जलद मुखी
बदरा घिरे हैं देखो ,आज तो सखि ,
मैं बन गई हूँ ,मानो जलद मुखी ,
सूरज मुखी घूमे ,सूरज के साथ - साथ ,
मैं घूम रही हूँ ,बन के जलद मुखी ||
खिल रही है मुस्कान मेरी ,बदरा को देख - देख ,
बदरा भी तो मुस्का रहे ,मुझको देख - देख ,
प्यार और दोस्ती ,दोनों ही बढ़ रहे ,
इस प्यार ने ही तो मुझको ,बनाया जलद मुखी ||
रिमझिम फुहारें बदरा की ,मुझपे पड़ रहीं ,
बूँदों में प्यार बदरा का ,मुझ को मिल रहा ,
ऐसे में तो मुस्कान मेरी ,और बढ़ रही ,
हर कोई मुझको कह रहा ,तू है जलद मुखी ||
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