कर्म
धर्म दिखाए रास्ता ,कर्म चलाए रास्ता ,
कर्म जो सुंदर होयं तो ,भाग्य सजाए रास्ता ||
सज जाए जब रास्ता ,पार करना आसान होय ,
जीवन की मंजिल मिले ,कठिनाई ना होय ||
सुंदर कर्म के बीज जो ,डालो मन के खेत ,
सुंदर फसल मिलेगी तब ,नहीं तो उड़ेगी रेत ||
दूजों के कर्मों की बंधु ,नकल करो ना कोय ,
अपने मन में तोल के ,तभी करो तुम सोय ||
( जो ठीक लगे वह कर्म )
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