Monday, October 2, 2023

THANDII DHOOP ( CHANDRAMA )

 

                                ठंडी  धूप 


चाँद ने लिया है पूरा रूप ,चम -चम चमके उसका रूप ,

चाँदनी फैली है चहुँ ओर ,मानो चाँद की फैली ठंडी धूप | 


रात का अँधियारा भागा ,देख चाँदनी की ठंडी धूप ,

रात भी चमक गई है दोस्त ,मानो उसने भी बदला रूप | 


चाँद मुस्काया देख -देख ,धरा का उजला -उजला रूप ,

धरा भी शर्माई सी देख ,चाँद की मुस्कानों की धूप | 


काश हर रात चाँद चमके ,ऐसे -ऐसे और ऐसे ही ,

अँधियारा दूर भाग जाए ,ख़त्म हो अंधकार का कूप | 


बदले रात का काला रंग ,धरा भी नहाए चाँदनी में ,

चाँद भी नभ में मुस्काए ,चाँदनी जग में मुस्काए ,

बन के ठंडी धूप ,बन के ठंडी धूप | 


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