Wednesday, December 6, 2023

JALAD MUKHII ( JALAD AA )

 

                          जलद मुखी 


बदरा घिरे हैं देखो ,आज तो सखि ,

मैं बन गई हूँ ,मानो  जलद मुखी ,

सूरज मुखी घूमे ,सूरज के साथ - साथ ,

मैं घूम रही हूँ ,बन के जलद मुखी || 


खिल रही है मुस्कान मेरी ,बदरा को देख - देख ,

बदरा भी तो मुस्का रहे ,मुझको देख - देख ,

प्यार और दोस्ती ,दोनों ही बढ़ रहे ,

इस प्यार ने ही तो मुझको ,बनाया जलद मुखी || 


रिमझिम फुहारें बदरा की ,मुझपे पड़ रहीं ,

बूँदों में प्यार बदरा का ,मुझ को मिल रहा ,

ऐसे में तो मुस्कान मेरी ,और बढ़ रही ,

हर कोई मुझको कह रहा ,तू है जलद मुखी || 


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