Friday, August 11, 2023

JHADII BARAKHA KII ( KSHANIKA )

 

                              झड़ी बरखा की 


बरखा की लगी है झड़ी ,ज्यों हो मोतियन की लड़ी ,

मौसम सुहाना हुआ ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


रूप कलियों का खिलने लगा ,हरेक गुँचा महकने लगा ,

जीवन जैसे चटकने लगा ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


रंग खुशियों के बिखरने लगे ,इंद्रधनुष भी बनने लगे ,

फूलों से गुलशन सब सजने लगे ,दिल सभी का मस्ताना हुआ | 


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