सीढ़ियाँ
सीढ़ियों पर चढ़ते जाओ ,और अपनी मंजिल पाओ ,
एक -एक सीढ़ी चढ़ोगे ,तो आसमान छूने के लिए बढ़ोगे ,
सीढ़ियाँ हमेशा ऊँचाइयों तक पहुँचाती हैं ,
करो कोशिश ऊँचाइयों तक पहुँचने की ,
आसमान छूने की |
आज मानव सीढ़ी की जगह ,लिफ्ट का प्रयोग करता है ,
मगर लिफ्ट तो सिर्फ भाग्य है ,जिसका भाग्य साथ देगा ,
लिफ्ट कुछ पलों में ,ऊँचाइयों पर पहुँचा देगी ,
मगर दोस्तों लिफ्ट बंद हुई तो ,तो क्या होगा ?
धड़ाम से नीचे गिर जाओगे ,
मेहनत की सीढ़ियाँ चढ़ते जाओगे ,
तो सीढ़ियाँ ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगी ही ,
नीचे नहीं गिराएँगी ,नीचे नहीं लुढ़काएँगी ||
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