विचार
जो पल बीत गए हैं दोस्त , बन गए हैं अतीत ,
जो पल आने वाले हैं दोस्त ,वो हैं पर्दे के पीछे ,
क्यों जोड़ें हम विचार उन्हीं से ?
बीते पल ना आने वाले ,जो आने वाले ,
वो हैं अनजाने ,
क्यों जोड़ें हम विचार उन्हीं से ?
आज के पल साथ हमारे ,उन्हीं को खुशियों में बिताएँ ,
क्यों ना जोड़ें हम विचार उन्हीं से ?
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