Sunday, October 8, 2023

MAHAABHARAT HAR YUG KII ( JIVAN )

 

                      महाभारत हर युग की  


एक महाभारत थी कौरव ,पांडव और कृष्ण की ,

आज के युग में है , एक नई महाभारत ,

उसमें भीष्म ,धृतराष्ट्र और पांडु तो हैं ,

मगर विदुर नहीं है ,कृष्ण नहीं हैं  || 


भीष्म के कंधों पर ,अतीव जिम्मेदारियाँ हैं ,

कोई सुख नहीं ,जीवन भर बोझ ढोना है ,

आज उनके साथ उनकी सहचरी है ,

जो साथ में भार ढोती है || 


धृतराष्ट्र आराम से बैठकर ,सुख भोगता है ,

साथ में उनका परिवार भी ,राजसी सुख भोगता है ,

कर्म चाहे उनके कैसे हों ? मगर सुख सारे हों || 


पांडु भी सुखों का भागी बनता है ,

कोई जिम्मेदारी नहीं ,उसके परिवार के हिस्से ,

कुछ दुःख ,कुछ सुख आते हैं ,

उनके साथ कृष्ण जो हैं || 


उस युग में भीष्म को ,तीरों की शैय्या मिली थी ,

आज के भीष्म को ,तानों के तीरों की शैय्या मिलती है ,

कुछ तो जीवन संवर जाए उनका भी ,

काश भीष्म को कोई कृष्ण ,

और कोई विदुर मिल जाएँ ,काश ऐसा हो जाए || 


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