कमल
बरखा रानी आई ,ताल -तलैया भरे ,
उनके भरने से कमल खिले ,
कमलों के खिलने से ही तो ,ये कमल चले |
कमल को दूर - दूर से देखो ,
पास ना जाना ,फँस जाओगे ,
निकल ना पाओगे बंधु ,निकल ना पाओगे ,
हर कोई तोड़ नहीं सकता ,
हर कोई इसे पा नहीं सकता |
रहने दो खिला ,वहीं पर इसको ,
मत जन्म -स्थान से जुदा करो ,
जन्म - स्थान से प्यार उमड़ता ,
क्यों जन्म - स्थान से जुदा करो ?
राष्ट्रीय फूल है यह ,
विद्या की देवी ,सरस्वती का आसन है यह ,
शोभा इसकी बरक़रार रखो ,इसके जन्म - आवास में ,
ही सजा रहने दो इसे ,खिला रहने दो इसे |
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