खामोश उलझनें
जितना भी शोर मचे दिल में ,बाहर मत आने दो ,
ख़ामोशी की तह में उसे दबा दो ,बाहर मत आने दो ,
सभी उलझनें छिप जाएँगी ,तहों के बीच में ,
शोर में तो कोई उलझन ,दूर नहीं होती ||
धीरे से ,शांति से ,प्यार से ,उलझनों को दूर करो ,
उन्हीं उलझनों को ,तुम अपनी कोशिश कर लो ,
ईश्वर भी उन्हीं की मदद करते हैं ,
जो खुद की मदद करने को ,तत्पर रहता है ||
सफलता उन्हीं को मिलती है ,
जो मेहनत ,शांति और प्यार का रास्ता अपनाता है ,
बिना शोर ,उलझनों और ,समस्याओं का हल ढूँढता है ||
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