स्त्री
मैं एक स्त्री हूँ ,हाँ ,जी हाँ ! मैं एक स्त्री हूँ |
बेटी बन के जन्मी मैं ,माता - पिता की बेटी जन्मी ,
मैं बेटी थी ,माता -पिता का भी तो जन्म हुआ ,
मेरे जन्म से पहले ,वो कहाँ थे माता -पिता ?
दादी -दादा की पोती हूँ ,उनका भी तो रिश्ता जन्मा ,
बुआ - चाचा की बनी भतीजी ,नए रिश्ते में वो भी बँधे |
नानी -नाना की नातिन हूँ ,जुड़ा है नया रिश्ता ,
मौसी -मामा की बनी भाँजी ,वो भी बँधे नए रिश्ते में |
ये सब जन्म के रिश्ते हैं ,बाकि सब हैं बाद के ,
आज तो मैं किसी की पत्नी ,किसी की बहू ,
बहन और भाभी ,माँ हूँ ,सासू माँ हूँ ,नानी हूँ ,
हैं ना दोस्तों ,सुंदरतम रिश्ते ,
इन सबसे अलग आप सबकी दोस्त हूँ ,
मगर एक स्त्री हूँ मैं ,स्त्री ,स्त्री ,स्त्री |
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