खोए सामान
सामान है भौतिक वस्तु , खो सकता है ,
मगर कुछ सामान ,जो दिल से जुड़े हैं ,
उनका खोना तो दोस्तों ,
बहुत ही बड़ा नुकसान है ||
याद करो वो बचपन के खिलौने ,
जिनसे बचपन चहचहाता था ,मुस्कुराता था ,
वो कंचे ,वो गुल्ली डंडा ,
नन्हीं सी मेरी गुड़िया ,जिससे बातें होती थीं ||
थोड़ा बड़े होने पर ,किशोर अवस्था में ,
रेडियो से दोस्ती होने पर ,गीत गुनगुनाए गए ,
बिनकन गीत माला ,अमीन सयानी जी की बातें ,
आज भी कानों में गूँजती हैं ||
वो रेडियो कहाँ खो गया ?
वो खिलौने आज नहीं मिल सकते ,
ये खोए सामान कहाँ जा कर सो गए ?
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