भ्रमजाल
जीवन में जो उलझन उपजी हैं ,कैसे कोई सुलझाए ?
उन्हीं उलझनों की गाठें ,और उलझती जाएँ |
उलझन कोई नहीं सादी ,भ्रमजाल फैलता जाए ,
अंतर्मन इन सब में दोस्तों ,और उलझता जाए |
क्या कोई साथी ,क्या कोई दोस्त ,कोई तो राह बताए ?
जिससे ये भ्रमजाल और उलझन ,आप ही सुलझते जाएँ |
क्या हम हैं ,क्या जीवन अपना , कुछ भी समझ ना आए ?
जो अपना है ,वही है सुंदर ,यह सोच सब भ्रम को मिटाए |
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