Friday, December 29, 2023

MANN MEIN ( JIVAN )

 

                         मन में 


मत ढूँढो खुशियाँ जग में ,ढूँढो अपने मन में ,

वहीं तो ये बसती हैं ,और हमको खुश रखती हैं || 


खुशियाँ ना खरीदी जातीं ,खुशियाँ ना बेची जातीं ,

ये तो मन में बस कर के ,मंद - मंद मुस्कातीं || 


होठों पे मुस्कानें लातीं ,संग में सबको खुश कर जातीं ,

जो भी ढूँढ ले इनको ,उसको खिल - खिल कर जातीं || 


संख्या इतनी कर जातीं ,झोली सबकी भर जातीं  ,

कभी - कभी तो बंधु अपनी ,

झोली छोटी पड़ जाती ,झोली छोटी पड़ जाती || 

 


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