तुम्हारे लिए
तरक्की करो ,छू लो ऊँचाइयाँ ,
सीढ़ियाँ चढ़ो ,ना उतरना नीचे
बढ़ो आगे, आगे ही आगे ,
ना मुड़ के देखना पीछे ,
खुला है सारा आसमां ,तुम्हारे लिए ||
मगर ना छोड़ना ,अपनी विनम्रता ,
ना छोड़ना ,अपना नम्र व्यवहार ,
यही तो है ,जीवन का मूल आधार ,
जो है रिश्तों का आधार ,
खुला है हर रिश्ता ,तुम्हारे लिए ||
तुम्हारे मीठे बोल ,बाँध देंगे ,
हर रिश्ते की डोर को ,तुम्हारा नम्र व्यवहार ही ,
जोड़ेगा रिश्तों की ,डोर के छोर को ,
बनेगा हर रिश्ता मजबूत ,तुम्हारे लिए ||
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