Sunday, August 6, 2023

MUSKURAAIE ( KSHANIKA )

 

                         मुस्कुराइए 


ख़ुशी हो या ग़म ,होठों पे मुस्कान सजाए रखिए ,

कोई साथ दे या ना दे ,

आशा और विश्वास बनाए रखिए | 


आशा और विश्वास के पलड़े में ,पहले खुद को तोलिए ,

तभी दूसरों को उस पलड़े में ,

बिठाने की हिम्मत कीजिए | 


यदि दूसरा कोई खरा ना उतरे ,तो क्रोध ना कीजिए ,

क्रोध एक जहर है ,तो इससे उत्पन्न ,

जहर को समाप्त कीजिए ,

इसलिए मुस्कुराइए ,मुस्कुराइए और मुस्कुराइए  | 

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