारे ,

मगर सभी को वह परमात्मा है चलाता ,

उसी ने सारा ज्ञान दिया | 


सभी को शिक्षक दिवस की बहुत - बहुत बधाई | 


Saturday, September 2, 2023

PUKAAR SAAGAR KII ( RATNAAKAR )

 

                           पुकार सागर की 


दूर से चली आई है ,चंचला लहरों की पुकार ,

कहाँ बैठी हो तुम आओ ? हमारी सुन लो पुकार | 


सागर लहरा - लहरा कर , अपनी लंबी बाँहें फैलाकर ,

कह रहा है तुमसे ,बहुत दिन बीते हैं अब तो ,

चली आओ तुम जल्दी से ,चली आओ जाने बहार | 


हमारा दिल भी धड़का अब ,और वह हमसे बोला है ,

क्या सोच रही हो तुम ? उठ जाओ चल दो अब ,

मैं सागर तुम्हारा दोस्त ,हो के बेक़रार ,

कह रहा हूँ बार -बार ,चली आओ जाने बहार | 


Friday, September 1, 2023

RAAKHII CHAAND KII ( CHANDRAMA )

  

             राखी   चाँद  की 


माँ भारती की मिली जो राखी ,

 उसे बाँध चाँद मुस्काया ,

खिड़की पर आहट जो आई ,

देखा जो   मैंने चंदा को पाया | 


चंदा बोला -- सखि खोल के खिड़की ,

मेरी राखी को देखो ,

दिखा - दिखा के अपनी राखी ,

चंदा खूब मुस्काया ,

कभी नहीं मैंने चंदा को ,

इतना खुश पाया | 


ये सब है पहली बार ,

राखी का आदान - प्रदान ,

जुड़ा है रिश्ता माँ भारती ,

और आसमां के चाँद का ,

चंदा तो सचमुच ही ,

बन गया है मामा ,भारतीय बच्चों का | 

 

Monday, August 28, 2023

BANDAGII ( JIVAN )

 

                              बंदगी  


इस लोक में और परलोक में ,

एक श्वास का ही अंतर  है दोस्तों ,

श्वास चल रही है ,तो इस लोक में बसेरा ,

और श्वास रुक गई तो ,उस लोक में सवेरा | 


श्वास चलने से  ही ,सब रिश्ते - नाते ,

श्वास रुकते ही ,अनजान सब रिश्ते - नाते ,

श्वास के चलते ही ,सब कर्म हैं दोस्तों ,

श्वास के रुकते ही ,सब मर्म है दोस्तों | 


ये श्वास ही है ,जो जीवन है देती ,

ये श्वास ही है ,जो जिंदगी है देती ,

इसी श्वास के कारण ही तो ,

उस रचनाकार की बंदगी है दोस्तों | 



Sunday, August 27, 2023

HIMMAT ( JIVAN )

 

                            हिम्मत 


हिम्मत को पकड़ कर रखना जरूरी है ,

कुछ भी समस्या हो ,हिम्मत से दूर हो जाती है ,

और हिम्मत हमें मजबूत बना देती है | 


जिंदगी में छोटी - बड़ी समस्याएँ ,

आती हैं ,परेशान भी करती हैं ,

हिम्मत हमारी परेशानी दूर कर देती है | 


कभी भी परेशानियों को खुद पर ,

हावी ना होने दें ,ये परेशानियाँ ही ,

हमें कमजोर बनाती जाती हैं | 


हिम्मत करके हर परिस्थिति में ,

मुस्कान को ,अपने होठों पर सजा के रखना ,

ये मुस्कान ही खुशियों की खिलखिलाहट लाती है | 


Thursday, August 24, 2023

SALAAMEE ( DESH )

 

                        सलामी 


सलाम ,सलाम ,सलाम ,

सलाम - ए - गर्व को ,इसरो वालों ,क़ुबूल कर  लो ,

सलाम -ए - गर्व इसरो वालों। तुम क़ुबूल कर लो ,

 हम सारे भारत वासी तुम्हें ,सलाम करते हैं | 


 देश का नाम आप सबने ,रोशन किया ऊँचा ,

चंद्रयान को आप सबने ,पहुँचाया चाँद पे ,

ऐसे ही आगे बढ़ते जाइए ,बढ़ते जाइए | 


पूरा आसमां आपका है दोस्तों ,

हमारा पूरा विश्वास आप के साथ दोस्तों ,

हमारी आशाएँ ,हमारा गर्व ,सभी शुभकामनाएँ ,

आपके साथ हैं दोस्तों ,साथ ही रहेंगे दोस्तों | 


Wednesday, August 23, 2023

CHANDRAYAAN ( DESH )

 

                        चंद्रयान 


पहुँच गया है देश का यान ,चंदा के आँगन में ,

देश का नाम किया है ऊँचा ,चंदा के आँगन में ,

जीत का जश्न सब मना रहे हैं ,देश के आँगन में | 


ये दौर भी चल ही रहा है ,आगे भी ये चलता रहेगा ,

आसमां में बहुत है खोजने ,और पाने के लिए ,

सब कुछ पाता रहेगा देश ,आसमां के आँगन में | 


जब सब कुछ आगे बढ़ जाएगा ,

देश का नाम चमक जाएगा ,

असंख्य हीरो ,हीरे जैसे चमक जाएँगे ,

जीत का जश्न तब मनता रहेगा ,देश के आँगन में | 


Tuesday, August 22, 2023

CHAAH ( JIVAN )

 

                        चाह 


गगन में उड़ने की चाह ,सभी में होती है ,

आसमान को छूने की चाह ,सभी में होती है ,

मगर दोस्तों आसमान छूना ,कोई आसान काम नहीं ,

इसके लिए कोई सीढ़ी बनी नहीं | 


चलिए एक काम करते हैं ,

किसी जरूरत मंद की मदद करते हैं ,

किसी नन्हें ,रोते हुए बच्चे ,को हँसाते हैं ,

किसी गिरते हुए को संभालते हैं ,

ये काम भी तो आसमान छूने से कम नहीं | 


जहाँ तक गगन में उड़ने की बात है ,

तो हवाई -जहाज ,हेलीकॉप्टर आदि कम नहीं ,

कभी भी ये चाह पूरी कर लीजिए | 


Monday, August 21, 2023

KAAL ( JIVAN )

 

                         काल 


पुरातन काल ,पौराणिक काल ,

अँधेरों में डूबा ,रहस्यात्मक काल ,

कब ,क्या हुआ ? कोई ना जाने ,

वैज्ञानिक अनुमान  लगाते हैं ,दूसरे उनकी बात काटते हैं | 


हम भ्रम में जी रहे हैं ,कौन सही ,कौन गलत ? 

किसी  के पास कोई प्रमाण नहीं ,

सब कुछ अँधेरों के पर्दे में छिपा हुआ ,

कौन उठाएगा पर्दा ,उजियाला करेगा ? 


जिंदगी ऐसी ही है ,पौराणिक काल ,

अँधेरे में बीता हुआ ,

भविष्य भी पर्दे में छिपा हुआ | 


सिर्फ वर्तमान है दोस्तों ,यानि आज का समय ,

जो कुछ भी है आज है ,अच्छे से जी लो इसे ,

मुस्कुरा कर बिता लो ,खिलखिलाकर बिता लो ,

तो जिंदगी ,स्वयं मुस्कुराएगी ,स्वयं खिलखिलाएगी | 



KAMAL ( KSHANIKA )

 

                                 कमल 


बरखा रानी आई ,ताल -तलैया भरे ,

उनके भरने से कमल खिले ,

कमलों  के खिलने से ही तो ,ये कमल चले | 

 

कमल को दूर - दूर से देखो ,

पास ना जाना ,फँस जाओगे ,

निकल ना पाओगे बंधु ,निकल ना पाओगे ,

हर कोई तोड़ नहीं सकता ,

हर कोई इसे पा नहीं सकता | 

 

रहने दो खिला ,वहीं पर इसको ,

मत जन्म -स्थान से  जुदा करो ,

जन्म - स्थान से प्यार उमड़ता ,

क्यों जन्म - स्थान से जुदा करो ? 


राष्ट्रीय फूल है यह ,

विद्या की देवी ,सरस्वती का आसन है यह ,

शोभा इसकी बरक़रार रखो ,इसके जन्म - आवास में ,

ही सजा रहने दो इसे ,खिला रहने दो इसे | 


Sunday, August 20, 2023

NAYAA PRAYOG ( PREM )

 

                            नया प्रयोग 


सुन लो सारे डॉक्टर्स ,सुन लो सारे वैद्य ,

दवा आपकी दी हुई ,करती धीरे असर ,

तेज असर जो चाहिए ,प्रयोग करें मेरी तरकीब | 


रोगियों को यह बता दो ,

खाओ दवा नाती ,नातिन के हाथ से ,

खाओ दवा पोता ,पोती के हाथ से ,

असर तेज तुम पाओगे ,जल्दी स्वस्थ हो जाओगे | 


उनकी मुस्कुराहटों से ,असर अलग होगा ,

शरीर स्वस्थ होगा ,दिल मजबूत होगा ,

करके देखो ये प्रयोग ,जल्दी स्वस्थ होना है तो | 


Friday, August 18, 2023

SAANSEN KHILKHILAAEN ( JIVAN )

 

                  साँसें खिलखिलाएँ 


एक साँस आए ,एक साँस जाए ,एक -एक साँस से ,

जीवन की डोर लंबी हो जाए ,

साँसों को धीरे से लंबा ही लेना ,

जीवन को अपने स्वस्थ कर लेना | 


साँसें जो हवा को ,अंदर ले जाएँ ,

शरीर की प्रक्रिया को स्वस्थ बनाएँ ,

ऊर्जा की मात्रा को ,शरीर में उगाएँ ,

कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा बढ़ाए | 


शरीर को ऊर्जा से ,शक्ति जब मिल जाए ,

स्वास्थ्य उत्तम रहता ,मस्तिष्क चुस्त रह पाए ,

ऐसे ही तो जीवन की ,गाड़ी खूब चलती जाए ,

साँसें खिलखिलाएँ ,मस्तिष्क खिलखिलाए |

 

SWAAGAT KARO ( JIVAN )

 

                                  स्वागत करो 


समझना जिंदगी को है गर ,तो बीते वक्त को देखो ,

जीना जिंदगी को है गर ,तो आने वाले वक्त की सोचो ,

मगर एक बात समझ लेना दोस्तों ,

बीता वक्त तुम बदल नहीं सकते ,

और आने वाले वक्त के लिए तुम ,

सिर्फ मेहनत ही कर सकते हो | 


अच्छे वक्त में सभी का ,सहयोग करो तुम ,

ना अभिमान करो ,ना दूरियाँ उत्पन्न करो तुम ,

बुरे वक्त में मेहनत ,खूब करो तुम ,

किसी के सामने हाथ ,ना पसारो तुम ,

तुम्हें खुद ही पता चलेगा ,कौन है तुम्हारा अपना ?

उसका मुस्कुरा कर स्वागत करो ,स्वागत करो तुम | 


Thursday, August 17, 2023

DO CUP CHAAY ( KSHANIKA )

 

                                  दो कप चाय 


सुबह - सुबह जब नींद खुली ,और मुस्कान जगी ,

गर्मागर्म चाय की तलब लगी ,तैयार की दो कप चाय ,

चाय तो थी ,एककप अपने लिए ,दूसरा कप उनके लिए | 


खिड़की के पास बैठकर बाहर को झाँका ,

तो मौसम खुशगवार था रवि सामने मुस्कुरा रहा था ,

चाय तो थी ,एक कप अपने लिए ,दूसरा कप उनके लिए | 


चाय का सिप लिया ,स्वाद आया कड़क चाय का ,

धीरे - धीरे चाय पीते जा रहे थे ,

दोनों ही मानो चाय में डूबे जा रहे थे ,

चाय तो थी ,एक कप अपने लिए ,दूसरा कप उनके लिए | 


चलो जी ,चाय तो ख़त्म होने को आई ,

रवि जी बोले ,चाय ख़त्म ,काम पर लग जाओ ,

चाय तो थी ,एक कप अपने लिए ,दूसरा कप उनके लिए | 


Wednesday, August 16, 2023

SUKH KII PARIBHASHA ? ( JIVAN )

 

                        सुख की परिभाषा ? 


क्या है सुख की परिभाषा ? 

गाड़ी ,बंगला और धन - वैभव ?

क्या इन सबसे दिमाग में शांति बसेगी ? 

क्या इन सबसे निद्रा तुम्हें सुलाएगी ? 


मेहनत करके जो धन अर्जित होगा ,

थकान होने पर जो निद्रा आएगी ,

वही तो दिमाग में शांति लाएगी | 


एक छोटा सा अपना घर होगा ,

पैरों की जो गाड़ी है ,चलती रहेगी ,

उसी के सहारे तो सुख ,शांति बसी रहेगी | 


लगाओ अंदाजा ,सुख की परिभाषा है क्या ? 

किन पंक्तियों में शांति बसी हुई है ? 

कृपया जवाब दें दोस्तों ? इंतजार है |


Saturday, August 12, 2023

JAAGNE - JAGAANE SE ( JIVAN )

 

                 जागने - जगाने से 


रवि - किरणों से खिली सुबह ,सुंदर सुबह ,

रंगों से भरी सुबह ,ना मिले माँगने से ,

ना मिले खरीदने से ,ये मिले सिर्फ जागने से | 


रात की निद्रा भी क्या ,माँगने से मिलती ? 

ये मिलती सिर्फ ,

अंतर्मन में खुशियों की बीना छेड़ने से | 


आनंद दिल में उगता ,दिल का कमल है खिलता ,

अपनी खुशियाँ दूसरों में बाँटने से ,

उनकी मुस्कानें जगाने से | 


ये सब कुछ होता है ,दिल खुशियों के ,

सागर में गोते लगाता है ,

अपनी जरूरतें समेटने से ,

दूसरों की खुशियों में खुश होने से | 


Friday, August 11, 2023

JHADII BARAKHA KII ( KSHANIKA )

 

                              झड़ी बरखा की 


बरखा की लगी है झड़ी ,ज्यों हो मोतियन की लड़ी ,

मौसम सुहाना हुआ ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


रूप कलियों का खिलने लगा ,हरेक गुँचा महकने लगा ,

जीवन जैसे चटकने लगा ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


रंग खुशियों के बिखरने लगे ,इंद्रधनुष भी बनने लगे ,

फूलों से गुलशन सब सजने लगे ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


Wednesday, August 9, 2023

PYAARAA MAUSAM ( GEET )

 

                         प्यारा मौसम 


चारों ओर हरियाली छायी ,

कलियाँ खिलकर फूल बनीं ,

खुश्बुओं से बगिया महकी ,

तितलियाँ चहुँ ओर उड़ीं ,

मौसम प्यारा - प्यारा है | 


गगना में बदरा छाए ,

पवन उन्हें चहुँ ओर उड़ाए ,

रिमझिम बरखा बरसी जाए ,

ताल - तलैया जल भर जाए ,

मौसम न्यारा - न्यारा  है | 


ऐसे मौसम में तुम सब आओ ,

खेल - खेल में हँसते जाओ ,

तुम मुझको पकड़ो तो जानूँ ,

मेरे हाथ में तुम आओ ,

मौसम प्यारा - प्यारा है | 


Tuesday, August 8, 2023

DARSHAN ( AADHYATMIK )

 

                             दर्शन 


नींद में डूबकर देखे गए ,सपने सच नहीं होते ,

जागती आँखों से देखे गए ,सपने सच हो सकते हैं ,

हमारी कोशिशों से ,हमारी मेहनत से ,

अनथक प्रयासों से | 


जीवन की राहें आसान ही होती हैं ,

कदम बढ़कर तो देखिए ,

मंजिलें कदमों के नीचे आएँगी ,

सीढ़ियाँ चढ़ने की कोशिशें तो करके देखिए ,

सब कुछ सच होगा ,कोशिशें , मेहनत और प्रयासों से | 


राहों में दोस्त भी साथ देंगे ,

जरा पुकार कर तो देखिए ,

ईश्वर आपके दिल में है ,

जरा सिर झुकाकर दर्शन तो कीजिए ,

हरदम वह आपके साथ है ,

हरदम वह आपके साथ है | 


Monday, August 7, 2023

BHRAMJAAL ( KSHANIKA )

 

                                    भ्रमजाल 


जीवन में जो उलझन उपजी हैं ,कैसे कोई सुलझाए ? 

उन्हीं उलझनों की गाठें ,और उलझती जाएँ | 


उलझन कोई नहीं  सादी ,भ्रमजाल फैलता जाए ,

अंतर्मन इन सब में दोस्तों ,और उलझता जाए | 


क्या कोई साथी ,क्या कोई दोस्त ,कोई तो राह बताए ?

जिससे ये भ्रमजाल और उलझन ,आप ही सुलझते जाएँ | 


क्या हम हैं ,क्या जीवन अपना , कुछ भी समझ ना आए ? 

जो अपना है ,वही है सुंदर ,यह सोच सब भ्रम को मिटाए | 


Sunday, August 6, 2023

SHABD SNEH KE ( PREM )

 

              शब्द स्नेह के 


स्नेह के कुछ शब्द ,जो उसने कहे नहीं ,

उन अनकहे शब्दों को ,जो ज़ुबां मिल जाती ,

तो कानों में रस टपकता ,

और दिल की कली खिल जाती | 


प्रेम के कुछ धागे ,जो उसने बुने नहीं ,

उन धागों को बुन लेने से ,

अपना आशियाना सज जाता ,

चमन फूलों से भर जाता | 


आज भी जो वो बोल दे ,

उन शब्दों को जुबां दे दे ,

तो जीवन महक जाएगा,

प्यारा और सुंदर सा  इंद्रधनुष भी छा जाएगा  | 


 

         

 

 

 

 

 

 

MUSKURAAIE ( KSHANIKA )

 

                         मुस्कुराइए 


ख़ुशी हो या ग़म ,होठों पे मुस्कान सजाए रखिए ,

कोई साथ दे या ना दे ,

आशा और विश्वास बनाए रखिए | 


आशा और विश्वास के पलड़े में ,पहले खुद को तोलिए ,

तभी दूसरों को उस पलड़े में ,

बिठाने की हिम्मत कीजिए | 


यदि दूसरा कोई खरा ना उतरे ,तो क्रोध ना कीजिए ,

क्रोध एक जहर है ,तो इससे उत्पन्न ,

जहर को समाप्त कीजिए ,

इसलिए मुस्कुराइए ,मुस्कुराइए और मुस्कुराइए  | 

Saturday, August 5, 2023

TAPARI MEIN ( CHANDRAMA )

 

                                 टपरी में 


रिमझिम बरखा बरसी है ,चंदा आजा छतरी में ,

तू क्यों भीगे बरखा में , चंदा आजा छतरी में ? 


भीगेगा जो तू चंदा , बीमार तू पड़ जाएगा ,

भीगेगा जो तू चंदा ,जुकाम तुझे हो जाएगा ,

बच जा तू इस झंझट से ,चंदा आजा छतरी में | 


बरखा का पानी ठंडा ,सर्दी तुझे लग जाएगी ,

तेज - तेज सी बरखा ये ,तुझे नुकसान पहुँचाएगी ,

बच जा तू इस हानि से ,चंदा आजा छतरी में | 


आजा गर्म चाय तू   पी ,सर्दी दूर हो जाएगी ,

कड़क चाय की एक प्याली ,स्वास्थ्य तुझे दिलवाएगी ,

इसीलिए तो कहती हूँ ,आजा तू मेरी टपरी में ,

आजा तू मेरी छतरी में ,आजा तू मेरी टपरी में | 


Wednesday, August 2, 2023

MAANSOON ( JALAD AA )

 

                             मानसून 


गर्मी बीती आया नया मौसम ,नभ में छाए कारे बदरा ,

रिमझिम - रिमझिम बरखा बरसी ,

ताल - तलैया में तो जल भरा | 


भीगा -भीगा मौसम है ,नाम है इसका मानसून ,

इस मौसम  मत मानो किसी की ,

और ना किसी की बात सुन | 


 इस मौसम में दोस्त ,बरखा में तू झूम ,

ले इस बरखा का आनंद ,

और अपने दिल की सुन | 


बरखा  बरसेगी चहुँ ओर ,बदरा मुस्काएगा नभ में ,

दिल  तेरा डूबेगा आनंद में ,

और दिल में मचेगी धूम  | 


Monday, July 31, 2023

OR MAIN HOON ( RATNAAKAR )

 

                   और मैं हूँ 


नभ में सूरज है ,सागर में उसकी किरणें हैं ,

और मैं हूँ ,

नभ में फैली लाली है ,सागर में उसकी छाया है ,

और मैं हूँ ||


नभ में कुछ बदरा हैं ,रवि किरणों से हुए गुलाबी हैं ,

और मैं हूँ ,

बदरा  कुछ उड़ते जाते हैं ,बहती पवन के साथ - साथ ,

और मैं हूँ || 


सागर में एक नैया है ,लहरें ही उसकी खेवैया हैं ,

और मैं हूँ ,

नैया लहरों संग डोल रही ,रवि किरणों के संग भी ,

अपनी खिड़की पर बैठी ,

और मैं हूँ || 


JAROORATEN ( JIVAN )

 

                         जरूरतें 


जरूरतें और नींद ,कभी पूरी नहीं होतीं ,

इन्हें पूरा करना इंसान के ,अपने हाथ में है ,

जरूरतें और नींद पूरी होने पर ,

इंसान सुखी हो जाता है | 


जरूरतों को अपनी सीमित रखें ,

परिश्रम करते रहें ,

मन को शांत रखें ,नींद भरपूर आएगी | 

 

नींद पूरी होगी तो ,तनाव - मुक्त जीवन बीतेगा ,

मन शांत होगा ,और जिंदगी मुस्कुराएगी | 

 



Saturday, July 29, 2023

PARCHHAIYAN ( JIVAN )

 

                 परछाइयाँ 


रात की निंदिया में डूबे हम ,

देखते हैं बहुत से सपने ,

जिनमें होतीं हमारी इच्छाओं ,

हमारी आकाँक्षाओं की परछाइयाँ | 


ये परछाइयाँ हमें ,

 विकास की ओर अग्रसरित हैं करतीं ,

हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देतीं ,

मंजिल तक पहुँचने का रास्ता बतातीं | 


दिन के  उजाले में हम ,

मंजिल तक पहुँचने की कोशिश हैं करते ,

उसके लिए अथक प्रयास करते ,

और साथ ही दौड़ लगाते | 


ईश्वर से उस सफलता के लिए दुआ भी माँगते ,

और उनके आशीर्वाद के साथ ही ,

सफलता के मार्ग पर चलकर ,

मंजिल तक पहुँच जाते ,मंजिल तक पहुँच जाते | 


MILII EK KITAAB ( JIVAN )

 

                      मिली एक किताब 


अलमारी से मिली एक किताब आज ,

मगर है बरसों पुरानी ,उसमें संजोए थे ,

हमने कुछ  प्रेम -पत्र ,

जो कहते हैं आज भी ,हमारी प्रेम - कहानी | 


आज उन्हें फिर से पढ़ कर ,

याद आ गईं फिर वही मीठी यादें ,

वो प्यार भरी मीठी - मीठी बातें ,

जिनमें बसी थी अपने सपनों की कहानी | 


दिन वो कुछ इतने सुंदर थे ,

बसी थी उनमें सावन की रिमझिम ,

सतरंगी इंद्रधनुष की सुंदरता ,

उनमें छिपी थीं प्यार की यादें सुहानी | 


इस किताब के पन्ने पढ़ते - पढ़ते ,

हम तो मानो खो गए ,

ग़ुम हुए प्यार के सैलाब में ,लगा जैसे हम ,

देख रहे हैं जादू भरी दुनिया नूरानी | 


Thursday, July 27, 2023

BACHPAN KE KHEL ( JIVAN )

     

                       बचपन के खेल 


जब से याद हमें जीवन है ,बचपन के हैं खेल अनोखे ,

गेंद था शायद पहला खिलौना ,उसके बाद तो पिट्ठू आए | 


बना फर्श पर दस नंबर का खेल ,स्टापू से खेले हम ,

कंचे बहुत ही प्यारे लगते ,उनसे भी खूब हम | 


खूब ही कूदे रस्सी से ,अकेले भी और समूह में भी ,

इन सबके अलावा ,छुपन - छुपाई ,आईस - पाईस ,

पकड़म - पकड़ी ,ऊँच - नीच ,सब ही थे खेल हमारे ,

लूडो ,साँप - सीढ़ी ,जीरो - काँटा ,सी - सॉ ,

झूला ,फिसल - पट्टी ,क्या - क्या थे खेल हमारे ?


झूला  तो बहुत  बाद तक झूले ,

आज भी उसका मज़ा लेते हैं ,

आज तो यही कुछ शब्द याद आते हैं ,

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ,

वो बीते हुए खेल ,वही उम्र ,वही चाह | 



MANJIL APNII ( JIVAN )

 

                        मंजिल अपनी 


सोचते तुम ना रहो ,क़दमों  को बढ़ाते जाओ ,

परिश्रम तुम करते जाओ ,

तभी तो पाओगे मंजिल अपनी | 


स्वयं पर विश्वास रखो ,शंका कभी उगने ना दो ,

आत्म विश्वास की सीढ़ी द्वारा ही ,

पाओगे मंजिल अपनी | 


सहयोग करो दूजों के साथ ,

तभी दूजों का सहयोग पाओगे ,

उसी सहयोग के सहारे तुम ,

पाओगे मंजिल अपनी   | 


मीठी वाणी ,मीठे शब्द ,

और मुस्कानें बाँटते जाओ ,

इन्हीं के द्वारा ही तो तुम ,

पाओगे मंजिल अपनी | 


Tuesday, July 25, 2023

RISHTE DUNIYA KE ( KSHANIKA )

 

                        रिश्ते दुनिया के 


दुनिया के सभी रिश्तों ,सुन लो मेरी पुकार ,

तुम्हारे लिए ही तो है ये ,बुनी बंदनवार ,

तुम सब रिश्ते हो ,दुनिया के अपने ,

जीवन की इन राहों में , तुम  दुनिया के सपने | 

 

दुनिया की भूल - भुलैंया में ,

तुम सब हो लहरें सागर की ,

जीवन के इस सागर में ,

तुम सब हो लहरें सागर  की ,

जो साथ - साथ उठती हैं ,साथ - साथ बहती हैं | 


दुनिया के सब ,जंगल ,पर्वत ,झरने ,

दुनिया का साथ निभाएँ ,

दुनिया उन्हीं के नाम से जानी जाए ,

ऐसे ही रिश्तों से हर नाम ही जोड़ा जाए | 


बढ़ता वही रिश्ता है ,जो प्यार से जोड़ा जाए ,

और निभाया भी प्यार  जाए ,

प्यार से  सींचा जाए बंधु ,प्यार से सींचा जाए | 


Monday, July 24, 2023

KAMAAII ( KSHANIKA )

 

                                 कमाई 


जिंदगी हमने बिताई ,खूब की कमाई ,

उसमें बचत करके हमने ,कमाई अपनी बचाई ,

खाता अपना खूब भरा ,जब जुड़ी कमाई ,

आप सब सोचो दोस्तों ,क्या थी अपनी कमाई ? 


कुछ थे मीठे बोल उसमें ,कुछ थीं प्यारी मुस्कानें ,

कुछ थे मीठे रिश्ते ऐसे ,जिसमें जुड़े ताने - बाने ,

कुछ थे पड़ोसी अपने ,कुछ थे रिश्ते - नाते ,

कुछ थे आस - पास के ,पर कुछ थे दूर के नाते | 


परिवार अपना बढ़ चला ,बच्चों की थी पढ़ाई ,

धीरे - धीरे आगे बढे तो नौकरी जुड़ाई ,

जीवन सँवरा सभी का ,होठों पे मुस्कानें बढ़ाईं ,

स्वस्थ ,सुंदर जीवन धन है ,

यही तो है कमाई ,यही तो है कमाई | 


Sunday, July 23, 2023

HAR PAL ( JIVAN )

 

                                  हर पल 


हर पल को मुस्कान के साथ जियो ,

हर पल को सुकून के साथ जियो ,

जानते हो एक दिन में ही ,कितनी मुस्कानें ?

और कितने सुकून भरे पल ? जी पाओगे तुम ?


हर पल किसी के लिए दुआ करो तुम ,

हर पल किसी को आशीर्वाद दो तुम ,

जानते हो एक दिन में ही ,कितनी दुआएँ ?

और कितने आशीर्वाद ? दे पाओगे तुम ? 


हर पल किसी को याद करो तुम ,

हर पल किसी के बारे में अच्छा सोचो तुम ,

जानते हो एक दिन में ही ,कितनी यादें ?

और कितनी अच्छी सोच ? इकट्ठी कर पाओगे तुम ?

अपना खाता भर पाओगे तुम ? 


Saturday, July 22, 2023

OSS KI BOOND ( KSHANIKA)

 

                      ओस की बूँद 

 

मैं हूँ एक ओस की बूँद ,जन्म मेरा होता है ,

रात के अँधियारे  में ,जब ठंडक सी होती ,

सुबह -सवेरे ही मैं ,फूलों पर हूँ मिलती | 


हरी घास है बिस्तर मेरा ,मैं हूँ उस पर सोती ,

मेरा रूप - रंग देख कर ,

हर आँख ही खुश होती | 


मोती जैसा मेरा रूप ,सबके ही मन को भाता ,

सबके होठों की मुस्कान देख कर ,

मैं भी खुश हो लेती ,मैं भी खुश हो लेती | 


Thursday, July 20, 2023

LADAAI FOOLON KII ( SAMAJIK )

 

               लड़ाई फूलों की 


एक बार हो गई लड़ाई ,फूलों के बीच में ,

सबके सब थे मस्त ,बड़ाई अपनी करने में ,

गेंदा बोला ,मैं हूँ सुंदर ,और हूँ मजबूत ,

कई दिन तक लगातार ,खिला रहता हूँ मैं | 


सूरजमुखी ने आकर बीच में ,काटी उसकी बात ,

बोली ,मैं हूँ सूरज की प्यारी ,तुमसे भी मजबूत ,

उपयोगी हूँ मानव को देती ,तेल ,बीज और सजावट | 


कोमल सी चमेली ने ,सूरजमुखी को रोका ,

रंग - बिरंगी मैं नहीं ,मगर दूध सा सफ़ेद मेरा रंग ,

मेरी खुश्बू और कोमलता ,सभी को है भाती ,

मेरा तेल तो खुश्बू वाला ,हरेक हसीना है लगाती | 


आगे बढ़ा गुलाब ,भई लाल - लाल गुलाब ,

सुंदरता तुम मेरी देखो ,खुश्बू से मेरी महको ,

मेरे फूलों से बना गुलकंद ,और बना गुलाब जल ,

लगा कर तुम महको ,और खाकरमजा तुम लूटो | 


तभी तितलियाँ आकर बोलीं , क्यों आपस में लड़ते हो ?

सब मिल - जुल कर रहो चमन में ,सबके गुण हैं बढ़ते ,

हम तितलियाँ उड़ - उड़कर ही तो ,सुंदरता उत्पन्न करतीं ,

सुनकर सारे फूलों की लड़ाई बंद ,और दोस्ती हो गई ,

मानव तुम भी सीखो और ,दोस्ती बढ़ाओ ,दोस्ती बढ़ाओ | 


Wednesday, July 19, 2023

CHANDRAYAAN ( DESH )

 

                           चंद्रयान 


हजारों दिमागों के ,ज्ञान के  भंडार को समेटे ,

लाखों दिलों की दुआओं को लपेटे ,

हजारों हाथों की ऊर्जा को खर्चते ,

तुम ही तो बने हो | 


सभी की आशाओं पर खरे उतरते ,

जीवन के कठिन पथ पर आगे  बढ़ते ,

जग में देश का नाम रोशन करते ,

तुम ही तो बने हो | 


दुनिया के मुकाबले ,कम ही तुम्हारी कीमतें ,

 दुनिया के मुकाबले ,अधिक देते सबको मुस्कुराहटें ,

दुनिया के मुकाबले ,देते तुम अधिक राहतें ,

हमारे चंद्रयान तुम ही तो हो ,तुम ही तो हो | 


Thursday, July 13, 2023

JHOLII ( AADHYATMIK )

 

                        झोली 


जीवन और साँसें मिलीं हैं मुफ्त ,

मगर प्राणी तू कहाँ संभाले ? 

ऊपर वाले की देन को ,तू तो व्यर्थ गँवाए | 


नींद और शांति मिलीं बहुत हैं ,

पर तू जीवन अशांत बनाए ,

मिलीं मुफ्त की चीजों की तू ,

कीमत समझ ना पाए | 


हवा और पानी हैं बहुत जरूरी ,

क्यों इनको व्यर्थ बहाए ?

क्यों तू इनको गंदा करके ?अपना जन्म गँवाए ? 


सब कुछ दिया ऊपर वाले ने ,

मत उनको व्यर्थ गँवा तू ,

ऊपर वाले की देन से प्राणी ,

भर ले अपनी झोली तू | 


Wednesday, July 12, 2023

JANGLII FOOL ( KSHANIKA )

 

                        जंगली फूल 


ये है फूलों की दुनिया दोस्तों ,कुछ तो उगें  बगीचे में ,

कुछ उगें घर के गमले में ,ये सब तो नाजुक हैं दोस्तों ,

अच्छी सी देखभाल चाहिए इन्हें दोस्तों | 


मगर कुछ हैं जंगली फूल दोस्तों ,

जंगल के मौसम ,वहाँ के वातावरण को झेलते हुए ,

जो खिले रहते हैं ,वातावरण को महकाते हैं दोस्तों | 


हम भी नाजुक फूलों की तरह ,ना बनें दोस्तों ,

नाजुक - नाजुक से ,हम बनें जंगली फूल जैसे ,

हर मौसम झेलकर कठोर हो जाएँ  | 


खिले रहें हर मौसम में , महकाएँ अपनी दुनिया को ,

रंग और मुस्कानें बाँटें ,अपनी दुनिया को दोस्तों | 


Tuesday, July 11, 2023

GOOGAL JI ( KSHANIKA )

 

                    गूगल जी 


जय ,जय ,जय ,जय हो गूगल जी ,

सब प्रश्नों का उत्तर तुम देते ,

समस्याओं का हल तुम बताते ,

इंटरनेट की दुनिया के ,

तुम तो हो बेताज बादशाह ,

जय ,जय ,जय ,जय हो गूगल जी | 


सारी भाषाएँ हैं तुमको आतीं ,

दिशाएँ खुद तुम्हें रास्ता दिखातीं ,

हर ओर है तुम्हारा बोलबाला ,

तुमने सब प्रश्नों को है संभाला ,

जय ,जय ,जय ,जय हो गूगल जी | 


कोई विषय ना तुमसे अछूता ,

काल हरेक तुममें ही समाता ,

भूत ,भविष्य सब को तू जाने ,

चाहे हों जाने ,चाहे अनजाने ,

जय ,जय ,जय ,जय हो गूगल जी | 


Sunday, July 9, 2023

BACHPAN ( KSHANIKA )

 

                         बचपन 


बचपन खड़ा है सागर तट पर ,

पानी खूब उछाले ,

हाथों में भररेत वहाँ का ,

सागर में वो डाले | 


हँस - हँस कर वह नन्हें पैरों ,

खूब उछलता जाए ,

सब आने - जाने वालों को ,

करतब खूब दिखाए | 


देख खेल बचपन का दोस्तों ,

सब ही तो मुस्काएँ ,

नानी उन की यह सब देख ,

उन पर वारि जाए | 


सागर भी उन के खेलों का ,

खूब ही मज़ा उठाए ,

छोटी - छोटी लहरों को सागर ,

बचपन के पास भिजवाए | 


Wednesday, July 5, 2023

MEETHA GAAN ( CHANDRAMA )

 

                          मीठा गान 


आधी रात को नींद खुली ,उठी पीने को पानी ,

चम - चम कमरा चमक रहा,चंदा की फैली चाँदनी ,

मुस्काता चेहरा चंदा का,चमक चाँदनी की बढ़ा रहा ,

कमरा भी तो चाँदनी की ,चमक में नहा रहा | 


मैं मुस्काई देख कर ,चंदा का यह रूप ,

चंदा की थी चाँदनी ,या चंदा की थी धूप ,

ठंडी - ठंडी सी चमकीली ,चंदा की ये धूप ,

ना गर्मी थी इसमें कोई ,ना धूप की चकाचौंध | 


चंदा और चाँदनी मुस्काए ,देख मेरी मुस्कान ,

मेरे कानों में भी मानो ,बज उठी मीठी तान ,

सुर और ताल दोनों मिले ,बन गया मीठा गान ,

शब्दों की धड़कन मिली ,तैयार हो गया गान | 


Monday, July 3, 2023

CHANCHAL BADARI ( JALAD AA )

 

 

                        चंचल बदरी 


पूरे फैले आसमान में ,

नन्हीं सी एक बदरी आई ,

उड़- उड़ कर ,घूम - घूम कर ,

उसने तो शैतानी मचाई ,

नन्हीं बदरी फिरे अकेली ,

कोई ना साथी ,ना कोई सहेली ,

मैं कहती हूँ नन्हीं बदरी ,

मुझको तू बना ले अपनी सहेली | 


तुझको मैं प्यार करूँगी ,

तेरे संग मैं खेलूँगी ,

झूला तुझे झुलाऊँगी मैं ,

तेरे संग मैं झूलूँगी ,

दोनों सखियाँ इस दुनिया में ,

एक धरा पर ,दूसरी आसमान में ,

मगर एक बात दोनों में है ,

दोनों ही चंचल - चंचल ,बहुत ही चंचल हैं | 


Sunday, July 2, 2023

BAZAAR GAANV KAA ( JIVAN )

 

                        बाज़ार गाँव का 


भारत में जन्म लिया ,पली बढ़ी ,

लंबा जीवन बिता लिया ,मगर दोस्तों ,

मैंने गाँव नहीं देखा ,गाँव का जीवन ,

नहीं देखा और नहीं देखा ,वो है गाँव का बाज़ार | 


दिल्ली ,मुंबई में शामिल VILLAGE देखे ,

पर वो नहीं हैंअसली गाँव ,

और ना हैं उनमें गाँव का असली बाज़ार | 


कोई ना सखि ,ना सहेली ,

और ना कोई रिश्ता ,नाता ,गाँव में बसता ,

किस बहाने ,हम जाएँ देखने गाँव का बाज़ार | 


फिल्मों में ही देखे हैं मैंने ,

गाँव और गाँव का जीवन ,

मगर तमन्ना है बड़ी कि जाऊँ मैं ,

देखने गाँव  का  बाज़ार  |



Saturday, July 1, 2023

VILEEN ( RATNAAKAR )

 

                      विलीन 


हुई जो बर्फ़बारी ,आसमां से ,

पर्वतों ने बर्फ को रोका ,कहा मुस्का के ,

रुक जाओ , मैदानों में तुम नहीं जाओ ,

ढलानों पर ही ठहर जाओ | 


बर्फ को भी लगा ,सुंदर यह विचार ,

ठहर गई वह ,पर्वतों की ढलानों पर ,

सूर्य की किरणों ने जब उस ,

बर्फ को खूब चमकाया ,तो मानव ललचाया ,

यह सुंदर नज़ारा -- काश मेरे पास होता | 


सूरज की किरणोंने धीरे - धीरे ,

उस बर्फ को ऐसे पिघलाया , बर्फ से बना पानी ,

पानी की धारा ,रूप ले नदिया का ,

चली इठलाती ,बलखाती ,ढलानों से नीचे को | 


नदी लहराती हुई दौड़ी ,धरा को उपजाऊ बनाती ,

मैदानों में हरियाली बढ़ती गई ,

और दौड़ती गई ,दौड़ती गई ,

मीठे जल ,ठंडे जल से ,सभी की प्यास बुझाती गई ,

छलछलाती नदिया , अंत में जाकर  सागर में ,

विलीन हो गई ,विलीन हो गई | 


Thursday, June 29, 2023

AKELAAPAN ( JIVAN )

 

                     अकेलापन 


अकेलापन एक शब्द ही नहीं ,

एक भाव है ,एक सोच है ,एक स्तिथि है ,

जबहमारे साथ कोई नहीं होता ,

तब हमें सब अकेला समझते हैं दोस्तों | 


मगर क्या हम तब अकेले होते हैं ? 

नहीं ,हमारी सोच में कोई ना कोई होता है ,

कभी हम पिछले समय की ,यादों में डूबे होते हैं ,

कभी - कभी दोस्तों का साथ मिला होता है | 


कभी किसी पार्टी में ,

क्या सचमुच हम भीड़ का हिस्सा होते हैं ? 

कभी - कभी तो हम उस पार्टी में ,

अनजान चेहरों के बीच हम ,

 खुद कोअकेला पाते हैं दोस्तों ,वह  अकेलापन ,

बहुत निराशाजनक होता है दोस्तों ,

बहुत ही दुखदायी  होता है | 


Tuesday, June 27, 2023

SAMAJHDAARII ( JIVAN )

 

                          समझदारी 


जीवन में दुःख - सुख ,नामक दो लहरें हैं ,

दुःख की लहर को ,

जिसने धैर्य से पार कर लिया ,

वही सुख की सागरीय लहर में ,

तैरने का आनंद ले सकता है | 


जिंदगी में बनने वाले रिश्ते ,

दोस्ती ,प्यार ,मुस्कानों से सजाने वाला ही ,

ता - उम्र इनका आनंद ले सकता है | 

 

ऐसा होने पर ,वो जिंदगी देने वाला ( ईश्वर ) भी ,

मुस्कुराता है ,खुश होता है क्योंकि ,

वह जान जाता है , जिसे उसने जिंदगी दी है ,

वह उसे समझदारी से बिता रहा है | 



Sunday, June 25, 2023

ACHCHHAA ( KSHANIKA )

                           

                                अच्छा 


अच्छी किताबें ,अच्छी सोच ,और अच्छे लोग ,

सभी को अच्छे लगते हैं ,

ईश्वर भी उन्हीं को प्यार करते हैं ,

उन्हीं की परीक्षा लेते हैं ,

क्योंकि अच्छी सोच वाले ,अच्छे लोग ही ,

उनकी परीक्षाओं को ,बेहतर तरीके से ,

बेहतर अंकों के साथ ,पास कर जाते हैं | 


अच्छी किताबों को पढ़ने के लिए ,

समझ कर पढ़ना पड़ता है ,

अगर उनमें लिखी बातों को नहीं समझा ,

तो व्यर्थ ही समय गँवाया | 


अच्छी सोच  को जान कर ,

समझ कर ही जीवन में उतारना पड़ता है ,

यदि अपने जीवन में नहीं उतारा ,

तो व्यर्थ ही जीवन गँवाया | 


अच्छे लोगों की संगति में ,

स्वयं को अच्छा बनाया तो ठीक ,

अन्यथा उन लोगों की संगति में रहकर भी ,

व्यर्थ ही समय गँवाया | 


MUSKAANEN ( KSHANIKA )

 

                            मुस्कानें 


होठों पे  मुस्कान लिए मैं ,चलती गई एक राह पर ,

जो देखे वो भी मुस्का दे ,बढ़ जाए मेरी मुस्कान | 


खुश वो हो जाए जो देखे ,मेरे होठों की मुस्कान ,

इसी तरह मैं रही बाँटती ,पूरे ही रस्ते मुस्कान | 


पल - पल ,छिन - छिन बढ़ती गई ,मेरे होठों की मुस्कान ,

आओ दोस्तों ,तुम भी आओ ,बाँटो तुम भी ये मुस्कान | 

 

बाँटोगे मुस्कान  तो बंधु  ,बढ़ेगी तुम्हारी भी मुस्कान ,

जीवन भर जाएगा मुस्कानों से ,बाँटोगे जो तुम मुस्कान | 


Thursday, June 22, 2023

BATIYAAO ( KSHANIKA )

 

                              बतियाओ 


जीवन सफल बनाना है ,तो मुस्कुराओ ,

हर दिन जाग कर , सैर को निकल जाओ ,

हरियाली और फूलों से ,मिलकर बतियाओ | 


सूर्योदय को देखो ,और शुकराना मनाओ ,

सूर्यदेव के तेज से ,मुस्कुराई प्रकृति देख ,

तुम भी मुस्कुराओ ,और उन्हें शीश नवाओ | 


चिड़ियों के गीत सुनकर ,तुम भी  गुनगुनाओ ,

कोशिश करके उनकी आवाज़ में ,

तुम भी अपनी आवाज़ मिलाओ ,

 दिन की शुरुआत की ,मीठी कोशिश से ,

दिन भर में ऐसी कोशिश करते जाओ | 


और रात में , मीठी नींद में डूबकर ,

सपनों की सुंदर दुनिया की सैर कर आओ | 


Tuesday, June 20, 2023

JINDGII SE ( JIVAN )

 

               जिंदगी से 


जिंदगी इम्तिहान लेती है ,

हर दिन नया प्रश्न - पत्र देती है ,

हर प्रश्न - पत्र को हल करोगे बंधु ,

तभी उत्तीर्ण हो पाओगे | 


जिंदगी जब किसी को देती है ,

तो छप्पर फाड़ कर देती है ,

मगर जब लेती है तो ,

किसी का लिहाज़ नहीं करती है | 


जिंदगी का सदैव आदर करो ,

उसे प्यार दो ,मुस्कान दो ,

तो बदले में जिंदगी से ,

आदर ,प्यार और मुस्कानें पाओगे |