राधा का जवाब
मैंने ना बंसरी चुराई ,रे कान्हा ,
चोरनी नहीं मैं कन्हाई , कन्हाई रे ||
तुम तो हो कान्हा ,उसके दीवाने ,
गाते हो उसमें मधुरम तराने ,
चहुँ दिस परत सुनाई ,सुनाई रे |
मैंने ना बंसरी चुराई ||
माना उसकी तान है मीठी ,
कभी तो राखो उसको दीठी ,
क्यों हर पल उसको बजाई ,बजाई रे ?
मैंने ना बंसरी चुराई ||
सारे जग के तुम हो प्यारे ,
राधे - कृष्णा कह के पुकारें ,
मैं भी तो जग मन भाई ,भाई |
मैंने ना बंसरी चुराई ||
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