ओस की बूँद
मैं हूँ एक ओस की बूँद ,जन्म मेरा होता है ,
रात के अँधियारे में ,जब ठंडक सी होती ,
सुबह -सवेरे ही मैं ,फूलों पर हूँ मिलती |
हरी घास है बिस्तर मेरा ,मैं हूँ उस पर सोती ,
मेरा रूप - रंग देख कर ,
हर आँख ही खुश होती |
मोती जैसा मेरा रूप ,सबके ही मन को भाता ,
सबके होठों की मुस्कान देख कर ,
मैं भी खुश हो लेती ,मैं भी खुश हो लेती |
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