Friday, September 1, 2023

RAAKHII CHAAND KII ( CHANDRAMA )

  

             राखी   चाँद  की 


माँ भारती की मिली जो राखी ,

 उसे बाँध चाँद मुस्काया ,

खिड़की पर आहट जो आई ,

देखा जो   मैंने चंदा को पाया | 


चंदा बोला -- सखि खोल के खिड़की ,

मेरी राखी को देखो ,

दिखा - दिखा के अपनी राखी ,

चंदा खूब मुस्काया ,

कभी नहीं मैंने चंदा को ,

इतना खुश पाया | 


ये सब है पहली बार ,

राखी का आदान - प्रदान ,

जुड़ा है रिश्ता माँ भारती ,

और आसमां के चाँद का ,

चंदा तो सचमुच ही ,

बन गया है मामा ,भारतीय बच्चों का | 

 

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