Saturday, November 18, 2023

SAVAAL UNSULJHE ( JIVAN )

 

                      सवाल अनसुलझे  


हमें कुछ - कुछ मिला है , जीवन की इस बगिया में ,

कुछ फूल हैं ,कुछ काँटे हैं ,

जो उस ईश्वर ने सभी को बाँटे हैं ,

सुगंध से भरा हमारा दरीचा है ,

जिसे हमने बड़ी मेहनत से सींचा है ,

जिसमें फूलों से खिला इक गलीचा है || 


कुछ -कुछ सवाल भी हैं ,

कुछ सुलझे और कुछ अनसुलझे सवाल हैं ,

कुछ सवालों ने मुस्कानें हैं जगाईं ,

अनसुलझों  ने मलाल ,

कोई बताए ऐसा तरीका ,जिससे सुलझें सवाल || 


सवालों की गलियों में ,जो फँस गया ,

वही तो गलियों में ,भटकता चला गया ,

सवालों के बीच में ,उग आए हैं अनेक नए सवाल ,

उन सवालों की राह में ,मेरा दिल उलझता चला गया || 


सवालों के उत्तर भी ,खो गए हैं राहों में ,

कौन खोजेगा उन्हें ? दिल -दिमाग की चाहों में ,

रुक जाएगा क्या कारवां ? 

सवालों का किन्हीं राहों में   ?

क्या मिल जाएगा सुकून ? सवालों के जवाबों में || 

 

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