Wednesday, November 15, 2023

HAMEN SOCHNA HAI ( JIVAN )

 

                             हमें सोचना है 


जिंदगी देती है टेढ़े -मेढ़े रास्ते ,हमें चलना के लिए ,

हमें उन पर कैसे चलना है ?ये हमें सोचना है || 


उन्हीं रास्तों को,एक क्रम में लगाना ,

फिर उन पर चलना ,अपनी सुविधा के अनुसार ,

जिससे जीवन अनुकूल रहे ,ये हमें सोचना है || 


कदम हमारे ,रास्ते हमारे ,हमें किस दिशा में ले जाएँ ?

किस मंजिल तक पहुँचाएँ ? हम कितनी दूर तक जाएँ ?

ये हमें सोचना है || 


दिल में ख़ुशी लिए ,होठों पर मुस्कान लिए 

बिना माथे की शिकन ,या चेहरे पर थकान लिए ,

हम जिस मंजिल पर पहुँचेंगे ,वही हमारी मंजिल होगी ,

ये हमें सोचना है || 


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