Thursday, July 27, 2023

BACHPAN KE KHEL ( JIVAN )

     

                       बचपन के खेल 


जब से याद हमें जीवन है ,बचपन के हैं खेल अनोखे ,

गेंद था शायद पहला खिलौना ,उसके बाद तो पिट्ठू आए | 


बना फर्श पर दस नंबर का खेल ,स्टापू से खेले हम ,

कंचे बहुत ही प्यारे लगते ,उनसे भी खूब हम | 


खूब ही कूदे रस्सी से ,अकेले भी और समूह में भी ,

इन सबके अलावा ,छुपन - छुपाई ,आईस - पाईस ,

पकड़म - पकड़ी ,ऊँच - नीच ,सब ही थे खेल हमारे ,

लूडो ,साँप - सीढ़ी ,जीरो - काँटा ,सी - सॉ ,

झूला ,फिसल - पट्टी ,क्या - क्या थे खेल हमारे ?


झूला  तो बहुत  बाद तक झूले ,

आज भी उसका मज़ा लेते हैं ,

आज तो यही कुछ शब्द याद आते हैं ,

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ,

वो बीते हुए खेल ,वही उम्र ,वही चाह | 



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