शब्द स्नेह के
स्नेह के कुछ शब्द ,जो उसने कहे नहीं ,
उन अनकहे शब्दों को ,जो ज़ुबां मिल जाती ,
तो कानों में रस टपकता ,
और दिल की कली खिल जाती |
प्रेम के कुछ धागे ,जो उसने बुने नहीं ,
उन धागों को बुन लेने से ,
अपना आशियाना सज जाता ,
चमन फूलों से भर जाता |
आज भी जो वो बोल दे ,
उन शब्दों को जुबां दे दे ,
तो जीवन महक जाएगा,
प्यारा और सुंदर सा इंद्रधनुष भी छा जाएगा |
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