मेरा चंदा
पूरा गगन है खाली - खाली ,कहाँ गया मेरा चंदा ?
नहीं चाँदनी फैली है , सारा जग सोया - सोया ,
ढूँढो कोई तो मेरा चंदा ,जो छिड़काए चाँदनी ,
अँधियारे जग में छा जाए ,चाँदी जैसी चाँदनी ||
गोल - गोल जो चंदा आए ,सारे जग को वो चमकाए ,
दूर करे अँधियारी रातें ,चम - चम सा चमका जाए ,
मानव मन भी प्रसन्नता के ,सागर में गोते खाए ,
देख चाँदनी की उज्ज्वलता ,मुस्कानों के फूल खिलाए ,
ढूँढ के लाओ मेरा चंदा , ढूँढ के लाओ मेरा चंदा ||
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