जलद आ
आया बदरा झूम के ,गर्जन के साथ ,
साथ ले दामिनी को ,तर्जन के साथ ,
दोनों ही खिलखिलाएँ ,बच्चों को वो डराएँ ,
धीरे बदरा धीरे ,धीरे करो गर्जन |
रिमझिम सी बरखा आई ,बच्चों का डर है भागा ,
खेलें वो बरखा में ,मौसम है भीगा - भागा ,
बच्चों के खेल देखे ,तो दोनों मुस्कुराए ,
दोनों की ही धीरे - धीरे ,कम हो गई गर्जन |
बच्चों ने बनाई कश्ती ,कागज की ,और तैराई ,
जिधर को कश्ती तैरी ,उधर ही दौड़ लगाई ,
दोनों की आवाज में ,बच्चों ने आवाज मिलाई ,
बच्चों के मुकाबले ,कम थी दोनों की गर्जन |
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