Monday, August 28, 2023

BANDAGII ( JIVAN )

 

                              बंदगी  


इस लोक में और परलोक में ,

एक श्वास का ही अंतर  है दोस्तों ,

श्वास चल रही है ,तो इस लोक में बसेरा ,

और श्वास रुक गई तो ,उस लोक में सवेरा | 


श्वास चलने से  ही ,सब रिश्ते - नाते ,

श्वास रुकते ही ,अनजान सब रिश्ते - नाते ,

श्वास के चलते ही ,सब कर्म हैं दोस्तों ,

श्वास के रुकते ही ,सब मर्म है दोस्तों | 


ये श्वास ही है ,जो जीवन है देती ,

ये श्वास ही है ,जो जिंदगी है देती ,

इसी श्वास के कारण ही तो ,

उस रचनाकार की बंदगी है दोस्तों | 



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