Wednesday, December 13, 2023

GUNGUNAATE GEET ( GEET )

                      

                          गीत 


गुलज़ार साहब ने एक गीत लिखा था ,

मेरा कुछ सामां तुम्हारे पास पड़ा है ,

बहुत सुंदर और बहुत ही प्यारा गीत ,

पूरे ही जग से निराला गीत ,

उसी गीत से प्रेरित ,मेरे भी शब्द खिले ,

और बन गया ,मेरे भावों से भरा गीत || 


बचपन के गलियारों में ,गूँजते मेरे ठहाके ,

सहेलियों को पुकारती ,मेरी खिलती पुकारें ,

उन्हीं में सुनाई देतीं ,मेरे कदमों की आहटें ,

अगर मिल जाएँ ,तो उनका पता मुझे दे दो || 


बचपन के कुछ बरसों बाद ,

गुनगुनाहटों में बीतते ,वो सुंदर से लम्हे ,

जिंदगी से भरपूर ,वो हमारे कहकहे ,

दौड़कर सिनेमा हॉल में पड़ते ,वो हमारे कदम ,

पहले दिन ,पहला शो देख कर ,

वो आँखों का चमकना ,होठों का मुस्कुराना ,

इन सबका पता यदि मिल जाए ,

तो आज भी गुनगुना उठेंगे हमारे गीत || 


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