ठंडी धूप
चाँद ने लिया है पूरा रूप ,चम -चम चमके उसका रूप ,
चाँदनी फैली है चहुँ ओर ,मानो चाँद की फैली ठंडी धूप |
रात का अँधियारा भागा ,देख चाँदनी की ठंडी धूप ,
रात भी चमक गई है दोस्त ,मानो उसने भी बदला रूप |
चाँद मुस्काया देख -देख ,धरा का उजला -उजला रूप ,
धरा भी शर्माई सी देख ,चाँद की मुस्कानों की धूप |
काश हर रात चाँद चमके ,ऐसे -ऐसे और ऐसे ही ,
अँधियारा दूर भाग जाए ,ख़त्म हो अंधकार का कूप |
बदले रात का काला रंग ,धरा भी नहाए चाँदनी में ,
चाँद भी नभ में मुस्काए ,चाँदनी जग में मुस्काए ,
बन के ठंडी धूप ,बन के ठंडी धूप |
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