Monday, August 21, 2023

KAMAL ( KSHANIKA )

 

                                 कमल 


बरखा रानी आई ,ताल -तलैया भरे ,

उनके भरने से कमल खिले ,

कमलों  के खिलने से ही तो ,ये कमल चले | 

 

कमल को दूर - दूर से देखो ,

पास ना जाना ,फँस जाओगे ,

निकल ना पाओगे बंधु ,निकल ना पाओगे ,

हर कोई तोड़ नहीं सकता ,

हर कोई इसे पा नहीं सकता | 

 

रहने दो खिला ,वहीं पर इसको ,

मत जन्म -स्थान से  जुदा करो ,

जन्म - स्थान से प्यार उमड़ता ,

क्यों जन्म - स्थान से जुदा करो ? 


राष्ट्रीय फूल है यह ,

विद्या की देवी ,सरस्वती का आसन है यह ,

शोभा इसकी बरक़रार रखो ,इसके जन्म - आवास में ,

ही सजा रहने दो इसे ,खिला रहने दो इसे | 


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