जागने - जगाने से
रवि - किरणों से खिली सुबह ,सुंदर सुबह ,
रंगों से भरी सुबह ,ना मिले माँगने से ,
ना मिले खरीदने से ,ये मिले सिर्फ जागने से |
रात की निद्रा भी क्या ,माँगने से मिलती ?
ये मिलती सिर्फ ,
अंतर्मन में खुशियों की बीना छेड़ने से |
आनंद दिल में उगता ,दिल का कमल है खिलता ,
अपनी खुशियाँ दूसरों में बाँटने से ,
उनकी मुस्कानें जगाने से |
ये सब कुछ होता है ,दिल खुशियों के ,
सागर में गोते लगाता है ,
अपनी जरूरतें समेटने से ,
दूसरों की खुशियों में खुश होने से |
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